नफरत और मोहब्बत: एहसासों की गहराई - Hate and love: the depth of feelings

नफरत और मोहब्बत: एहसासों की गहराई

नफरत और मोहब्बत, दोनों ही जीवन के अहसास हैं। कभी ये दोनों एक-दूस के साए में चलते हैं, कभी अलग। आज हम कुछ ऐसी शायरी प्रस्तुत कर रहे हैं, जो इन एहसासों को बयां करती हैं। आइए पढ़ते हैं दिल को छू लेने वाली ये पंक्तियाँ।


शायरी संग्रह:

  1. ❛❛नफरतों को जलाओ मोहब्बत की रौशनी होगी,
    वरना- इंसान जब भी जले हैं ख़ाक ही हुए हैं......!!!❜❜

  2. ❛❛ए खुदा रखना मेरे दुश्मनों को भी मेहफूज,
    वरना मेरी तेरे पास आने की दुआ कौन करेगा......!!❜❜

  3. ❛❛ना जाने क्यूं कोसते हैं लोग बदसूरती को,
    बरबाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते हैं........!!!❜❜

  4. ❛❛हाथ में खंजर ही नहीं आंखों में पानी भी चाहिए,
    ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए........!!!❜❜

  5. ❛❛तुझे तो मोहब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी,
    अब तो बात नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा….....!!!❜❜


खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं,
ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !
 💔😢

अजीब था उनका अलविदा कहना,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में,
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ!
 💔😢
अगर तुम अजनबी थे तो लगे क्यों नहीं 
और अगर मेरे थे तो मुझे मिले क्यों नहीं 
 😢 😢
छोड दो तन्हाई मे मुझको यारो..
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे..
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी..
मेरी तरह तुम भी पछताओगे..
 💔💔
मेरे बारे में इतना मत सोचना ,
दिल में आता हूँ , समज में नही ।
 💔 💔

छोड दो तन्हाई मे मुझको यारो..
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे..
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी..
मेरी तरह तुम भी पछताओगे..
 💔💔

बदनसीब मैं हूँ या तू हैं, ये तो वक़्त ही बतायेगा...
बस इतना कहता हूँ, अब कभी लौट कर मत आना
 😭 💔
  1. ❛❛उन्हें नफरत हुई सारे जहाँ से,
    अब नयी दुनिया लाये कहाँ से…....!!!❜❜

  2. ❛❛लेकर के मेरा नाम मुझे कोसता तो है,
    नफरत ही सही, पर वह मुझे सोचता तो है…...!!!❜❜

  3. ❛❛इसी लिए तो बच्चों पे नूर सा बरसता है,
    शरारतें करते हैं, साजिशें तो नहीं करते…....!!!❜❜

  4. ❛❛दिखावे की मुहब्बत से बेहतर है नफरत ही करो हमसे,
    हम सच्चे जज्बातों की बड़ी कदर किया करते हैं……!!!❜❜

  5. ❛❛एक नफरत ही है जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती है,
    वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिंदगी बीत जाती है.....!!!❜❜

  6. ❛❛हमें भुलाकर सोना तो तेरी आदत ही बन गई है... ऐ सनम,
    किसी दिन हम सो गए तो तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी......!!!❜❜

  7. ❛❛जब से पता चला है, की मरने का नाम है "जिंदगी",
    तब से, कफ़न बांधे क़ातिल को ढूंढते हैं.........!!!❜❜

  8. ❛❛वो जो हमसे नफरत करते हैं,
    हम तो आज भी सिर्फ उन पर मरते हैं,
    नफरत है तो क्या हुआ यारो,
    कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं...........!!!❜❜

  9. ❛❛ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए,
    कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है…...!!!❜❜

  10. ❛❛देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
    बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं,
    नफरत है तो कह देते हमसे,
    गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं.......!!!❜❜

  11. ❛❛हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनिया,
    जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनिया,
    जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी,
    जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनिया.......!!!❜❜

  12. ❛❛होते हैं शायद नफरत में ही पाकीज़ा रिश्ते,
    वरना अब तो तन से लिबास उतारने को लोग मोहब्बत कहते हैं….!!!❜❜

  13. ❛❛कदर करनी है, तो जीतेजी करो,
    अर्थी उठाते वक्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते हैं………..!!!❜❜

  14. ❛❛तुम्हारी नफरत पर भी लुटा दी ज़िंदगी हमने,
    सोचो अगर तुम मुहब्बत करते तो हम क्या करते…..!!!❜❜

  15. ❛❛अच्छे होते हैं बुरे लोग,
    कम से कम अच्छे होने का,
    वे दिखावा तो नहीं करते.........!!!❜❜

  16. ❛❛ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओं ने बक़्शा,
    वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता…..!!!❜❜

  17. ❛❛ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में,
    ज़िंदों को गिराने, मुर्दों को उठाने में.......!!!❜❜

  18. ❛❛न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा,
    तारीफ तेरी, न मेरा मजाक होगा,
    गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
    मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा.❜❜


इन शायरी के माध्यम से नफरत और मोहब्बत के उन एहसासों को बयां किया गया है, जो हर इंसान के दिल में कहीं ना कहीं होते हैं। उम्मीद है, ये पंक्तियाँ आपको पसंद आई होंगी। अपने विचार साझा करें और शायरी की इस खूबसूरत दुनिया में हमारे साथ जुड़ें।

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