रिश्तों की दर्द भरी शायरी 💔 !! जिंदगी की दर्द भरी शायरी !! (Painful poetry 💔 of relationships!! The painful poetry of life!!)

रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔 !! जिंदगी की दर्द भरी शायरी !! (Painful poetry 💔 of relationships!! The painful poetry of life!!)


रिश्तों की दर्द भरी शायरी 2 Line

दिल धड़कने का सबब याद आया
वो तिरी याद थी अब याद आया
- नासिर काज़मी साहब ❤️
*****
ज़रा देर बैठे थे तन्हाई में
तिरी याद आँखें दुखाने लगी
💔🥀
- आदिल मंसूरी
*****

जो दिल रखते हैं सीने में वो काफ़िर हो नहीं सकते
मोहब्बत दीन होती है वफ़ा ईमान होती है
💔🥀 
- आरज़ू लखनवी

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा
आज फिर याद कोई चोट पुरानी आई
- इक़बाल अशहर 💔
*****
तबीअत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में
हम ऐसे में तिरी यादों की चादर तान लेते हैं
- फ़िराक़ गोरखपुरी 💔
*****

जिंदगी की दर्द भरी शायरी 2 Line

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के
वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 💔
*****
करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता
- गुलाम मोहम्मद क़ासिर 💔🥀
*****
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ
- साहिर लुधियानवी 💔🥀
*****
न दूँगा दिल उसे मैं ये हमेशा कहता था
वो आज ले ही गया और 'ज़फ़र' से कुछ न हुआ 💔
- बहादुर शाह जफ़र💔
*****
मैं हूँ दिल है तन्हाई है
तुम भी होते अच्छा होता 🥀
- फ़िराक़ गोरखपुरी 💔🥀
*****
दिल में इक दर्द उठा आँखों में आँसू भर आए
बैठे बैठे हमें क्या जानिए क्या याद आया
- वज़ीर अली सबा लखनवी 💔🥀
*****
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए।💔🥀
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 💔
*****
और तो क्या था बेचने के लिए
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं 💔
- जॉन एलिया साहब 💔🥀
*****
न झटको ज़ुल्फ़ से पानी ये मोती टूट जाएँगे
तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा मगर दिल टूट जाएँगे 🥀💯
- राजेंद्र कृष्ण 💔🥀
*****
हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही  जाएँगे....
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ....
- क़ातिल शिफ़ाई 💔🥀
*****

किसी की याद में दर्द भरी शायरी

जाते जाते आप इतना काम तो कीजे मिरा
याद का सारा सर-ओ-सामाँ जलाते जाइए
- जॉन एलिया साहब 💔🥀
*****
याद आई है तो फिर टूट के याद आई है
कोई गुज़री हुई मंज़िल कोई भूली हुई 
दोस्त
- अहमद फ़राज़ 💔🥀
*****
हम ही में थी न कोई बात याद न तुम को आ सके
तुम ने हमें भुला दिया हम न तुम्हें भुला सके
- हाफ़िज़ जालंधरी 💔🥀
*****
सोचता हूँ कि उस की याद आख़िर
अब किसे रात भर जगाती है 💔🥀
- जॉन एलिया साहब 💔
*****
तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो
आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ ज़माना
- शक़ील बदायुनी 💔🥀
*****
दोनों हाथों से लूटती है हमें
कितनी ज़ालिम है तेरी अंगड़ाई
- ज़िगर मुरादाबादी 🥀❤️
*****
और तो क्या था बेचने के लिए
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं 💔
- जौंन एलिया साहब 💔
*****
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया 💔
- शक़ील बदायुनी 💔🥀
*****
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
- जाँ निसार अख्तर 💔🥀
*****
अब तो उन की याद भी आती नहीं
कितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँ 💔🥀
- फ़िराक़ गोरखपुरी
*****
भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम
क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए
- ख़ुमार बाराबंकवी 💔🥀
*****
आप की याद आती रही रात भर''
चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 💔🥀
*****
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो
- बशीर बद्र साहब 💔🥀
*****
तुम से छुट कर भी तुम्हें भूलना आसान न था
तुम को ही याद किया तुम को भुलाने के लिए
- निदा फ़ाज़ली 💔🥀
*****
मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती
हमारे दरमियाँ ये फ़ासले, कैसे निकल आए
- ख़ालिद मोईन 💔🥀
*****
ज़िंदगी भर के लिए रूठ के जाने वाले
मैं अभी तक तिरी तस्वीर लिए बैठा हूँ
- केसर-उल-जाफरी 💔🥀
*****
उस की राहों में पड़ा मैं भी हूँ कब से लेकिन
भूल जाता हूँ उसे याद दिलाने के लिए
- ज़ेब गौरी 💔🥀
*****
कुछ बिखरी हुई यादों के क़िस्से भी बहुत थे
कुछ उस ने भी बालों को खुला छोड़ दिया था
- मुन्नवर राणा 💔🥀
*****
हाँ उन्हीं लोगों से दुनिया में शिकायत है हमें
हाँ वही लोग जो अक्सर हमें याद आए हैं
- राही मासूम रजा 💔🥀
*****
जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ
जाने क्यूँ लोग मिरे नाम से जल जाते हैं
- क़ातिल शिफ़ाई 💔💯
*****
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज   तुम   याद   बे-हिसाब   आए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 💔🥀
*****
क्या है जो बदल गई है दुनिया
मैं भी तो बहुत बदल गया हूँ
- जॉन एलिया साहब 💔
*****
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा'द ये मा'लूम
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी
- अहमद फ़राज़ 💔🥀
*****
हम भूल सके हैं न तुझे भूल सकेंगे
तू याद रहेगा हमें हाँ याद रहेगा
- इब्न-ए-ईशा 💔🥀
*****
उम्र का लम्बा हिस्सा कर के दानाई के नाम
हम भी अब ये सोच रहे हैं पागल हो जाएँ
- शहरयार 💔🥀
*****
अंदाज़ अपना देखते हैं आइने में वो
और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो
- निज़ाम रामपुरी 💔🥀
*****
मैं तुझ से साथ भी तो उम्र भर का चाहता 
था सो अब तुझ से गिला भी उम्र भर का हो गया है
- इरफ़ान सत्तार 💔🥀
*****
उसे पता ही नही इंतज़ार का दुःख जॉन
में कभी उसके पास कभी देर से गया ही नही।
- जॉन एलिया साहब 💔🥀
*****
बात ये है कि लोग बदल गए है
दुःख ये है की वो मानते भी नही।
- जॉन साहब 💔🥀
*****
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है।
- मीर तक़ि मीर 💔🥀
*****
न दूँगा दिल उसे मैं ये हमेशा कहता था
वो आज ले ही गया और 'ज़फ़र' से कुछ 
न हुआ 🥀
- बहादुर शाह ज़फर 💔🥀
*****
रात भी नींद भी कहानी भी
हाए क्या चीज़ है जवानी भी
- फ़िराक़ गोरखपुरी 💔🥀
*****
सिरहाने 'मीर' के कोई न बोलो
अभी टुक रोते रोते सो गया है
- मीर तक़ी मीर 💔🥀
*****
क्या सितम है कि अब तिरी सूरत
ग़ौर करने पे याद आती है।💔🥀
- जॉन एलिया साहब 💔🥀
*****
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
वक्त ए रुखसत वो मुझे यूं गले लगा के रोया
जैसे गिरती हुई दीवार कोई दीवार पर गिरे...!!
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
किस तरह होगा हम फकीरो का गुजारा सोचे...
उससे कहना की वो एकबार दोबारा सोचे....🙃
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
कॉल नहीं करता कान सुरीले नही होते अब...
मेरे मैसेज के निशान नीले नहीं होते अब...🙃
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
इससे पहले कि मुश्किले मारे...
मशवरे हमको मार डालेंगे...🙃
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
इश्क तो हर शख्स करता है " यार "
तुमने अपना हाल ये क्या कर लिया...🙃
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
कल रात आए थे तुम ख्वाब में मेरे...
इतनी फुर्सत तुम्हें मिली कैसे....🥲
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
उससे मिलने की तलब तोड़ने के लिए...
जाने कितने लोगो से मिलना पड़ता है....😅
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
कुछ चाहतों कुछ ख्वाबों की धड़कन लिए हुए,
दिल अब भी धड़कता है, आहिस्ता आहिस्ता।
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
हम सब को अपना
थोड़ा-थोड़ा बचपन बचा कर
रखना चाहिए,
अपने-अपने प्रेमियों के लिए।
#Barfi
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
कहां था ना भूल जाओगे...
इस बात पर कितना लड़ा करते थे तुम...🙃
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
मैने कह कर भी देखा और चुप रह कर भी...
तुम दोनो ही सुरतो मे नासमझ ही निकले...🥲
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
बस इतनी सी इच्छा है
कुछ बच्चे , तुम और मैं....😌
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
तुम से तो खैर इश्क था...
खुद से बड़े गिले रहे....🙃
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
कहानी सरसरी सुनते हैं आप...
कभी तो पूछिए फिर क्या हुआ...!!🙃
रिश्तों की दर्द भरी शायरी  💔
*****
कर दिए लो आज गंगा में प्रवाहित...
तुम्हारे पत्र , तुम्हारे चित्र , तुम निश्चित रहना...😊
खुद को खोने का पता ही नहीं चला,
किसी को पाने के लिए, यूं इंतेहा कर दी हमने !!!🙃

मर गई जो माशुका थी मुझमें...
अब एक स्त्री है जो बदमिजाज बहुत है...😌

इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ 
वगरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने 
 
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 
मुझे अब तुम से डर लगने लगा है 
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या 
 इज़हार 
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 
हम को यारों ने याद भी न रखा 
'जौन' यारों के यार थे हम तो 
दोस्त 
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 
उस गली ने ये सुन के सब्र किया 
जाने वाले यहाँ के थे ही नहीं 
मौत 
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 
दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते 
अब कोई शिकवा हम नहीं करते 
दिल 
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 
कितनी दिलकश हो तुम कितना दिल-जू हूँ मैं 
क्या सितम है कि हम लोग मर जाएँगे 
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 
क्या कहा इश्क़ जावेदानी है! 
आख़िरी बार मिल रही हो क्या 
 इश्क़ 
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 

और तो क्या था बेचने के लिए 
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं 
ख़्वाब
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 

तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो 
मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो 
****
जॉन एलिया साहब की शायरी 
इजाज़त 

सोचता हूँ कि उस की याद आख़िर 
अब किसे रात भर जगाती है 

जॉन एलिया साहब की शायरी
Click here 👇👇👇👇👇

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ