शायरों की महफ़िल: दिल से निकले अल्फ़ाज़ (Gathering of Poets: Words from the Heart)

शायरों की महफ़िल

1.
मुझे नहीं खबर कि तुम्हारी जिन्दगी में वो कौन सा पल है...???
जो सिर्फ मेरे लिए हो...
पर मेरी जिन्दगी का हर इक पल
सिर्फ तुम्हारे लिए है


2.
लोगों ने प्यार को मजाक बना रखा है,
वरना
प्यार तो आज भी राधाश्याम ही ढूढ़ता है


3.
कितना कुछ अधूरा ही रह गया इस दुनिया में...
सुबहें नहीं देख सकी शाम का चेहरा
सूरज भी ढल गया देखे बिना चाँद को !!
जैसे कि तुम ! नहीं मिल सकोगे कभी पूर्णतः मुझे,
नहीं मिल पाएंगे कभी हमदोनों,
जानते हुए भी समीप रखा तुम्हें.


4.
प्रेम में होती है प्रतिक्षा, प्रेम में शर्ते नहीं होती...!!
प्रेम में होती है जिद प्रेम में हदें नहीं होती ...!!
प्रेम में होती है सिर्फ उम्मीद, प्रेम में हसरतें नहीं होती..!
प्रेम में होती है फिक्र, प्रेम में सरहदें नहीं होती..!!
प्रेम में यदि कोई सर्वोपरि है तो वो हो तुम...!
प्रेम में अभिमान नहीं होता प्रेम में दूसरों की खुशी देखी जाती
प्रेम अपना कुछ नहीं होता प्रेम सब कुछ होता..!
प्रेम में साहब मै नहीं होता... प्रेम में होता है हम....!!
❤️😊


5.
मेरे हृदय में
प्रेम का पद सदा रिक्त रहेगा...
केवल तुम्हारा अधिकार है उस पर....
इस युग से उस युग तक.....


6.
सुनो पंडिताइन...
तुम्हारे लिए मेरे प्रेम की
पराकाष्ठा का अंदाजा लगाना मुश्किल है....
क्योंकि मैंने तुम्हें बिन देखे, बिन जाने और
बिन पहचाने अपने हृदय में ठीक वैसे ही धारण किया है ....
जैसे शिव ने धारण किया हो त्रिशूल पर काशी ...!!
😊♥️


7.
सुनो
मेरी एक चाहत है प्रेम जब लिखा जाए तो
तुम्हारे नाम के साथ मेरा नाम भी लिखा जाए...
जिंदगी की आखिरी सांस भी तुम्हारे पास
ही लेना लिखा जाए ..
लिखा जाए प्रेम सिर्फ पाने को नहीं कहते
प्रेम को त्याग और समर्पण लिखा जाए...
किसी के साथ मुस्कुराने को ही नहीं
किसी की मुस्कुराहट के लिए कुछ भी करने को प्रेम
लिखा जाए....
❤️😊


8.
सुनो......
तुम मुझ से कभी खुल कर बात कर पाओ
या न कर पाओ...
परंतु इतना तो कह देना.....
की मुझे तुम्हारे प्रति प्रेम की अनुभूति
सहज लग सके....!!


9.
मैं नहीं जानता कि
मै कभी पढ़ पाऊंगा या नहीं
वेद.. पुराण..
"किन्तु"
तुम्हारे हथेलियों का स्पर्श
एक बार पड़ जाए तो
मेरे लिखे प्रेमग्रंथ भी
अमर हो जाएंगे सदा के लिए


10.
जब भी अलविदा लिखने के लिए लिखा 'अ'
तो हाथ काँपने लगें और
"अ" के अकेलेपन को
हर बार बदलकर "आ" किया
और पूरा किया वाक्य "आ जाओ"
पर तुम कभी नहीं आए
मैने भी अनेको बार सोचा पर
कभी लिख नही सका अलविदा


11.
ऐसे इन्सान से लगाव कभी न रखें
जिससे बात करने के लिए
हमें तरसना पड़े
और उसे कोई फ़र्क भी न पड़े


12.
स्त्री का शौक रखने वाला पुरुष और पैसों का शौक रखने वाली स्त्री ये दोनों कभी भी वफादार नहीं हो सकते..


13.
प्रेम की तड़पन भी अद्धभुत अहसास है
समंदर जिगर में फिर भी अतृप्त प्यास है ...


14.
निगाहें हम दोनों की चाँद की खूबसूरती पर थी,
उनकी आसमान वाले पर और हमारी उन पर..


15.
एहसास तेरे होने का ......
इतना ही बहुत है
अन्तर्मन से बंधा हूँ तुमसे ....... हर लम्हे में तुम
महसूस होती हो मुझे
❤️😊


16.
खूबसूरत हो तुम
दिलकश मुस्कुराहट है तुम्हारी,
एक झलक पाकर ही
धड़कने बढ़ जाती हैं हमारी.❤️


17.
प्रेम किसी पर
अधिकार नहीं जमाता,
न ही किसी के अधिकार को
स्वीकार करता हैं ।
प्रेम के लिए तो
प्रेम का होना ही बहुत हैं ।
😊❤️


18.
स्पर्श कुछ यूं हुआ है तेरी रूह से...
कस्तूरी भी फीकी है तेरे ख़ुशबू ए इश्क़ से।
❤️😊


19.
छूने भर से
बदल जाते हैं उनके होने के अर्थ
ठीक वैसा ही
प्रेम मैने भी तुमसे किया है
मैंने मंत्र समान तुम्हे
जपा है
एक उम्र भर तुम्हे
सोचा है
पिरो डाला है
तुम्हे अपनी कविताओं में
सच केवल कहने भर से नहीं
करने से होता है प्रेम...
😊❤


20.
तुम सिर्फ!!
मेरे शब्द पढ़ते हो..
कभी चख कर देखना..
आँसू रंगहीन होते है..
बेस्वाद नहीं!!
और कोई प्रेमपत्र..
बिन आंसू पूर्ण नहीं!
❤️😊


21.
काश कभी ऐसा मंज़र भी आये की किस्मत सब कुछ बदल दे और पगली मेरी हो जाये


22.
कई दफा खुद से बढ़ कर जब किसी से तुम मोहब्बत करते हो,
इतने सस्ते हो जाते हो तुम कि उन्हें मुफ्त के लगते हो...


23.
तुम्हें छूना और
तुम्हें गले से लगाना
कई बार यह रोमांस के लिए नहीं
बल्कि तुम्हारे साथ भावनाओं और एहसासों को जीने के लिए होता है
तुम्हें छूने के लिए कई बार बहुत तरस जाते हैं
तुम्हारे क़रीब आने के लिए बेताब हो जाते हैं
उस वक़्त सिर्फ़ एक कसक मन में होती है कि तुम आओ और मुझे अपनी बाँहों में भर लो...

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ