दिल से निकली आवाज़ें: शायरी और कोट्स का संग्रह ✨ - Voices from the heart: A collection ✨ of poetry and quotes
दिल से निकली आवाज़ें: शायरी और कोट्स का संग्रह ✨
शायरी दिल की वो भाषा है जो सीधा आत्मा को छूती है। यहाँ कुछ दिल से लिखी शायरी और कोट्स का संग्रह प्रस्तुत है, जो भावनाओं की गहराई को दर्शाते हैं। पढ़िए, महसूस कीजिए और खुद को इनमें खो जाने दीजिए।
1. प्यार में डूबती कश्ती 🌊
मैं चल रहा हुं अंधेरे में
तुम उजाला बनकर आओगी क्या?
मैं डूब रहा हूं टूटी कश्ती लेकर
तुम किनारा बनकर आओगी क्या?
मैं थक गया हूं खाली जिंदगी देख कर
तुम नजारा बनकर आओगी क्या?
मैं नहीं समझता इश्क की बातें
तुम इशारा बनकर आओगी क्या?
मैं चांद से नजर हटा लूंगा
तुम सितारा बनकर आओगी क्या?
2. वक्त का सब्र ⏳
कैलेंडर हमेशा तारीखों को बदलता है
पर एक दिन ऐसी तारीख भी आती है
जो कैलेंडर को ही बदल देती है
इसलिए सब्र रखे, वक्त हर किसीका आता है।
By: #भैरव
3. दिल की चाहत और उसूल 💔
दिल को तो अब भी तेरी चाहत है
लेकिन क्या करें
हम अपने उसूल नहीं तोड़ा करते
हो लाख तुमसे दिल्लगी
मगर तुम्हे अपना कर
हम अपने उसूलों के बाहर नहीं जा सकते।
4. प्यार की सिख 💭
प्यार करना बहुत लोग सिखाते हैं
मगर अफ़सोस
उस प्यार को भुलाते कैसे हैं
ये साला कोई नहीं सिखाता....!!
5. हिज्र का खोफ और वस्ल की दुआ 🙏
ये सिलसिला चलता रहेगा, और क्या
बस फिर से वो मना करेगा, और क्या
मेरे ज़ख्म भरें ना भरें, इससे उसे क्या
वो आकर बस दवा करेगा, और क्या
एक मज़बूर आशिक़ है, क़ातिल नहीं
चुप चाप सब सुना करेगा, और क्या
हिज़्र का खोफ है, जो जाता ही नहीं
वस्ल की शाम, दुआ करेगा, और क्या?
By: #भैरव
6. इश्क की कहानी 📖
ये जो मुस्कुरा रहे हो पढ़ते हुए मेरे इश्क की कहानी
अभी मुस्कुरा लो, आखिरी पेज तुम्हें भी मायूस कर देगा।
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7. दिल लगाने वाला नहीं 🤍
तेरा ज़माना, दिल लगाने वाला नही
और मैं गैर से चोट खाने वाला नही
कई ज़ख्म खाए हैं अपने सीने पर
मैं पीठ के ज़ख्म दिखाने वाला नही
ज़िमेदारी का बोझ है मेरे कंधों पर
मैं यादों के ज़नाज़े उठाने वाला नही।
By: #भैरव
8. सुबह के ख्वाब 🌅
सुना है सुबह के ख्वाब हकीकत होते हैं
हमने तो हर ख्वाब सुबह ही देखा है
पर मुकम्मल होते नही देखा।
9. अफ़सोस 💔
इतना मत तरसा कि तुझे
अपने किए पर अफसोस हो
किया पता कल तुम मुझसे
बात करना चाहो और मेरा दिल
खामोश हो!!
🇸𝐡𝐚𝐲𝐚𝐫𝐢 💕 🇱𝐨𝐯𝐞 💖
1. खुद की कहानी ☻︎
सताया हुआ हूँ
हर जगह, हर लम्हे, हर इंसान से
हाँ माना लिख रहा हूँ खुद की कहानी ☻︎
पर होगा सबके साथ
कलयुग की नियति में यही लिखा हुआ है
यहाँ कोई किसी को सताता नहीं, सब ☻︎
खुद में खुदसे सताए हुए हैं
हाँ, मैं खुद से परेशान हूँ।
ख़ुद की आदतों से, खुद की सोच से
मैं हर तरफ खुद में सताया हुआ हूँ ☻︎
2. उनके शहर की गलियां
उनके शहर की गलियां, बंद हो गईं
देखते-देखते मेरी आँखें, बंद हो गईं
जाने के बाद सबने की, बुराई मेरी
मेरे आने से पहले, बातें, बंद हो गईं
इतने जलाए चिराग़, उसके गम में
एक ख़्वाब में सारी, रातें बंद हो गईं
मेरी मौत पे लगाया, अंदाज़ा सबने
इस शख्स की क्यूं, माँगे बंद हो गईं
कोई बोला कि इसे, नींद आ रही है
कोई बोला, इसकी साँसे बंद हो गईं
भैरव
3. इंतज़ार की उम्मीद 🤗🥺
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी भी तरफ, माहीं
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे!! 🤗🥺
भैरव
4. वफ़ादारी की उम्मीद
ना ख्वाहिशों की ना दौलत की...
मैंने तुमसे उम्मीद भी लगाई तो
सिर्फ़ वफ़ादारी की...
ये सारा शहर तेरा...
मुझे गवाही दे दिया तेरा मेरे
होने की...
बस तू ही कह गया मिल गई मुझे दूसरी...
अब कोई जरूरत नहीं तेरे होने की...
5. जुदाई की गूंज
जुदाई गूंजती है जिस्मों जान में
इतनी शिद्दत से गुजरा है कोई...
सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब,
नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे।
एक अजीब सी जंग छिड़ी है तेरी यादों को लेकर,
आँखे कहती हैं सोने दे… दिल कहता है रोने दे....
6. प्यार का दर्द
जरूरी नहीं जो खुशी दे उसी से मोहब्बत हो
प्यार तो अक्सर दिल तोड़ने वालो से होता हैं...
7. इश्क़ की गलियाँ
इश्क़ की गलियों से गुजरना ही काफी नहीं,
इश्क़ में मिले दर्द, यकीं, खुशी, त्याग का खयाल रखना भी जरूरी है...
खुद को इश्क़ के आग में झोंक पाओ तभी इश्क़ करना,
वरना इश्क़ और इश्क़ करने वालों से दूर ही रहना.....
भैरव
8. मंजिल की राह
तुम बात मान लो मेरी जाना
उस रास्ते पर तुम कभी मत जाना
रुक जाओ मंजिल यही है तुम्हारी
आगे सफर में तुम्हें कहां है जाना
भैरव
9. वक्त बदलेगा
मुझे पता है वक्त जरूर बदलेगा
शोहदा भी एक दिन उछलेगा
वो डर जाएगा समंदर की लहरें देखकर
यकीन मानो दरिया मेरी आंख से निकलेगा
भैरव
10. महबूब की तारीफ़
महफ़िल ए तारीफ़ चल रही थी अपने यार की,
सब तारीफ़ में लगे थे अपने महबूब की,
सवाल तो हमे ही आया कि क्या,
तारीफ़ ए काबिल बताए हम तुम्हे बेवफ़ाई की!
11. मंजिल का जुनून
कौन बताता है समंदर का रास्ता नदी को
जिसे मंजिल का जुनून है वो मशवरा नहीं लेते...
12. छुपी पहचान
एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान रखता हूँ,
रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ,
दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ।
मुर्दों की बस्ती में ज़मीर को ज़िंदा रख कर,
ए जिंदगी मैं तेरे उसूलों का मान रखता हूँ।
✨𝙻𝚒𝚔𝚎 𝚂𝚑𝚊𝚛𝚎 & 𝙲𝚘𝚖𝚖𝚎𝚗𝚝
🥀©ShayariGroup✍🏻
13. करीबी किरदार
तू करीब है दिल के इस कदर
कि फासलों से भी दूरी न होगी
तू वो किरदार है जिसके बगैर
मेरी कहानी पूरी नहीं होगी।।
14. दिल का दीवाना
ज़िन्दगी का वाे फ़साना ना रहा
दिल भी अब ये दीवाना ना रहा
भीगे बरसातों में सोचा बरसों से
आज पर मौसम सुहाना ना रहा
बेरूखियों से लफ़्ज भी गूँगे हुए,
और वो दिलकश तराना ना रहा
परछाँईयाँ पलकों में धुँधली हुई,
कनखियों का मुस्कुराना ना रहा!
क्यूँ सुनाऊँ तुमको मैं शिकवे गिले
प्यार जब अपना पुराना ना रहा!
भैरव
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