दिल की गहराइयों से: प्रेरणादायक शायरी
उन्होंने वक़्त समझकर गुज़ार दिया हमको..
और हम उनको ज़िन्दगी समझकर आज भी जी रहे हैं..!!
तरक्की मिल रही है शायरी में हमें ,
तुम्हारा जिक्र मंहगा बिक रहा है!!
नफरत नहीं करूंगा तुमसे,
बस अनजान हो जाऊंगा...
मेरी आँखों में यही हद से ज़्यादा बेशुमार है,
तेरा ही इश्क़ तेरा ही दर्द तेरा ही इंतज़ार है...
बिछड़ कर तुमने हमसे ऐसा क्या ही पाया है,
मेरा रंग तेरे ऊपर थोड़ा और निखर आया है !
शामिल रही तू दिनभर यूँ जो ग़ैर की महफ़िल में,
शाम होते ही जो तुमने चराग़ वही पुराना जलाया है !
ख़ुशी सारे जहां की तेरे आस-पास तो फ़ैली है,
दर्द भेजा था मैंने वो तुझे छू के वापिस आया है !
तेरे हिसाब से दरख़्त फ़िर गुलज़ार जो हो रहें हैं,
ये मौसम-ए-बहार भी तो पतझड़ के बाद आया है !
'अहमद' की ग़ज़लों में तेरे मिलने की ख़ास वजह नही है,
ख़बर सारे ज़माने को है कि ये हुनर मुझे तेरे बाद ही आया है !
© अहमद
सम्राज्य कभी 1 दिन में नहीं बनता,
उसके पीछे कई सालों की
मेहनत लगी होती है।
पाप तो सबने किये हैं साहब ,
गंगा घाट मे भीड़ यूं ही नही लगती!
" एक सच्चाई "
इंसान सबसे ज़्यादा ज़लील....
अपने मनपसंद लोगों से ही होता हैं
दुरियां भी क्या क्या करा देती हैं,
कोई याद बन गया, कोई ख्वाब बन गया....
एक शक्स मुझे अपने यादों का गुलाम करके गया
मेरी रातों की नींदों को वो हाराम करके गया !!😔
हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे,
कभी चाहा किसी ने खुद तुम कहोगे,
हम ना होंगे तो ये आलम ना होगा,
मिलेंगे बहुत से पर हम सा कोई पागल ना होगा।
रवैया बहुत खराब है अभी मेरे हालातों का.....
लोग बहुत जल्दी बुरा मान जाते हैं मेरी बातों का...
वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का
जो पिछली रात से याद आ रहा है.🥀
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो
हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली !😔
चले जायेंगे हम धुंध के बादल की तरह,
आप देखते रह जाएंगे हमें किसी पागल की तरह।
हर दफा तुम्हारी बातों में आ जाऊं,
अब ये तो किसी किताब में नहीं लिखा..
बर्दाश्त नहीं तुम्हें किसी और के साथ देखना..
बात शक की नहीं....हक की है...!!
सिर्फ एक ही तमन्ना रखते हैं हम अपने दिल में ,
मोहब्बत से याद करो चाहे मुद्दतों बाद करो!!
सब खफा है मेरे लहजे से
पर मेरे हाल से कोई वाकिफ नहीं!
तारीफे फिर सुन रहा हूं मै कुछ लोगो से
लगता है फिर किसी को मुझसे काम पड़ने वाला है...
बदल दिया है मुझे मेरे चाहने वालो ने
वरना मुझ जैसे शख्श में इतनी खामोशी कहा थी..😔
अब तो दर्द की आदत सी हो गई है
अब तो दर्द होता है तब जब कोई दर्द
नही होता...☺
जो एकबार घर से निकलते हैं,
वो उम्र भर मकान बदलते हैं।
जिस बात से दिल डरता था वो हो गयी,
कुछ दिन के लिए किस्मत जगी थी अब सो गयी।।😔
वापिस ले आया डाकिया चिठ्ठी मेरी
बोला पता सही था पर लोग गलत !!
मुझे भी शामिल करो गुनहगारों की महफ़िल में
मैं भी क़ातिल हूँ अपनी हसरतों का ,
मैंने भी अपनी ख्वाहिशों को मारा है।
यह दुनिया एक लम्हे मे तुम्हे बर्बाद कर देगी
मोहब्बत मिल भी जाए तो उसे मशहूर न करना
चाहा ना उसने मुझे बस देखता रहा,
मेरी ज़िंदगी से वो इस तरह खेलता रहा,
ना उतरा कभी मेरी ज़िंदगी की झील में,
बस किनारे पर बैठा पत्थर फेंकता रहा।
तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई हैं,
नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई हैं !
लोग कहते हैं समझो तो खामोशियाँ भी बोलती हैं,
मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेख़बर हैं..
सही वक्त पर बदल लिया मिज़ाज तुमने,
वरना अपनी बात मैं घर पे बताने वाला था !!
एक वादा किया था हमने कि चाहे
सब कुछ भूल जाएं
पर हम एक-दूसरे से किए हुए वादे कभी ना भूलेंगे।
और पता है वो वादा क्या था कि चाहे
कुछ भी हो जाए,
पर हम एक दूसरे का साथ कभी ना छोड़ेंगे।
#sad #love #broken
दुकानदारी सीख ली मैंने तुमसे,
दिल की बातें भी अब मैं नाप-तोल के करता हूँ।।
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