महादेव शायरी हिंदी attitude महादेव शायरी (Mahadev Shayari Hindi Attitude Mahadev Shayari)
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महादेव शायरी हिंदी attitude |
1)
कोई कितनी कोशिश कर ले कुछ नही
#_बिगाड़ सकता माई का लाल
कियौकि जिसके हम #+बालक है नाम है
#_महाकाल..
2)
भोले के दरबार में, दुनिया बदल जाती है,
रहमत से हाथ की, लकीर बदल जाती है,
लेता है जो भी दिल से महादेव का नाम,
एक पल में उसकी तकदीर बदल जाती है
3)
#पागल सा #बच्चा हूँ, पर #दिल से #सच्चा हूँ,
थोड़ा सा #आवारा हूँ पर #भोलेनाथ तेरा ही #दीवाना हूँ..!!
4)
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महादेव शायरी हिंदी attitude |
हम भोलेनाथ नाम की शमा के छोटे से परवाने है,
कहने वाले कुछ भी कहे हम तो #भोलेबाबा के दिवाने है..!
5)
गरज उठे गगन सारा समुन्दर छोड़ें अपना किनारा,
हिल जाए जहान सारा जब गूंजे महादेव का नारा..!
6)
दुनिया की हर मुहब्बत मैने, स्वार्थ से भरी पायी हैं,
पवित्र प्यार की खुशबू सिर्फ मेरे महादेव के चरणों से आयी हैं।
7)
घनघोर अँधेरा ओढ़ के मैं जन जीवन से दूर हूँ,
श्मशान में हूँ नाचता मैं मृत्यु का ग़ुरूर हूँ।
8)
जिन्दा साँस और मुरदा राखचिलम मे गाँजा दूध मे भाँग,
देव भी सोचे बार बार दम लगाये हजार बार ऐसे है महाकाल।
9)
व्याप्त हैं शिव सृष्टि में, शिव सत्य दोनों एक हैं,
शिव कृपा से सत्य का पथ दृष्टिगत हो आपको।
जय शिव शंभो, हर हर महादेव
10)
कोई कहे शिवशंभू और शंकर कोई कहे कैलाशपति,
कोई कहे भुतनाथ मैं तो कहूँ सबकी सुनो बाबा भोलेनाथ।
11)
अघोर हूँ मैं, अघोरी मेरा नाम,
भोलेनाथ है आराध्य मेरे, और शमशान मेरा धाम।
12)
दुश्मनों कि ताकत से हम मरा नही करते,
भोलेनाथ के दिवाने है हम किसी से डरा नही करते।
13)
नतमस्तक हैं आपके आगे शीश भोले और कहीं न झुकने देना,
भोलेनाथ बस दर्शन दे दो फिर चाहे मेरे प्राण ही हर लेना।
14)
भोलेनाथ, तेरी नशे वाली आँखों का बड़ा नाम हैं,
आज नजरों से पिला दे गांजा भांग का क्या काम हैं।
15)
कण कण में भोलेनाथ आपका ही वास हैं,
हर भक्त के लिए आप और हर भक्त आपके लिए खास हैं।
16)
हम बनारसी हैं गुरु हम पर भोलेनाथ का साया हैं,
हमारे लिए महादेव ही सबकुछ बाकी सब मोहमाया हैं।
17)
शिव ही दीपक, शिव ही बाती,
शिव जो नही, तो सब कुछ माटी।
नीलकंठ महादेव की जय, ॐ नमः शिवाय
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महादेव शायरी हिंदी attitude |
18)
रोम रोम में शिव हैं, दुनिया भर में शिव हैं,
आज भी शिव हैं कल भी, ये महाकाल शिव हैं।
19)
सिर्फ कह देने से कोई भगवान नहीं हो जाता,
विष पान करना पड़ता हैं शिव शंकर की तरह।
20)
विभत्स हूँ, विभोर हूँ, मैं समाधी में ही चूर हूँ,
मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ, मैं शिव हूँ।
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