गुलजार की शायरी भाग - 1 (Gulzar's poetry part - 1)

गुलजार की शायरी भाग - 1 (Gulzar's poetry part - 2)

  • गुलजार की दो लाइन शायरी
  • गुलजार की शायरी जिंदगी दोस्ती
  • गुलजार की दो लाइन शायरी love

काग़ज़ से मिट गया जो, दिल पर तो लिखा होगा
ग़र हो गई मोहब्बत कोई तो फ़ना होगा
नज़रें चुराने का भी कोई तो सबब होगा
जो कह सके नहीं लब, आँखों में दिखा होगा...
-गुलजार
==========================
तेरी नज़र के नश्तर, महफ़िल में चल रहे हैं
Pकोई तो जान देगा, कोई तो क़ज़ा होगा...
-गुलजार
==========================
क्यों उड़ के एक पतंगा, जल जायेगा शमा पर
कोई सुरूर होगा कोई तो मज़ा होगा...
-गुलजार
==========================
वो हँसें तो फैले है मौसिकी ज़हन में
कहीं पे तार कोई, दिल का तो बजा होगा...
-गुलजार
==========================
तू हो साथ जिसके, महफ़िल में उसका जलवा
जो तेरी नापसंदी, कौड़ी में बिका होगा...
-गुलजार
==========================
बिखरा हुआ ये काजल आँखों में सुर्ख़ डोरे
ये रात कैसी बीती, कोई तो जगा होगा...
-गुलजार
==========================
खुलवा ना ले जमाना, महबूब की मुट्ठी को
उस हाथ की मेंहदी में मेरा नाम सज़ा होगा...!!
-गुलजार
==========================
बहुत कहा था तुमसे मुझे अपना मत बनाओ
अब अपना बना ही लिया है तो तमाशा मत बनाओ
-गुलजार
==========================
जब सोचते हैं करले दोबारा मोहब्बत
फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है
-गुलजार
==========================
हम अपनी रूह तेरे जिस्म में छोड़ आये
तुझे गले से लगाना तो एक बहाना था।
-गुलजार
==========================
हर एक जज़्बात हो जुबान नहीं मिलती
हर एक आरजू को दुआ नहीं मिलती।
-गुलजार
==========================
सब्र करो जिसके तुम काबिल हो
ज़िंदगी वो हर चीज तुम्हे देगी।
-गुलजार
==========================
दर्द तब होता है जब तुम्हे किसी से मोहब्बत हो
और उसके दिल में कोई और हो।
-गुलजार
==========================
मुस्कान बनाये रखो तो दुनिया है साथ
बरना आंशुओ को तो आँखों में भी पनाह नहीं मिलती।
-गुलजार
==========================
कभी कभी इरादा सिर्फ दोस्ती का होता है
और पता ही नहीं चलता कब प्यार हो गया।
-गुलजार
==========================
किसी ने मुझसे कहा तुम बहुत अच्छे हो।
मैंने भी उससे कहा बस यही तो खराबी है
-गुलजार
==========================
यकीन मानो वह इंसान तुम्हे सच में चाहता है।
जो अक्सर फ़ोन काटते वक्त तुमसे ये कहता है
की तुम्हारे हर परेशानी में मैं तुम्हारे साथ हु।
-गुलजार
==========================
बुरा वक़्त तो गुज़र ही जायेगा
बस वही लोग नहीं गुज़रते
जिनकी वजह से वो बुरा वक़्त आया है
-गुलजार
==========================
बड़ी मुददत से मिलता है
बड़ी शिददत से चाहने वाला
-गुलजार
==========================
कभी इसका दिल रखा कभी उसका दिल रखा
इस कशमकश में भूल गए खुद का दिल कहां रखा
-गुलजार
==========================
जिन्हें अपने प्यार की कदर होती है
वह उनके लिए वक्त निकाल ही लेते है
-गुलजार
==========================
फर्क था हम दोनों की मोहब्बत ने
मुझे उससे ही थी उसे मुझसे भी थी
-गुलजार
==========================
रिश्ते धीरे-धीरे खत्म होते है
लेकिन पता अचानक से चलता है
-गुलजार
==========================
जिंदगी जीने के लिए बनी थी
हमने सोचने में गुजार दी
-गुलजार
==========================
मैं ठहर गया वह गुजर गई
वह गुजर गई सब ठहर गया
-गुलजार
==========================
कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते
आवाज तुम ना दो तो बोलते वह भी नही
-गुलजार
==========================
sad gulzar shayari
तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने
सुख गया वो तेरा गुलाब मगर फेका नहीं मैंने।
-गुलजार
==========================
जिन लोगो की हंसी खूबसूरत होती है
याद रखना की उनके ज़ख्म बहुत गहरे होते हैं।
-गुलजार
==========================
मंजिल भी उसकी थी रास्ता भी उसका था
एक हम अकेले थे काफिला भी उसका था।
-गुलजार
==========================
अपने दिल की हाल हर एक को मत बताया करो
यंहा तमाशा बनने में देर नहीं लगती।
-गुलजार
==========================
इंसान कितना भी किस्मत वाला क्यों न हो
फिर भी ज़िंदगी में कुछ खुवाईसे अधूरी रह जाती है।
-गुलजार
==========================
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का
अधूरी हो सकती है मगर ख़त्म नहीं।
-गुलजार
==========================
कहते हैं जो पा लिया वो मोहब्बत ही क्या
जो सुलगता रहे वही इसक लाजवाब है
-गुलजार
==========================
आँखे तलाब नहीं फिर भी भर जाती है.
दिल कांच नहीं फिर भी टूट जाता है
और इंसान मौषम नहीं फिर भी बदल जाता है।
-गुलजार
==========================
आँशु का बूंद है ये ज़िंदगी का सफर
कभी फूल में तो कभी धूल में।
-गुलजार
==========================
फुर्सत मिले तो कभी बैठकर सोचना
तुम ही मेरे अपने हो या हम भी सिर्फ तुम्हारे हैं
-गुलजार
==========================
मुझे रिश्तो की लंबी कतारों से मतलब नहीं
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स भी काफी है
-गुलजार
==========================
जाने वाले को जाने दीजिये
आज रुक भी गया तो
कल चला जायेगा
-गुलजार
==========================
माफ़ी चाहता हूँ
तेरा गुनहगार हू ऐ दिल,
तुझे उसके हवाले किया
जिसे तेरी क़दर नही थी
-गुलजार
==========================
ये तो दस्तूर है
जो जितने पास है
वो उतना ही दूर है
-गुलजार
==========================
हम चाय पीकर कुल्हड़ नहीं तोड़ पाते
दिल तो खैर बहुत दूर की बात है
-गुलजार
==========================
खुशियाँ चाहे किसी के साथ भी बाँट ले पर
अपने गम किसी भरोसेमंद के साथ ही बांटने चाहिए
-गुलजार
==========================
तुम्हें मोहब्बत कहां थी
तुम्हें तो सिर्फ़ आदत थी
मोहब्बत होती तो हमारा
पल भर का बिछड़ना भी
तुम्हे सुकून से जीने नहीं देता।
-गुलजार
==========================
gulzar sad shayari in hindi
उन्हें कल हैरानी हुयी हमे इस हाल में देखकर
की भला टूटकर भी कोई मुस्कुराता है।
-गुलजार
==========================
ये सारे खेल अहसासों का है ज़नाब
वरना मोहब्बत तो साथ फेरो के बाद भी नहीं होती।
-गुलजार
==========================
साथ साथ चलने की कस्मे भी उसी की थी
और रास्ता बदलने का फैसला भी उसका था।
-गुलजार
==========================
बिना आवाज़ का रोना
रोने से भी ज्यादा दर्द देता है।
-गुलजार
==========================
किसी से प्यार करो बस उम्मीद मत रखो
तकलीफ प्यार करने से नहीं करने से होती है।
-गुलजार
==========================
सजा देने हमे भी आती है
पर तू तकलीफ से गुजरे यह हमे गवारा नहीं।
-गुलजार
==========================
जो लोग तुमसे तंग आ जाये उसे छोड़
दो क्योकि बोझ बन जाने से याद बन जाना बेहतर है
-गुलजार
==========================
जो तुमने किया सायद वो इसक नहीं था
क्यों की वो इसक नहीं जो साथ छोड़ दे।
-गुलजार
==========================
आँशु छुपा रहा हु तुमसे की दर्द बताना नहीं आता
बैठे बैठे भींग जाती है पलके दर्द छुपाना नहीं आता।
-गुलजार
==========================
मुस्कुराहटें झूठी भी हो सकती है
इंसान को देखना नहीं समझना सीखो।
-गुलजार
==========================
उसके चले जाने के वाद हमने मोहब्बत नहीं की
छोटी सी ज़िंदगी है किस किस को आजमाते रहे।
-गुलजार
==========================
इल्जाम तो कांटे पर ही आएगा
ये सोचकर फूल भी कई बार जख्म दे जाते हैं
-गुलजार
==========================
बड़ी तसल्ली से देखा मैं उससे अगर
आज नींद नहीं आयी तो कोई बात नहीं।
-गुलजार
==========================
हर तनहा रात में एक नाम याद आता है
कभी सुबह कभी शाम याद आता है
-गुलजार
==========================
मैंने हर दर्द में इंसान को मरते देखा है
कम्बख्त इसक तुझे मौत क्यों नहीं आती।
-गुलजार
==========================
मेरे किरदार को मेरे आज से ना जान
मैं जब पौधा था तब भी बरगद था
-गुलजार
==========================
रोए बगैर तो प्याज भी नही कटता
यह तो जिंदगी है जनाब ऐसे कैसे कट जाएगी
-गुलजार
==========================
पूरा दिन गुजर गया और आपने याद तक ना किया
मुझे नही पता था कि इश्क में भी इतवार होता है


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ