शैलेंद्र के 5 जादुई गीत
शैलेंद्र, हिंदी सिनेमा के अनमोल गीतकार, अपनी कवितामय शैली और दिल को छू लेने वाले शब्दों के लिए जाने जाते हैं। उनके गीत समय के साथ अमर हो गए हैं और आज भी हर पीढ़ी को प्रेरित करते हैं। यहां उनके 5 जादुई गीतों का संग्रह प्रस्तुत है, जो न केवल दिल को सुकून देते हैं, बल्कि जिंदगी की गहरी सच्चाइयों से भी परिचय कराते हैं।
1. जीना इसी का नाम है
फ़िल्म: अनाड़ी
संगीत: शंकर-जयकिशन
गायक: मुकेश
"किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार,
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार।
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार,
जीना इसी का नाम है।"
यह गीत इंसानियत, प्यार, और दूसरों के लिए जीने के महत्व को दर्शाता है। शैलेंद्र के शब्द हमें याद दिलाते हैं कि असली जीवन वह है जो दूसरों के जीवन में खुशी भर सके।
2. दिल का हाल सुने दिलवाला
फ़िल्म: श्री 420
संगीत: शंकर-जयकिशन
गायक: मुकेश
"दिल का हाल सुने दिलवाला,
सीधी सी बात न मिर्च मसाला।
कहके रहेगा कहने वाला,
दिल का हाल सुने दिलवाला।"
गरीबी और संघर्ष के बावजूद, खुश रहने और जिंदगी को खुलकर जीने का संदेश देता यह गीत एक प्रेरणा है। शैलेंद्र ने साधारण जीवन के संघर्षों को बड़े ही चुटीले अंदाज में प्रस्तुत किया है।
3. आ जा रे परदेसी
फ़िल्म: मधुमति
संगीत: सलिल चौधरी
गायक: लता मंगेशकर
"आ जा रे परदेसी,
मैं तो कब से खड़ी इस पार।
ये अँखियाँ थक गईं पंथ निहार,
आ जा रे परदेसी।"
यह गीत प्रेम और प्रतीक्षा का प्रतीक है। शैलेंद्र के शब्दों में छिपी भावनाएं और लता मंगेशकर की आवाज का जादू इसे अमर बना देता है।
4. तू प्यार का सागर है
फ़िल्म: सीमा
संगीत: शंकर-जयकिशन
गायक: मन्ना डे
"तू प्यार का सागर है,
तेरी इक बूंद के प्यासे हम।
लौटा जो दिया तुमने,
चले जाएंगे जहां से हम।"
इस गीत में प्रेम और भक्ति का गहरा अर्थ छुपा है। यह गीत मानवीय संवेदनाओं और अस्तित्व के गूढ़ प्रश्नों को छूता है। शैलेंद्र की लेखनी हमें आत्मा और परमात्मा के बीच के संबंध का अनुभव कराती है।
5. प्यार हुआ, इकरार हुआ है
फ़िल्म: श्री 420
संगीत: शंकर-जयकिशन
गायक: मुकेश और लता मंगेशकर
"प्यार हुआ, इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल।
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल,
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल।"
शैलेंद्र के इस गीत में प्यार और उसके सफर को खूबसूरती से चित्रित किया गया है। यह गीत उन पलों को जीवंत करता है, जहां प्रेम की निशानियां हमेशा हमारे दिल में जिंदा रहती हैं।
शैलेंद्र की लेखनी का जादू
शैलेंद्र के गीतों में जीवन, प्रेम, संघर्ष और मानवीय संवेदनाओं की अनोखी झलक मिलती है। उनकी लेखनी ने सिनेमा को गहराई दी और गीतों को कालजयी बना दिया। चाहे उनकी कविताओं में दर्द हो या खुशी, हर शब्द आत्मा को छू जाता है।
शैलेंद्र के गीत सिर्फ सुनने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए हैं। उनके गीत हमें सिखाते हैं कि जिंदगी को पूरी ईमानदारी और प्यार के साथ कैसे जिया जाए।
1.
किसी की मुस्कराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार
किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है
माना अपनी जेब से फकीर हैं
फिर भी, यारो ! दिल के हम अमीर हैं
लुटे जो प्यार के लिए, वो ज़िन्दगी
जले बहार के लिए, वो ज़िन्दगी
किसी को हो न हो, हमें है एतबार
जीना इसी का नाम है
रिश्ता दिल से दिल के एतबार का
ज़िन्दा है हमीं से नाम प्यार का
कि मर के भी किसी के काम आएंगे
किसी के आँसुओं में मुस्कुराएंगे
कहेगा फूल हर कली से बार-बार
जीना इसी का नाम है
2.
दिल का हाल सुने दिलवाला, सीधी सी बात न मिर्च मसाला
कहके रहेगा कहनेवाला, दिल का हाल सुने दिलवाला
छोटे से घर में गरीब का बेटा, मैं भी हूँ माँ के नसीब का बेटा
रंज-ओ-ग़म बचपन के साथी, आँधियों में जली जीवन बाती
भूख ने हैं बड़े प्यार से पाला, दिल का हाल सुने दिलवाला
हाय करूँ क्या सूरत ऐसी, गांठ के पूरे चोर के जैसी
चलता फिरता जानके एक दिन, बिना देखे पहचान के एक दिन
बांध के ले गया पुलिसवाला, दिल का हाल सुने दिलवाला
बूढ़े दारोगा ने चश्मे से देखा, आगे से देखा पीछे से देखा
ऊपर से देखा नीचे से देखा ,बोला ये क्या कर बैठे घोटाला
ये तो है थानेदार का साला, दिल का हाल सुने दिलवाला
ग़म से अभी आज़ाद नहीं मैं ,ख़ुश हूँ मगर आबाद नहीं मैं
मंज़िल मेरे पास खड़ी है, पाँव में लेकिन बेड़ी पड़ी है
टांग अढा़ता है दौलतवाला, दिल का हाल सुने दिलवाला
सुन लो मगर ये किसी से न कहना, तिनके का लेके सहारा न बहना
बिन मौसम मलहार न गाना ,आधी रात को मत चिल्लाना
वरना पकड़ लेगा पुलिसवाला, दिल का हाल सुने दिलवाला
3.
आ जा रे परदेसी
मैं तो कब से खड़ी इस पार
ये अँखियाँ थक गईं पंथ निहार
आ जा रे परदेसी
मैं दिये की ऐसी बाती
जल न सकी जो, बुझ भी न पाती
आ मिल मेरे जीवन साथी
आ जा रे परदेसी
तुम संग जनम-जनम के फेरे
भूल गए क्यों साजन मेरे
तड़पत हूँ मैं सांझ-सबेरे
आ जा रे परदेसी
मैं नदिया, फ़िर भी मैं प्यासी
भेद ये गहरा, बात ज़रा-सी
बिन तेरे हर साँस उदासी
आ जा रे परदेसी
4.
तू प्यार का सागर है, तेरी इक बूंद के प्यासे हम
लौटा जो दिया तुमने, चले जायेंगे जहां से हम
तू प्यार का सागर है ...
घायल मन का, पागल पंछी उड़ने को बेक़रार
पंख हैं कोमल, आंख है धुंधली, जाना है सागर पार
जाना है सागर पार
अब तू ही इसे समझा, राह भूले थे कहां से हम
तू प्यार का सागर है
इधर झूमती गाए ज़िंदगी, उधर है मौत खड़ी
कोई क्या जाने कहां है सीमा, उलझन आन पड़ी
उलझन आन पड़ी
कानों में ज़रा कह दे, कि आएं कौन दिशा से हम
तू प्यार का सागर है
5.
प्यार हुआ इक़रार हुआ है
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल
मालूम नहीं है कहाँ मंज़िल
प्यार हुआ इक़रार हुआ ...
कहो कि अपनी प्रीत का, गीत न बदलेगा कभी
तुम भी कहो इस राह का, मीत न बदलेगा कभी
प्यार जो टूटा, साथ जो छूटा
चाँद न चमकेगा कभी
प्यार हुआ इक़रार हुआ ...
रातों दसों दिशाओं से, कहेंगी अपनी कहानीयाँ
प्रीत हमारे प्यार की, दोहराएंगी जवानीयाँ
मैं न रहूँगी, तुम न रहोगे
फिर भी रहेंगी निशानीयाँ
प्यार हुआ इक़रार हुआ ...
शैलेंद्र की लेखनी का जादू
शैलेंद्र के गीतों में भावनाओं की सच्चाई और गहराई झलकती है। उनके शब्द सरल होने के बावजूद इतने प्रभावशाली हैं कि वे हर दिल तक अपनी बात पहुंचा देते हैं। उनके गीत जीवन, प्रेम, और संघर्ष का प्रतीक हैं, जो हमेशा हर पीढ़ी को प्रेरित करेंगे।
शैलेंद्र के गीत सिर्फ सुनने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने के लिए हैं। उनकी लेखनी हमें जीवन को बेहतर और सच्चे तरीके से जीने की प्रेरणा देती है।
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