बचपन की यादों के लिए शायरी - Shayari for childhood memories

बचपन की यादों के लिए शायरी

शायरी संग्रह:

  1. चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें 👦👶,
    बड़ी मुद्दत हुई बेवजह हँसकर नहीं देखा 👦👫

  2. कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से 👦👫,
    कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलते हैं 👧

  3. जिम्मेदारियों ने वक्त से पहले बड़ा कर दिया साहब 👬👫,
    वरना बचपन हमको भी बहुत पसंद था! 👫

  4. चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से 👫👧,
    वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं! 👦👶

  5. चलो आज बचपन का कोई खेल खेलें 👦👫,
    बड़ी मुद्दत हुई बे-वजह हंसकर नहीं देखा! 👦👶

  6. सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त 👦,
    बचपन वाला इतवार अब नहीं आता! 👧👫

  7. कोई तो रुबरु करवाओ 👧👶,
    बेखोफ़ हुए बचपन से 👦👫,
    मेरा फिर से बेवजह मुस्कुराने का मन है! 👫👧

  8. नींद तो बचपन में आती थी 👫👬,
    अब तो बस थक कर सो जाते हैं 👧

  9. बहुत खूबसूरत था महसूस ही नहीं हुआ 👶,
    कब कहां और कैसे चला गया बचपन हमारा! 👧👬

  1. झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम 👬,
    ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम 👶

  2. कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को 👧,
    नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुनकर! 👧👶

  3. बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा गाँव 👫👬,
    जब से डिग्रियाँ समझ में आई 👬👫,
    पाँव जलने लगे! 👶

  4. कौन कहे मासूम हमारा बचपन था 👦,
    खेल में भी तो आधा आधा आँगन था! 👶👧

  5. बड़ी हसरत से इंसाँ बचपने को याद करता है 👶,
    ये फल पक कर दोबारा चाहता है ख़ाम हो जाए! 👬

  6. दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में सो 👧,
    ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम! 👦

  7. इतनी चाहत तो लाखो रुपए पाने की भी नहीं होती 👶👫,
    जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है! 👫

  8. दूर मुझसे हो गया बचपन मगर 👶👦,
    मुझमें बच्चे सा मचलता कौन है! 👬

  9. देर तक हँसता रहा उन पर हमारा बचपना 👶,
    जब तजुर्बे आए थे संजीदा बनाने के लिए! 👬

  10. ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर 👦👶,
    बस अपनी ही धुन बस अपने सपनो का घर 👦👶,
    काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर! 👧👶

  1. अजीब सौदागर है ये वक़्त भी 👬,
    जवानी का लालच दे के बचपन ले गया! 👫

  2. देखो बचपन में तो बस शैतान था 👧👶,
    मगर अब खूंखार बन गया हूँ! 👬👦

  3. हंसने की भी वजह ढूँढनी पड़ती है अब 👶👫,
    शायद मेरा बचपन 👬,
    खत्म होने को है! 👶👧

  4. काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था 👶👦,
    खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था 👬👦,
    कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में 👦,
    वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था! 👶👧

  5. बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे 👫,
    जहां चाहा रो लेते थे 👫,
    पर अब 👦👫,
    मुस्कान को तमीज़ चाहिए 👫,
    और आंसूओं को तनहाई! 👦👶

  6. बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी 👦👧,
    अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है! 👦👶

  7. आजकल आम भी पेड़ से 👬👦,
    खुद गिरके टूट जाया करते हैं 👶,
    छुप छुप के इन्हें तोड़ने वाला 👦,
    अब बचपन नहीं रहा! 👫

  8. कभी कंचे तो कभी लट्टू 👦,
    बचपन में खिलौने कम नहीं थे 👶👬,
    पर बचपन के दिन काफी कम थे! 👶

  9. जिंदगी में कुछ दोस्त बन गये 👦,
    कोई दिल में तो कोई आँखों में बस गये! 👦,
    कुछ दोस्त अहिस्ता से बिछड़ते चले गये 👫,
    पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये! 👫

  10. एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर 👶👧,
    नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर! 👶👦

  1. एक इच्छा है भगवन मुझे सच्चा बना दो 👧👦,
    लौटा दो मेरा बचपन मुझे बच्चा बना दो! 👦

  2. बचपन की दोस्ती और अपनों का प्यार 👫,
    यह जिसके पास है 👬👧,
    उसने जीत लिया संसार! 👦👬

  3. कुछ लोगों के साथ खून का रिश्ता नहीं होता 👦👫,
    लेकिन फिर भी उनसे अपनो वाली खुशबू आती है! 👶

  4. तभी तो याद है हमे हर वक़्त बस बचपन का अंदाज 👦👧,
    आज भी याद आता है बचपन का वो खिलखिलाना 👬,
    दोस्तों से लड़ना 👫,
    रूठना 👫👬,
    मनाना! 👫👬

  5. दोस्ती में ना कोई दिन ना कोई वार होता है 👦,
    ये तो एहसास है जिसमें बस यार होता है! 👶

  1. एक ताबीज़ हमारी गहरी दोस्ती को चाहिए 👧👦,
    जरा सी दिखी नहीं कि नज़र लगने लगती हैं! 👧👦

  2. दोस्तो से दोस्ती रखा करो तबियत मस्त रहेगी 👧👦,
    ये वो हक़ीम हैं जो अल्फ़ाज़ सेदुरुस्त किया करते हैं! 👶

  3. मै दोस्त छोड़ न पाया बुरी लतों की तरह 👶,
    वो मेरे साथ है बचपन की आदतों की तरह 👶

  4. ज़िन्दगी में दोस्त तो बहुत बनाये 👶👬,
    पर मेरे बचपन के दोस्त जैसे कोई नहीं! 👦

  5. आओ भीगे बारिश में 👧👦,
    उस बचपन में खो जाएं 👦,
    क्यों आ गए इस डिग्री की दुनिया में 👬,
    चलो फिर से कागज़ की कश्ती बनाएं! 👶

  6. अलग होने से यह तथ्य नहीं बदल जाता कि 👦👶,
    लंबे समय तक हम साथ-साथ बढ़े! 👦

  7. जीवन में बचपन के दोस्तों का होना धागे में पिरोए 👫👧,
    असली मोतियों की तरह है 👦👬,
    जो हमेशा 👫,
    चमकते रहते हैं और जीवन को उज्ज्वल बनाते हैं! 👬👦

  8. दोस्ती है हमारी जय और वीरू के जैसी 👧,
    जिसने तोड़ने की कोशिश की उसकी ऐसी की तैसी! 👧

  9. दोस्ती एक ऐसा उपहार है जो सभी चीजों में उचित है 👧,
    यह किसी के दिल से निकलता है और इसमें 👧👫,
    ऐसी बातें होती हैं जो कोई नहीं सुनता! 👬👦

  10. बिछड़ गये वो दोस्त अब नहीं मिलते 👦👧,
    पर यादों में हमेशा रहेंगे जिये 👶👧!

  1. वो पलक झपकना हुआ जब मेरा बचपन गया! 👶👧

  2. अब कोई मेरा नादान दोस्त नहीं है 👦,
    जो ज़िंदगी को थोड़ी और ज़िंदगी बनाता है! 👦

  3. दोस्त वो है जो वादों पर अमल करे 👶👧,
    तो एक सच्चे दोस्त की तरह निभाता है! 👦

  4. हमें याद है हमारा दोस्ती का वो सफर 👶👧,
    जहां हम सिर्फ खुद को खुश रखते थे! 👦

  5. देखो तो सही वो मेरा दोस्त है 👦,
    जिसने मेरे जीने की वजह बताई थी! 👦

  6. आओ फिर से बचपन की गली में चलें 👦👶,
    फिर से वो दोस्ती का सफर शुरू करें! 👦

बचपन की यादों के लिए शायरी

1.
वो दिन थे बेहद खास,
जब मम्मी पापा होते थे पास,
अब तो जिंदगी से है बस यही आस,
दोबारा बचपन लौट आए मेरे पास।

2.
न थी चिंता न थी कोई फिक्र,
याद आया आज वो बिता लम्हा,
जब तुमने किया बचपन का जिक्र।

3.
जब हम छोटे बच्चे थे,
अकल से थोड़े कच्चे थे,
लेकिन मन से पूरे सच्चे थे,
जैसे भी थे हम बहुत अच्छे थे।

4.
बचपन में हम रोते-रोते हंस पड़ते थे,
अब हालात ऐसे हैं कि हंसते-हंसते रो पड़ते हैं,
बचपन से लेकर जवानी तक हम ऐसे ही तो सीढ़ियां चढ़ते हैं।

5.
न कुछ पाने की इच्छा, न कुछ खोने का डर,
इस भागदौड़ भरी जिंदगी के बदले,
काश दोबारा मिल जाए बचपन का पहर।

6.
जब बढ़ा कंधों का बोझ,
तब यह महसूस हुआ,
कब कैसे और कहां,
मेरा बचपन बीत गया।

7.
बात है उन दिनों की जब हम बच्चे थे,
बोलते थे झूठ लेकिन लगते सच्चे थे,
सब कहते थे हम बहुत अच्छे थे,
असल में तो हम अकल के कच्चे थे।

8.
बचपन में किसी पर भी भरोसा कर लेते थे,
छोटी-छोटी बातों के लिए लड़ लेते थे,
अब तो न किसी पर भरोसा होता है,
और न ही किसी से लड़ना होता है।

9.
बचपन में मां के आंचल में सुकून था,
बहुत कुछ कर जाने का जुनून था,
बड़े हुए तो सब भूल गए,
रेत पर लिखे थे सपने लहरों से धुल गए।

10.
अब मैं अक्सर अपने बचपन को याद करता हूं,
वो दिन फिर से लौटा दे खुदा से फरियाद करता हूं,
बहुत ही हसीन थे मेरे बचपन के दिन,
फिर से वो दिन आ जाएं ऐसी आस रखता हूं।

फनी कोट्स

1.
हमें याद है आज भी वो दिन,
जब पिटाई खाकर गुजरते थे दिन।

2.
मां मेरी आंखों में काजल लगाती थी,
कुछ देर बाद पूरा काजल फैल जाता था,
खुद को दर्पण में देखकर मैं डर जाता था।

3.
बचपन में घर छोड़कर जाने की धमकी देता था,
एक दिन मम्मी ने सामान पैक कर दिया तो डर गया,
तब से घर छोड़कर चला जाऊंगा बोलना छोड़ दिया।

4.
भूतों की कहानी से डर लगता था,
पर मैं नहीं डरता ये सबसे कहता था,
पर सबको पता था कि मुझे रात के अलावा,
भूतों से दिन में भी डर लगता था।

5.
बचपन में स्कूल में मन नहीं लगता था,
कार्टून देखने के लिए देर तक जगता था,
जब-जब स्कूल की परीक्षा आने लगती थी,
तब-तब मैं बीमार होने का बहाना करता था।

दो लाइन की शायरी

1.
मत कर सुकून की बात ऐ ग़ालिब,
बचपन का रविवार अब नहीं आता।

2.
किस-किसको सुनाऊं बचपन की शैतानियां,
अनगिनत हैं किस्से, अनगिनत हैं कहानियां।

3.
बड़ी सुहानी थी बचपन की कहानी,
रह गई बस यादें और आ गई ये जवानी।

4.
वो मीठे लम्हें सबसे खास हैं,
जिनमें बचपन की यादें साथ हैं।

5.
जिसमें न थी रोने की वजह और हंसने का बहाना,
न जाने कहां चला गया वो बचपन का जमाना।

निष्कर्ष: बचपन के दोस्त एक ऐसी याद हैं जो हमेशा हमारे दिल में रहेंगे। ये शायरी उन यादों को ताज़ा करती हैं, जो हम सबके जीवन में कभी न कभी होती हैं। हमें अपने दोस्तों की अहमियत को समझना चाहिए और उन्हें अपने जीवन में हमेशा बनाए रखना चाहिए।

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