#मेरी_माँ माँ के बिना जीवन - Life without #मेरी_माँ mother
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मेरी मां का आशीर्वाद वो टीका है
जिसके सामने हर मुश्किल हर दर्द
फीका है..!!
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खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी
जब मैंने मुस्कराती हुई माँ देखी..!
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जहाँ सबकुछ माफ हो जाता है
वो जगह है माँ का दिल..!
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क्या चाहिए कितना बाकी है,
सुकून पाने के लिए माँ से
बात ही काफी है.!!
माँ की कमी
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मांग लूँ ये दुआ की फिर यही जहाँ मिले
फिर वाली गोद मिले फिर वही माँ मिले..!
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जो सब पर कृपा करे उसे ईश्वर कहते है
जो ईश्वर को भी जन्म दें उसे मां कहते हैं..!
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जब तक मेरे सर पर मां का हाथ है
फर्क नहीं पड़ता कौन मेरे खिलाफ है..!!
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तेरे ही आँचल में निकला बचपन तुझ से
ही तो जुड़ी हर धड़कन कहने को तो माँ
सब कहते पर मेरे लिए तो है तू भगवान..
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जिंदगी की पहली Teacher माँ, जिंदगी की
पहली Friend माँ, Jindagi भी माँ क्योकि, Zindagi
देने वाली भी माँ…!
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माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा, ममता का हक़ भी
कौन अदा करेगा, रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा…!
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सारी दुनियां फिकर करना छोड़ सकती है…
लेकिन मेरी माँ नही..
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हर गली हर शहर हर देश-विदेश देखा
लेकिन मां तेरे जैसा प्यार कहीं नहीं देखा..
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न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी…
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माँ से रिश्ता कुछ ऐसा बनाया जिसकी निगाहों में
बिठाया जाए रहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की वो
अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया न जाये…!
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ख़ुदा ने ये सिफ़त दुनिया की हर औरत को बख्शी है,
कि वो पागल भी हो जाए तो बेटे याद रहते है।
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ये कैसा कर्ज़ है जिसे मैं अदा कर ही नहीं सकता,
मैं जब तक घर न आ जाऊं माँ सजदे में रहती है।
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तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फलक,
मुझको मेरी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।
#मेरी_माँ
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कभी मुस्कुरा दे तो लगता है ज़िंदगी मिल गयी मुझको,
माँ दुखी हो तो दिल मेरा भी दुखी हो जाता है।
#माँ_दुखी
माँ के बिना जीवन
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जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है,
माँ दुआ करती हुई ख्वाब में आ जाती है।
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उसके होंठों पे कभी बद्दुआ नहीं होती,
बस इक माँ है जो कभी खफा नहीं होती।
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जब-जब कागज पर लिखा मैंने माँ का नाम,
कलम अदब से बोल उठी हो गये चारों धाम।
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सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है,
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है।
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मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दी,
सिर्फ एक कागज़ पर लफ्जे माँ रहने दिया।
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स्कूल का वो बस्ता मुझे फिर से थमा दे माँ,
जिंदगी का सफ़र मुझे बड़ा मुश्किल लगता है।
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ज़ख्म जब बच्चे को लगता है तो माँ रोती है,
ऐसी निस्बत किसी और रिश्ते में कहाँ होती है।
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जरा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाए,
कि मेरी माँ दीये से मेरे लिए काजल बनाती है।
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सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये,
माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये।
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चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।
माँ के लिए दो शब्द
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सूना-सूना सा मुझे ये घर लगता है,
माँ जब नहीं होती तो बहुत डर लगता है।
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भूख तो एक रोटी से भी मिट जाती माँ,
अगर थाली की वो रोटी तेरे हाथ की होती।
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माँग लूँ यह दुआ कि फिर यही जहाँ मिले,
फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।
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सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ।
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माँ के लिए स्टेटस 2 line
यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ,
जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ।
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काला टीका दूध मलाई आज भी सब कुछ वैसा है,
मैं ही मैं हूँ हर जगह प्यार ये तेरा कैसा है?
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वो लिखा के लाई है किस्मत में जागना,
माँ कैसे सो सकेगी कि बेटा सफ़र में है।
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ऐ अँधेरे देख मुँह तेरा काला हो गया,
माँ ने आँखें खोल दी घर में उजाला हो गया।
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कुछ इस तरह वो मेरे गुनाहों को धो देती है,
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।
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तेरे क़दमों में ये सारा जहान होगा एक दिन,
माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले।
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गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।
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पहाड़ो जैसे सदमे झेलती है उम्र भर लेकिन,
बस इक औलाद की तकलीफ़ से माँ टूट जाती है।
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माँ पहले आँसू आते थे तो तुम याद आती थी,
आज तुम याद आती हो और आँसू निकल आते है।
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सब कुछ लेने पर भी समर्पण करने का हुनर,
हमें अपने “पिता” से ही सीखना चाहिए,
और सब कुछ हार कर भी ये जग जित लेने का हुनर,
एक “माता” से बेहतर कोई नहीं सीखा सकता है।
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बताया नही कभी उसे हमने अपने दिल का हाल फ़िर भी सब समझती है,
बचा लेती है जो हर बार मेरी डूबती हुईं कश्ती हाँ मेरी माँ ही वो हस्ती है।
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जिस एक लफ्ज़ से है मेरी दुनिया सारी,
मुझे मेरा वो जहाँ वापस लौटा दे,
चाहे बदले में मेरी जिंदगी लेले खुदा,
बस मुझे मेरी माँ वापस लौटा दे।
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दुआ है रब से वो शाम कभी ना आए,
जब माँ दूर मुझसे हो जाए।
माँ के लिए कुछ लाइन
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जिसने मुझे ही लिखा उसके बारे में मैं क्या लिखूँ,
यही तमन्ना है मेरी उसे मैं सदा खुश रख सकू,
मुझे वो प्रसन्न दिखे और उसे मै मुस्कुराता दिखू,
जिसके ममता का कर्ज मै कभी न चुका सकूँ,
उस ममतामयी माँ के बारे में मैं अब क्या लिखूँ।
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अपने खुद के बटुए से दस रुपये चुरा के रख लेता हूँ,
ऑफिस के टिफ़िन में से पराठा जैम चख लेता हूँ,
भागते भागते कहीं मैं कही दूर तो नहीं निकल आया,
माँ पिता को भूला नहीं कुछ यु ऐसे परख लेता हूँ।
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ममता की कोई जुबान नहीं होती हैं,
और माँ बाप के प्यार की होती तस्वीर नहीं होती हैं,
जिसको मिला है माँ बाप के चरणों की वो छाया,
उससे अच्छी कोई तकदीर नहीं होती हैं।
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घूमी है दुनिया देखे है मंदिर – मस्जिद,
मां से तो शुरु धर्म के सारे स्थान भी है,
माँ तेरे क़दमों में मेरी जन्नत और मेरा सम्मान भी है।
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किसी की नज़रों में मैं भले कम लगूँ ,
फर्क नहीं पड़ता मुझे कुछ ऐसा हुँ मैं,
हाँ जो खुद पे शक हो आये कभी तो,
बस अपनी माँ से पूछ लेता हुँ कि बता कैसा हूँ मैं।
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परवाने की तरह हर दम बस आग मे ही जलते हैं ,
जो नज़रों से गिर गये वो मुश्किल से ही संभलते हैं,
ख़तरा और हादसात मेरे नज़दीक नहीं आते,
अपने माँ के कदम चूमकर हम घर से जो निकलते हैं।
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बहती है जो पवित्र गंगा धरातल से तो कभी पलकों तले,
अशुद्ध मन को शुद्व करती है जैसे बहती गंगा पावन भूमि तले,
विरक्त हो कर भी सबसे महादेव के हैं जटाओं में है बसती,
कभी माँ बन कर आँसू पोछती तो कभी बह जाती कभी पलकों तले।
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बाबा के चले जाने के बाद माँ को पूरे घर की ज़िम्मेदारी उठाते देखा है,
कुछ इस तरहा मैंने माँ को भी मेरा बाप बनते देखा है।
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माँ तेरी करामात से है ज़िन्दगी मेरी,
माँ तेरी खिदमत में है ये बंदगी मेरी,
माँ तेरी हर दुआ में है फ़िक्र मेरी,
माँ तेरे कदमो में है ये जन्नत मेरी।
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मैं क्यों न लिखूं मेरी माँ पर जिसने मुझें लिखा हैं,
मैंने इस दुनिया में सबसे पहले माँ बोलना ही सीखा हैं।
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जनाब मां का नाम लिखकर एक ग़ज़ल बना रहा हूं मै,
हां एक असल खुदा की सी शक़ल बना रहा हूं मैं,
उसने उपवास रखे है मेरे लिए कई बार,
उसी के हिस्से की बची हुई रोटियां खा रहा हूं मैं।
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बिना बताये ही वो हर बात जान जाती है,
वो माँ ही तो अपनी दोस्त बन जाती है,
गर हो कोई मुसीबत आये तो ढाल बन जाती है,
वो माँ ही जो दुआ बन जाती है।
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न इन आँखों में अब कोई ख्वाब है किसी के,
न इस दिल को अब किसी की ख्वाइश है,
तेरी गोद में कटे माँ मेरा अब हर लम्हा,
बस इतनी सी ही मेरी फरमाइश है।
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तेरे ऎहसास से हम ग़म भूला जाते है,
तेरे होने से मेरे दुख सारे मिट जाते है,
तेरी प्यारी मुस्कुराहट से दिल भर जाते है,
तुझे दुनिया की हर ख़ुशी दूं यहीं मेरी तमन्ना है।
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जिस एक लफ्ज़ से है मेरी दुनिया सारी,
मुझे मेरा वो जहाँ फिर लौटा दे,
चाहे तो मेरी जिंदगी लेले ऐ खुदा,
बस मुझे मेरी प्यारी माँ लौटा दे।
मां के लिए प्यार भरी शायरी
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यकीनन ईश्वर से बिलकुल कम नहीं है मेरी मां जनाब,
लफ्ज़ कम पड़ जाएंगे उनके एहसान लिखने लिखने।
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चीख़ती है चिल्लाती भी है,
रोती भी है बिलखती भी है,
जब मेरी माँ ग़ुस्सा हो जाती है,
तो अपनी आँखों में आँसू
लिए चुप-चाप सो जाती है।
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इस एहसान फरामोशों के मेले में,
एक दिल सच्चा सा चाहते है,
माँ के जैसा निस्वार्थ प्रेम करने वाला,
एक साथी हम सच्चा चाहते हैं।
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जब भी देखा मेरे किरदार पे धब्बा कोई,
देर तक बैठ के तन्हाई में रोया कोई। 'मेरी माँ'
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जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।
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हैरान हो जाता हूँ मैं अक़्सर,
देखकर खुदाओं के दर पे हुजूम, माँ,
तेरी गोद में मुझे, जन्नत का एहसास होता है।
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माँ है तो फिर सब कुछ है इस जहाँ में,
कौन कहता है यहाँ जन्नत नहीं मिलती।
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नींद भी भला इन आँखों में कहाँ आती है,
एक अर्से से मैंने अपनी माँ को नहीं देखा।
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दुआ है रब से वो शाम कभी ना आए,
जब माँ दूर मुझसे हो जाए।
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घुटनों से रेंगते-रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गया,
माँ तेरी ममता की छाँव में, जाने कब बड़ा हो गया।
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ना जाने माँ क्या मिलाया करती हैं आटे में,
ये घर जैसी रोटियाँ और कहीं मिलती नहीं।
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वो लम्हा जब मेरे बच्चे ने माँ पुकारा मुझे,
मैं एक शाख़ से कितना घना दरख़्त हुई।
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माँ कर देती है पर गिनाती नहीं है,
वो सह लेती है पर सुनाती नहीं है।
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न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी,
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी।
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रब से करू दुआ बार-बार हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार
खुदा कबूल करे मेरी मन्नत फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।
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तन्हाई क्या होती उस माँ से पूछो,
जिसका बेटा घर लोट कर नही आया।
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बिना हुनर के भी वो चार ओलाद पाल लेती है,
कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।
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