मोहब्बत की गहराइयाँ: एक कवि की नजर से

मोहब्बत की अद्भुत दुनिया
“कुछ खास नहीं... बस इतनी सी है मोहब्बत मेरी....
हर रात का आखिरी खयाल तुम... और हर सुबह की पहली सोच तुम हो...।”
इस बात पे बिगड़ बैठे हैं साहिब-ए-हुस्न,
कि हमने इक फूल को क्यों चूमा उनकी नज़र के सामने...!!!
तुम्हें अच्छी तरह मालूम था कि...
मैं गरीब हूँ फिर भी...
तुमने मेरी हर चीज तोड़ दी.. 💔😔
ये राज़ सिर्फ़ तितलियाँ ही समझती हैं,
चमकते रंग भी जीना मुहाल करते हैं। 💐🙏😊
प्यार की सच्चाई
दोनों ही दरिया हो तो मिलन कैसे हो,
किसी एक का प्यासा होना भी ज़रूरी है... ❤️❤️
महलों की होड़ में गुम हो रहीं हैं बस्तियाँ,
अब कहाँ सावन के झूले, अब कहाँ वो मस्तियाँ..!!
बारिश के बाद रात
आईना सी थी,
एक पैर पानी में पड़ा
और चाँद हिल गया।
दिल की उलझन
एक गलती रोज़ कर रहे हैं हम,
जो मिलेगा नहीं उसी पे मर रहे हैं हम!
नहीं होती अब तकलीफ़ किसी के रूठ जाने से,
उसके बाद मेरा अपना बचा ही कौन।
मौत ना हो तो कैसे पता चले...
जाने वाला हमें कितना अज़ीज़ था...!!
इश्क की जद्दोजहद
नादान हैं वो लोग जो इश्क़ नहीं करते!
अरे जिगर चाहिए बर्बाद होने के लिए!!
"इश्क" करते हो तो...
"इश्क" की तौहीन ना करो,
या तो होश में ना आओ...
या फिर मदहोश ना करो!
मोहब्बत की अंतिम ख्वाहिश
कोई तमन्ना आखिरी सी
मुझे चीख कर कहती है...
जिंदगी बाकी रख ख्वाहिशों में
हर चेहरा फरेबी नहीं है...
देखना मुझे आसमां की तरफ,
खुद पर बरसने की फरमाइश लेकर,
मैं घनघोर सावन सी बरस जाऊँगी तुमपर,
अपनी ज़िन्दगी की आखरी ख्वाहिश लेकर,
ठंडी हवा के झोंके सी तुम्हें छू लूँगी,
इतरा लूँगी थोड़ा इठला लूँगी,
चंचल हवा सी तुम्हारे पास मंडरा लूँगी,
बस तुम करना मेरा इंतजार साँसें चलने से लेकर
साँसें चलने के बाद तक...!!!
दिल की बात
"ये कैसी अदब है इस दिल की,
जो तुम्हे अपना मान बैठा है,
दीदार-ए-मुहब्बत की ज़िद्द में,
तुम्हें सपना मान बैठा है।"
कभी कभी मैं खूब रोना चाहती हूँ...
और फिर तुम्हारे बाहों का तकिया बनाकर सो जाना चाहती हूँ।
“मैं घर में एक कमरा रखूंगा...
दूंगा नाम तेरा और उसे तन्हा रखूंगा।” ❤️🙏🏻
मोहब्बत की स्थिरता
मोहब्बत भ्रष्टाचार की तरह कभी खत्म नहीं होती,
बस बाबुओं का तबादला होता रहता है।
किसी को जोर देकर,
अपने मन मुताबिक आदत में ढालना भी तो,
स्वार्थ है...?
और बिना किसी जोर के किसी और के मुताबिक खुद को ढाल लेना ही प्रेम है।
प्रेम में इसके लिए कितनी जद्दोजहद करते हैं दो लोग। 🧡
यादों का जख़ीर
तुझसे ज्यादा तेरी यादों में वफा है,
कम से कम उनका इंतज़ार तो नहीं करना पड़ता।
समझता नहीं अब वो खामोशियां मेरी,
समझता था मुझको जो मुझसे भी ज्यादा। ❤️

जीवन का हिसाब
कुछ तेरी यादों का ज़ख़ीरा दिल में बसाए रखे हैं,
उन्हीं के सहारे साँस ले रहे हैं, हम जी रहे हैं।
काश जिंदगी का भी हिसाब गणित की तरह होता,
रुपयों के लेनदेन की तरह हिसाब चुकता हो जाता।
बनारस के #घाटों जैसी सुबह चाहती है ये #जिंदगी,
जहाँ #सुकून के कुछ पल जिंदगी के #नाव पर ठहर सके... 🌿🌿🌿
जीवन की सच्चाई
हल्की सी जिंदगी, भारी सा बोझ,
पैदा हुए थे एक बार, मर रहे हैं हर रोज... ❤️❣️
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