मोहब्बत की विविधता: दिल को छू लेने वाली शायरी
इस ब्लॉग में हम मोहब्बत की विभिन्न भावनाओं और उसकी गहराईयों को छूने वाली शायरी का संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं। ये शायरी हमें प्रेम, दर्द, और जीवन की सच्चाईयों से रूबरू कराती है। आइए, इन दिल को छू लेने वाली शायरी के साथ अपने भावनात्मक सफर को शुरू करें।
1. मोहब्बत और दर्द
प्यार हुआ था जब मुझको दिल उसका ही दीवाना था,
हर बखत बस उसका ही मेरे ख्वाबों में आना जाना था,
और कुछ ख्वाहिश ना थी मेरी सिर्फ वो ही जीने का बहाना था,
पर क्या पता था वो ही दूर चले जाएंगे एक दिन जिसको हमने अपना सब कुछ माना था।
#love #sad
इस शेर में प्यार की अनमोलता और उसके खोने का दर्द व्यक्त किया गया है। जब मोहब्बत सब कुछ बन जाती है, तो उसका खोना दिल को गहरा आघात पहुँचाता है।
2. खामोशी और भुला देने की प्रक्रिया
कुछ वक्त खामोश होकर भी देख लिया हमने,
फिर मालूम हुआ कि लोग सच मे भूल जाते हैं।
यह शेर दर्शाता है कि कुछ समय की खामोशी के बाद भी लोग बहुत जल्दी सब कुछ भुला देते हैं, और इसका एहसास काफी तकलीफदेह होता है।
3. नशे की अद्भुतता
जाम पे जाम पीने से क्या फायदा ,
सुबह उतर जाएगी,
हमने तो आपकी आंखो से पिया है,
खुदा कसम,
पूरी जिंदगी नशे में गुजर जाएंगी... ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
यहाँ पर आँखों के नशे और उसके प्रभाव को दर्शाया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह नशा जीवन भर का होता है और बहुत खास होता है।
4. सिद्दत और जरूरत
बस हर पल तुझे ही इतनी सिद्दत से देखा मैंने..,
कि अपनी जरूरतों को भी तुमसे आगे कभी नहीं देखा मैंने।
#love
इस शेर में इश्क की गहराई और उसकी सच्चाई को दर्शाया गया है, जिसमें व्यक्ति अपनी जरूरतों को भी प्यार के आगे छोड़ देता है।
5. मोहब्बत का नशा
फिजाओं से उलझ कर एक
हसीं यह राज जाना हैं
जिसे कहतें हैं मोहब्बत वह
नशा ही कातिलाना है ...
यहाँ पर मोहब्बत के नशे की शक्ति और उसके प्रभाव को व्यक्त किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह नशा किसी भी चीज़ को खत्म कर सकता है।
6. शब्दों की ताकत
मत लगाओ बोली अपने अल्फाजो की...
हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे..
वो शायर होते हैं
जो शायरी लिखते हैं,
हम तो बदनाम से लोग हैं सिर्फ दर्द लिखते हैं!!
इस शेर में शब्दों की ताकत और शायरी के माध्यम से दर्द को बयां करने की क्षमता को व्यक्त किया गया है।
7. हुस्न और जुबान
ख़ूबी तेरे "हुस्न" की यूँ भी "बयान" हो गई ,
जब भी तेरा "नाम" ले लिया मीठी "ज़ुबान" हो गई !
यहाँ पर हुस्न और उसकी मिठास को दर्शाया गया है, जिसमें हुस्न का नाम लेते ही जुबान पर मीठापन आ जाता है।
8. जन्नत और मन्नत
तेरे साथ बिताए पल थे मेरे लिए मेरी जन्नत ,
हम दोनों एक हो जाए यही है हमारी मन्नत
---- श्रीम
इस शेर में साथ बिताए गए पल और एक साथ रहने की इच्छा को दर्शाया गया है, जो किसी जन्नत से कम नहीं होती।
9. कदर और व्यस्तता
किसी को किसी की कदर नहीं पड़ी
सब अपनी-अपनी जिंदगी में मस्त हैं,
वो जब तुझे अपना वक्त नहीं देती
तो तू क्यों उसके लिए अपना वक्त बर्बाद
करने में व्यस्त है।
#broken #life
इस शेर में रिश्तों की एकतरफा कदर और समय की बर्बादी को दर्शाया गया है, जिसमें किसी के समय की अहमियत को समझने की आवश्यकता है।
10. खुद में लौटना
सुनो अब तुम जहां हो वहीं रहना लौटना मत मुझ में,
नहीं चाहिए अब हमदर्दी तेरी, मैं मुद्द्तों बाद लौटा हूं खुद में!
#life
यहाँ पर अपने आप में लौटने और बाहरी हमदर्दी की आवश्यकता न होने का भाव व्यक्त किया गया है।
11. इश्क़ और बरकत
तुम आऐ तो मेरे " इश्क में ,
अब बरकत" होने लगी है•••
💕💕💕💕
" चुपचाप " रहता था दिल मेरा ,
अब " हरकत " होने लगी है•••
इस शेर में इश्क के आने से जीवन में बरकत और बदलाव को दर्शाया गया है, जो दिल की चुप्पी को हरकत में बदल देता है।
12. वफा और पिंजरा
तुमने मोहब्बत देखी है वफा नहीँ देखी,
पिंजरे खोल भी दो तो कुछ पंछी उड़ा नहीं करते.!!
#love
इस शेर में वफा की कमी और पिंजरे में बंद पंछियों की स्थिति को दर्शाया गया है, जो कभी भी उड़ने की इच्छा नहीं पूरी कर पाते।
13. मोहब्बत और महसूस
ज़रूरी नहीं है ....इश्क में ......बांहों के सहारे ही मिले,
किसी को जी भर के ....महसूस करना भी मोहब्बत है. 💞
इस शेर में मोहब्बत की भावना और उसकी अनूठी मीनिंग को दर्शाया गया है, जिसमें महसूस करने की अहमियत को बताया गया है।
14. इम्तहान और जिंदगी
कदम-कदम पे नया इम्तहान रखती है....
जिंदगी तू भी मेरा कितना ध्यान रखती है...
यहाँ पर जिंदगी के इम्तहान और उनकी कठिनाइयों को दर्शाया गया है, जिसमें हर कदम पर नया चुनौती सामने आती है।
15. ग़मों की महफिल
बुलाओ "आज सब 'आशिक़ों को- ग़मों की
महफ़िल : लगाते हैं...!!!
इस शेर में ग़मों की महफिल को बुलाने और उसमें शामिल होने की बात की गई है, जिसमें दिल की बेताबी को व्यक्त किया गया है।
16. ग़ालिब की किताबें और दिल
तुम ग़ालिब की किताबें उठा लाओ
हम दिल का हल "सुनाते हैं
यहाँ पर ग़ालिब की किताबें और दिल के हाल को सुनाने की बात की गई है, जिसमें पुराने और नए जज़्बात की तुलना की गई है।
17. भूलने की कोशिश
सोचा था कि इस कदर आपको भूल जाऐंगे।
देखकर भी अनदेखा कर जाएगें
लेकिन जब जब आया चेहरा आपका सामनें
सोचा कि इस बार देख ले अगली बार भूल जाएंगे ।।
इस शेर में भूलने की कोशिश और चेहरे के सामने आते ही यादों की वापसी को दर्शाया गया है।
18. झूठ और सच
हम समझदार भी इतने है की उनका झूठ 😋 पकड़ लेते है,पर उनके दीवाने 😍 भी इतने है की फिर भी सच मान 🙂 लेते है !!
यहाँ पर झूठ और सच की पहचान और मोहब्बत में उनकी स्थिति को दर्शाया गया है, जिसमें प्यार के बावजूद सच को झूठ मान लिया जाता है।
19. मजबूरी और ज़रूरी
ना पा सकूं , ना भुला सकूं ...
तु मेरी मजबूरी - सा हैं ;
तेरे बिना जी रहे हैं और जी भी लेंगे ,
फिर भी तु जरूरी - सा हैं
इस शेर में मजबूरी और ज़रूरी की भावना को व्यक्त किया गया है, जिसमें प्यार एक आवश्यकता बन जाता है।
20. मेहँदी और रंग
खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो,
बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो।
#love
यहाँ पर मेहँदी की अनूठी आदत और उसके रंग को दर्शाया गया है, जिसमें फूलों और पत्तों के रंगों की तुलना की गई है।
21. क़दर और मुलाक़ात
मेरे महबूब को ही मेरी क़दर नहीँ,
वरना
शहर के सारे हसीं मुझसे एक मुलाक़ात की फ़िराक़ में रहते हैँ...!!
इस शेर में खुद की क़दर न करने और शहर की सुंदरियों की तुलना को दर्शाया गया है, जिसमें क़दर की कमी को व्यक्त किया गया है।
22. ख्यालों में लौटना
आ जाओ फिर से मेरे खयालो में... कुछ बातें करतें हैं...
कल जहाँ ख़तम हुई थी... वहीं से शुरुआत करते हैं...!!
यहाँ पर ख्यालों में वापस लौटने और पुरानी बातें शुरू करने की इच्छा को दर्शाया गया है।
23. मोहब्बत और तलाश
कुछ ज्यादा नही जानते मोहब्बत के बारे में,
बस उन्हें सामने देखकर मेरी तलाश खत्म हो जाती है।
इस शेर में मोहब्बत की गहराई और उसकी तलाश को व्यक्त किया गया है, जिसमें सामने आने से तलाश खत्म हो जाती है।
24. बदतमीज़ और निहायती
कहने लगे वो कि तुम 'बदतमीज़ ' हो.,
हमने कहा हुज़ूर 'निहायती' भी बोलिए!!
#life
यहाँ पर बदतमीज़ और निहायती होने की बात की गई है, जिसमें व्यक्ति की सच्चाई और परिभाषा को दर्शाया गया है।
25. दर्द और लेखना
उसे भनक भी नही की उसके दिए ,
दर्द को कोई इतना लिख रहा है...!😔😔
इस शेर में दर्द को लिखने की प्रक्रिया और उसकी गहराई को दर्शाया गया है, जिसमें दर्द की अभिव्यक्ति की जाती है।
26. पागलपन और समझदारी
थोड़ी पागल सी थोड़ी ज्यादा हीं समझदार
बे- सबअब हसती है वो खुद से ही वफादार
टुटे रिश्ते है कुछ उसके उनमें ही खोई रहती
रिश्तोंकी अहमियत जानती उमदा सलाहगार
अदब, तहज़ीब और सादगी ऐसी है रिवायती
उसकी असली मिलकियत है उसका किरदार
शिकायतें करना उसे शायद पता ही नहीं है
चुप चाप सहती ,अब बनीं खुद कि गुनाहगार
बस हो जाये उसकी हर दिल-ए-ख्वाहिश पूरी
मिल जाए मेरी दोस्त को दुनिया भर का प्यार
इस शेर में पागलपन और समझदारी की भावना, रिश्तों की अहमियत, और अदब की बात की गई है, जिसमें दोस्त की शुभकामनाएँ व्यक्त की गई हैं।
27. अधूरी मोहब्बत और तन्हाई
वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।
यहाँ पर अधूरी मोहब्बत और तन्हाई की भावना को दर्शाया गया है, जिसमें प्रेम की सारी इच्छाएं पूरी होने की बात की गई है।
28. मौसम और शराब
मौसम बदल रहा है,फ़िज़ाँ बदल रही है !
बादे-सवा भी अपना कुछ रुख बदल रही है !
पीने दे और साक़ी,अभी रात कुछ है बाकी !
उधर चाँद ढल रहा है इधर शराब ढल रही है !!
इस शेर में मौसम और शराब के बदलते रुख को दर्शाया गया है, जिसमें रात की निरंतरता और उसकी प्रतीक्षा की बात की गई है।
29. आखिरी दीदार
पूँछ कर वो मेरे घर का पता, दरवाजे पर भी नहीं आया,
वक़्त-बेवक़्त आने वाला, वक़्त के तक़ाज़े पर भी नहीं आया,
दम निकला मेरा जिस हरजाई की हसरत और चाहत में...,
वो मेरे आख़िरी दीदार को, मेरे जनाज़े पर भी नहीं आया।
इस शेर में आखिरी दीदार की प्रतीक्षा और उसकी अनुपस्थिति की भावना को दर्शाया गया है, जिसमें व्यक्ति की अंतिम चाहत पूरी नहीं होती।
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