अकेलापन शायरी: दिल की गहराइयों का एहसास
अकेलापन एक ऐसा एहसास है जो हम सभी को कभी न कभी छू जाता है। यह वो भावना है जो हमें अंदर से तोड़ देती है, और इसी को व्यक्त करने के लिए कुछ शायरी यहां पेश की गई है।
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खुद को तबाह करूं, 😢😞😔
यह कभी हिम्मत नहीं हुई, 🙁🙁
मैं वही हूं जिससे आज तक, 😢
उसे मोहब्बत नहीं हुई। 💔💔😟
अकेलापन सा लगता है हर उस रस्ते, 🙁
पर जिन पर तेरे साथ कभी चला था। 😢😭💔
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं, 😟😔🙁
कि मेरा हौसला भी साथ नहीं दे रहा है। 😭😕
बहुत सोचा बहुत समझा, 😟🙁😞
बहुत ही देर तक परखा, 😕🙁
कि तन्हा हो के जी लेना, 😭😟🙁
मोहब्बत से तो बेहतर है। 😭💔😞
अकेला हूं अकेला ही रहने दो, 😭🙁
जो मेरे बिना खुश है, 😢
उन्हें परेशान क्यों करें। 🙁😭😭
जिनकी हम कभी जान हुआ करते थे, 😔😭
आज उनके लिए हम अनजान हैं। 😟😔😔
क्या थी मेरी गलती जो मुझे अकेला छोड़ गई तू, 💔😢
बिना सोचे मुझे क्यों इतना तनहा छोड़ गई तू। 😭
मेरी इकलौती ख्वाहिश जाने क्यों टूट गई, 😢
जो थी दिल के सबसे करीब, 😭
वो ही मुझसे रूठ गई। 😭
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे, 🙁😕
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं। 😔😢🙁
तेरे वजूद की खुशबू बसी है साँसों में, 😔😕😭
ये और बात है नजरों से दूर रहते हो। 🙁
अभी जरा वक्त हैं, उसको मुझे अजमाने दो, 💔
वो रो-रोकर पुकारेगी मुझे, बस मेरा वक्त तो आने दो। 💔😔🙁
एक तेरा ख्याल ही तो है मेरे पास, 😕😟
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है। 😔💔
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी, 😞
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। 😔😞
इससे पहले कि मुझ को सब्र आ जाए, 😢😢
कितना अच्छा हो कि लौट आओ तुम। 😞
तन्हा रहना तो सीख लिया, 😞😟
पर खुश ना कभी रह पायेंगे। 😢😭
तेरी दूरी तो सह लेता दिल मेरा, 😕🙁😭
पर तेरे प्यार के बिन ना जी पायेंगे। 😟😟
क्या लिखू अपनी ज़िन्दगी के बारे में, 😔🙁
वो लोग भी बिचार गए जो ज़िन्दगी, 😭🙁🙁
हुआ करते थे। 😢
कई बार ये सोचकर दिल मेरा रो देता है, 😕🙁😕
की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने खुद, 😞😢😟
को भी खो दिया। 😞
जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे हैं, 😔😢😔
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे हैं, 💔💔
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें, 💔
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे हैं। 😢
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जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये, 😞😭😞
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये, 😕😟😔
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, 😢
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये। 😔😟
अब मोहब्बत नहीं रही इस जमाने में, 😭😢
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नहीं मज़ाक, 😭😕😕
किया करते है इस जमाने में। 😔😞
कैसे गुजरती है मेरी, 😢😭😭
हर एक शाम तुम्हारे बगैर, 😟😕💔
अगर तुम देख लेते तो, 😔😔
कभी तन्हा न छोड़ते मुझे। 😔😟😟
साथ होकर भी साथ ना रहना, 😢😟😭
बात ना करना इश्क में, 🙁😞
इससे बड़ी सजा और क्या होगी। 😢
किसी की ज्यादा तो किसी की कम है, 😞💔💔
परेशानियां सबके साथ हरदम है। 😔😟😢
जहां दुआओं की दलीलें भी मान्य नहीं होती, 😭
मैं वो तकदीर लिखवा कर लाया हूं। 😔💔
कल तक मुझे, आज़ उनको मेरा ना होना खलता है, 😕
क्योंकि अब मुझे अकेलापन बड़ा अच्छा लगता है। 😟😭😕
वो दिन नहीं वो रात नहीं, 😭😔🙁
वो पहले जैसे जज़्बात नहीं, 😕🙁
होने को तो हो जाती है बात अब भी, 😟😔🙁
मगर इन बातों में वो बात नहीं। 🙁😭
तुम क्या जानो टूटे दिल का हाल हमारा, 😕
एक तो तुमसे बात बंद, 😟😭😞
और ऊपर से ख्याल तुम्हारा, 😔
ये दुनिया कहने को तो अपनो का मेला है, 😟💔
ध्यान से देखो तो यहां हर शख्स अकेला है, 😞
बारिश के मौसम में गरजते हैं बादल, 😞
कोई प्यार में पागल तो कोई बरसात में पागल। 😭😞
दोहरे चरित्र में जी नहीं पाता, 😭
इसलिए अकेला नज़र आता हूँ, 😔😟😢
जो इंसान आपको रोता हुआ छोड़ दे, 🙁
यकीन मानिए वो कभी आपका नहीं हो सकता, 😞💔
अकेले तो हम पहले से थे, 💔😟
तुमने छोड़कर हमें बता दिया, 😭💔😞
कि कोई जिंदगी भर नहीं चलता, 🙁
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कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे, 😞😕
अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे। 😕😭😕
सिर्फ गलतियों का पुतला ही नहीं, 😕
बल्कि परिस्थितियों का, 😭😞
गुलाम भी होता है इंसान। 😭🙁
होती जो अगर कोई कीमत तुम्हें पाने की, 😔
खुद को बेच देता लेकिन तुझे नहीं खोता। 💔😕
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तों, 😭
जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया। 🙁💔😭
तन्हाई में चलते चलते, 😔
अब पैर लडखड़ा रहे हैं, 😕
कभी साथ चलता था कोई, 😞😞
अब अकेले चलें जा रहे हैं। 💔😢
हम इस दर्द से किनारा करें भी तो कैसे करें, 💔😟
उससे बिछड़ कर जिंदा है इतना काफी नहीं। 😟😕😔
हम उदास रहते हैं जिसकी यादों में, 😢
वह हंस रहे हैं आज किसी की बातों में। 😢😕
हम तो आज भी अकेले नहीं रहते, 🙁
हमारे अकेलेपन ने हमें अपना बना लिया, 😭😔🙁
अपने दर्द को छुपा कर रखिए जनाब, 💔🙁💔
यह शहर रोने वालो को रुलाता बहुत है। 😕😟😭
अकेले छोड़ जाते हैं वह लोग, 😭🙁
जिनके साथ कभी खोकर जीते थे। 😞
तन्हाई ने दी है हमें ये सबक, 😔😢
की कोई हमसे बिना कुछ कहे ही छोड़ जाता है। 😞💔
तन्हा होके जीना आसान नहीं है, 😞
पर मजबूरी तो सबसे बड़ी है। 😔
आपने कभी सोचा नहीं होगा, 😞
आसमान में घुमते बादलों से ज्यादा बुरा होता है अकेलापन। 😔
एक आवाज़ भी बेताब है, 😞
सिर्फ एक दिन का इंतज़ार करना, 😔
तन्हा होकर अपनी बातें करना। 😢😞
सुनो मेरा ये भी एक हसीन एहसास है, 😭🙁
तन्हाई में जरा समझना। 😞
सिर्फ रोते रहे, पर एक सवाल न पूछें, 😢
इस दर्द को न बताने में, 😭🙁
तन्हाई का शौक न कहें। 😔
अब इस जज़्बात को समझना बहुत जरूरी है, 😭
तन्हाई के बाद कभी कोई न होगा। 😞
तन्हा रहकर हम समझते हैं जज़्बात, 😞
पर अब ये तन्हाई भी तन्हा ही रह जाती है। 😢💔
अब तन्हाई में सहा करता हूं, 😔
अकेलापन भी हंस के सहा करता हूं। 😞
तन्हाई से लड़ने का एक नया रास्ता खोज लिया है, 😭
तुम भी अब ज़िंदगी में मुझे छोड़ चुके हो। 😞
राहों में तुम थे, पर मुझे अकेला छोड़ दिया, 😭🙁
खुद से मुझे ही अपनी तरह खुद को नहीं करना। 😞
तन्हाई की आदत अब पड़ गई है, 😞
तेरे बिना अब रोने की भी जरूरत नहीं। 😔💔
खुद को खोने से ज्यादा दर्द होता है, 😭🙁
अपने लोगों को खोने का, 😞😔
तन्हाई अब मेरे हर ख्वाब में आ गई है। 😢
हासिल ना किया जो वो हमसे दूर चला गया, 😭
तन्हाई भी अब मेरे पास चलने लगी। 😔
अकेलेपन के ये दिन क्या होते हैं, 😢
इसकी महक से कोई तो शायरी सुन ले। 😞
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