गुलजार की शायरी भाग - 2 (Gulzar's poetry part - 2)
- गुलजार शायरी Love
- गुलज़ार एक अहसास
- गुलजार की यादें
ज़िन्दगी पर शायरी
1. सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो।
- गुलजार की शायरी
2. तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा करके,
दिल के बाज़ार में बैठे हैं ख़सारा करके।
- गुलजार की शायरी
3. हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी ख़ामोशी,
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
- गुलजार की शायरी
4. कभी कभी यूँ भी हमने अपने जी को बहलाया है,
जिन बातों को खुद नहीं समझे औरों को समझाया है।
- गुलजार की शायरी
5. राहें बदल जाएं, जिंदगी का सफर न बदलें,
क्या हुआ अगर हम बदल जाएं, मोहब्बत का असर न बदलें।
- गुलजार की शायरी
6. कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी,
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़मां हमारा।
- गुलजार की शायरी
7. तेरे जाने के बाद हर वक्त ये महसूस हुआ,
तू जहाँ भी है, वहां सिर्फ मेरा है।
- गुलजार की शायरी
8. जो न मिलने का हो अहद, वो मिलते क्यों हैं?
ख्वाब बनकर जो बिखरते हैं, वो सिलते क्यों हैं?
- गुलजार की शायरी
दोस्ती पर शायरी
1. दोस्ती का रिश्ता भी कितना अजीब होता है,
मिल जाए तो बातें लंबी और बिछड़ जाए तो यादें लंबी।
- गुलजार की शायरी
2. वक़्त की यारी तो हर कोई करता है मेरे दोस्त,
मज़ा तो तब है जब वक़्त बदले और यार ना बदले।
- गुलजार की शायरी
3. दोस्ती में सच्चाई और दोस्ती में अच्छाई न हो,
तो किसी से दोस्ती मत करना,
क्योंकि ये रिश्ता नाजुक होता है।
- गुलजार की शायरी
4. दोस्तों से बिछड़ कर ये एहसास हुआ,
ग़ालिब थे तो ग़मों का भी मज़ा आता था।
- गुलजार की शायरी
5. ज़िन्दगी रहे ना रहे दोस्ती कम न होगी,
हमारी दोस्ती कभी खत्म न होगी।
- गुलजार की शायरी
6. कितनी लम्बी खामोशी से गुजर रहे हैं हम,
आज फिर किसी ने पूछा है हाल कैसे हैं हम।
- गुलजार की शायरी
7. सच्चा दोस्त मिलना बहुत ही मुश्किल है,
मैं खुद हैरान हूँ कि तुम लोगों ने मुझे ढूंढ कैसे लिया।
- गुलजार की शायरी
8. दोस्त बनकर भी नहीं साथ निभाने वाला,
वही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माना चाहे।
सफ़र में धूप
सफ़र में #धूप तो होगी जो चल सको तो चलो,
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो।
- गुलजार की शायरी
तुझसे #नाराज़ नहीं ज़िन्दगी हैरान हूँ मैं,
तेरे मासूम सवालों से परेशान हूँ मैं।
- गुलजार की शायरी
कोई छुपा है इस #दिल में तेरी चाहत की तरह,
जिसे मैंने कहीं #खुद में ही दबा रखा है।
- गुलजार की शायरी
यादें बेचैन करती हैं और #खामोशी मारती है,
तन्हाईयाँ भी देखो कैसी सज़ा देती हैं।
- गुलजार की शायरी
एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है,
मैंने हर करवट सोने की कोशिश की है।
- गुलजार की शायरी
तन्हाई में भी गुज़र ही जाती है,
जिन्दगी, लोग मोहब्बत को यूँ ही बदनाम करते हैं।
- गुलजार की शायरी
ग़म का ख़ज़ाना तेरा भी है मेरा भी,
ये मामला ज़रा अलग सा है।
- गुलजार की शायरी
आँखों से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा,
जाने वाले तू हमें याद बहुत आएगा।
- गुलजार की शायरी
हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी ख़ामोशी,
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
- गुलजार की शायरी
तेरी हर बात #मोहब्बत में #गवारा करके,
दिल के बाज़ार में बैठे हैं ख़सारा करके।
- गुलजार की शायरी
जख्म कहां कहां से #उठाऊं,
दिल की जमीन पर बिछा रखा है।
ख़ुशबू की तरह
ख़ुशबू की तरह, यादें हमारी संजोए रखना,
कभी खुद से खुद को रुलाने के लिए।
- गुलजार की शायरी
कभी किसी को #मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,
कहीं ज़मीं तो कहीं #आसमाँ नहीं मिलता।
- गुलजार की शायरी
दिन कुछ ऐसे #गुज़ारता है कोई,
जैसे #एहसान #उतारता है कोई।
- गुलजार की शायरी
#चाँद #पिघले तो हर एक बात कहूँ,
रात हो तो तेरी सारी #रात कहूँ।
- गुलजार की शायरी
जिस उम्र में #मोहब्बत का सुरूर होता है,
#अफसोस उस #उम्र में दिल टूट जाता है।
- गुलजार की शायरी
दिल अगर है तो #दर्द भी होगा,
इसकी #आदत सी हो गयी है हमें।
- गुलजार की शायरी
वो भी न देखे मेरी #आँखों की नमी,
और हम भी न कहें अपनी बात उससे।
- गुलजार की शायरी
चाँद के पास जो #सितारा है,
वो भी #ज़ख़्मी है, मगर दूर से लगता है।
- गुलजार की शायरी
किसी ने हाथ से #हाथ छुड़ाया होगा,
किसी ने #ज़रूर ये तोड़ के देखा होगा।
- गुलजार की शायरी
कितना ग़ज़ब का है उसकी यादों का #मौसम,
बरसों बाद भी #बारिश की तरह बरसता है।
ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर - गुलजार की शायरी
ज़िन्दगी तुझसे हर #कदम पर समझौता क्यों किया जाए,
शौक जीने का है #मगर इतना भी नहीं कि मर #मर कर जिया जाए।
- गुलजार की शायरी
#खामोशी का एक अपना मज़ा है,
तुम न #समझो तो और क्या है।
- गुलजार की शायरी
वो #नदियों का बहाव था जो,
हम #बहते चले गए।
- गुलजार की शायरी
वक़्त के साथ #बदल गया हर रिश्ता,
और अब #खुद को भी #अजनबी सा लगता है।
- गुलजार की शायरी
हाथ छूटे भी तो #रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
- गुलजार की शायरी
दिल भी बहुत #अजीब है,
कभी खुशी से भी #दुःखता है।
- गुलजार की शायरी
उसने ही #फ़ोन किया था,
मगर मेरे #दिल ने उठा न सका।
- गुलजार की शायरी
आज भी #रोती है वो #तस्वीर मेरी,
जो मैंने कभी #ख्वाब में #देखी थी।
- गुलजार की शायरी
चंद लम्हों की #जिंदगी है,
कभी #हंसाते हैं कभी #रुलाते हैं।
- गुलजार की शायरी
कुछ इस तरह से #बेवफाई की उसने,
हम से दूर होकर भी पास आकर #दर्द दिया।
- गुलजार की शायरी
जिसे छोड़ दिया हो हमने कभी,
फिर उसे याद करना ठीक नहीं।
प्यार हमेशा दर्द देता है, - गुलजार की शायरी
मुझे मालूम है प्यार हमेशा #दर्द देता है,
मगर जीने के लिए ये भी #सहना पड़ता है।
- गुलजार की शायरी
तू भूल जाए मुझे ऐसा कभी हो नहीं सकता,
मैं तुम्हारी #याद हूँ मेरी #आदत कभी छूटे नहीं।
अजीब थी - गुलजार की शायरी
वो शाम भी #अजीब थी,
वो हिज्र भी #अजीब था।
- गुलजार की शायरी
वो रात भी अजीब थी,
वो बात भी अजीब थी।
- गुलजार की शायरी
#उदासियों की वजह से,
#हसीनों की तरह बदलते हैं।
- गुलजार की शायरी
अब हम न करेंगे तुझसे कोई भी #शिकायत,
बस खुद से ही कहेंगे तेरी हर #नाइंसाफी।
- गुलजार की शायरी
तुम नहीं हो तो कुछ भी #कमी नहीं है,
बस सब कुछ ही #अधूरा सा लगता है।
- गुलजार की शायरी
तू क्या जाने #दर्द क्या होता है,
तू क्या जाने #तन्हाई क्या होती है।
- गुलजार की शायरी
वो जो हर #रात जागते हैं,
वो जानते हैं #दर्द क्या होता है।
- गुलजार की शायरी
#ज़िन्दगी में जो हमसे दूर है,
वो भी हमारे #दिल के करीब है।
- गुलजार की शायरी
दिल का #दर्द किसी को दिखाया नहीं करते,
वो दर्द जो #दिल में है किसी से कहा नहीं करते।
- गुलजार की शायरी
कोई नहीं था तुम्हारे जैसा,
#तुम भी वैसे नहीं रहे जैसे थे।
- गुलजार की शायरी
#दिल ने तो चाहा था तुम्हें भूल जाना,
मगर हो न सका, किसी और को दिल दे न सका।
तुम बदल गए हो, - गुलजार की शायरी
कोई कहता है, तुम बदल गए हो,
कोई कहता है, हमने भी कोशिश की, मगर कामयाब न हुए।
- गुलजार की शायरी
अब भी याद आती है उसकी हर बात,
मगर दिल ने उसे भुला दिया है।
- गुलजार की शायरी
#तुझसे दूर रहकर,
तुझे महसूस कर रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तू मुझे भूल जाए और मैं तुझे भूल जाऊँ,
इसकी #संभावना बहुत कम है।
- गुलजार की शायरी
दिल में यादें हैं मगर दिल #उदास नहीं है,
बस तन्हाई है, और कुछ भी नहीं।
तेरी यादें इतनी प्यारी हैं, - गुलजार की शायरी
तेरी यादें इतनी प्यारी हैं,
कि भूलने का दिल नहीं करता।
- गुलजार की शायरी
मुझे तेरे बिना जीना सिखा दिया,
मगर दिल को तुझसे #मोहब्बत है।
- गुलजार की शायरी
वो लौट आएंगे एक दिन ये #दिल कहता है,
मगर #हकीकत कुछ और है।
- गुलजार की शायरी
तुझे #भुलाना आसान नहीं है,
मगर फिर भी #कोशिश कर रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना भी अब #ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं,
मगर #दिल कहता है, #तुमसे फिर मिल जाएँ।
- गुलजार की शायरी
मुझे किसी की #परवाह नहीं,
बस तुम्हारी यादें #परेशान करती हैं।
- गुलजार की शायरी
तू मेरा पहला और #आखिरी प्यार है,
इसका यकीन है, #मगर फिर भी तुझसे दूर हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल से तेरी यादें #हटाई नहीं जा सकती,
मगर #तुझसे कोई गिला नहीं।
- गुलजार की शायरी
वो जो #तुझसे #प्यार करते हैं,
वो भी #तेरे बिना जी रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी #दिल #उदास है,
मगर हम #मुस्कुरा रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरी #मोहब्बत में जो जख्म मिले,
वो आज भी #दर्द देते हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल ने चाहा था तुझे #भुलाना,
मगर यादें तुझसे मिलकर ही आती हैं।
- गुलजार की शायरी
तुझे भुलाना #मुमकिन नहीं है,
मगर फिर भी #दिल को समझा रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी #दिल #उदास है,
मगर #हंसने की #आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी #ज़िन्दगी वीरान है,
मगर जीने की #आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल में #तेरी #यादें हैं,
मगर दिल को #भुलाने की #आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी #दिल #तड़पता है,
मगर दिल को #सुकून देने की #आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरी #मोहब्बत में जो #जख्म मिले,
वो आज भी दिल को दर्द देते हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल रोता है,
मगर दिल को #हंसाने की #आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल ने चाहा था तुझे भुलाना,
मगर यादें #तुझसे मिलकर ही आती हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी #दिल #वीरान है,
मगर दिल को #सजाने की #आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी #दिल #उदास है,
मगर हंसने की #आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
#दिल में तेरी #यादें हैं,
मगर #दिल को भुलाने की आदत #डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी #दिल तड़पता है,
मगर दिल को #सुकून देने की #आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरी #मोहब्बत में जो जख्म मिले,
वो आज भी #दिल को #दर्द देते हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल रोता है,
मगर दिल को हंसाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल ने चाहा था तुझे भुलाना,
मगर यादें तुझसे मिलकर ही आती हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल वीरान है,
मगर दिल को सजाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल उदास है,
मगर हंसने की आदत डाल रहे हैं।
दिल में तेरी यादें हैं, - गुलजार की शायरी
दिल में तेरी यादें हैं,
मगर दिल को भुलाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल तड़पता है,
मगर दिल को सुकून देने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरी मोहब्बत में जो जख्म मिले,
वो आज भी दिल को दर्द देते हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल रोता है,
मगर दिल को हंसाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल ने चाहा था तुझे भुलाना,
मगर यादें तुझसे मिलकर ही आती हैं।
- गुलजार की शायरी - तेरी मोहब्बत
तेरे बिना अब भी दिल वीरान है,
मगर दिल को सजाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल उदास है,
मगर हंसने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल में तेरी यादें हैं,
मगर दिल को भुलाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल तड़पता है,
मगर दिल को सुकून देने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरी मोहब्बत में जो जख्म मिले,
वो आज भी दिल को दर्द देते हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल रोता है,
मगर दिल को हंसाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल ने चाहा था तुझे भुलाना,
मगर यादें तुझसे मिलकर ही आती हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल वीरान है,
मगर दिल को सजाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल उदास है,
मगर हंसने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल में तेरी यादें हैं,
मगर दिल को भुलाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल तड़पता है,
मगर दिल को सुकून देने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरी मोहब्बत में जो जख्म मिले,
वो आज भी दिल को दर्द देते हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल रोता है,
मगर दिल को हंसाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
दिल ने चाहा था तुझे भुलाना,
मगर यादें तुझसे मिलकर ही आती हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल वीरान है,
मगर दिल को सजाने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
तेरे बिना अब भी दिल उदास है,
मगर हंसने की आदत डाल रहे हैं।
- गुलजार की शायरी
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