गुस्से की शायरी: भावनाओं की गहराई
गुस्सा एक ऐसी भावना है, जो हमें कई बार समझदारी से सोचने से रोकती है। लेकिन जब हम इसे सही तरीके से व्यक्त करते हैं, तो यह भी प्यार और जुड़ाव का एक हिस्सा बन सकता है। यहाँ कुछ बेहतरीन गुस्से की शायरी प्रस्तुत की जा रही है, जो आपके दिल की बात बयां करेगी।
1.
जो गुस्से को कंट्रोल करना सीख गया,
उसे रिश्तों का असली मतलब समझ आ गया।
2.
जब भी तुम्हे गुस्सा आए,
तो हम पर बरस जाया करो,
तेरी खामोशी हमे मार देती है।
3.
जो लोग अक्सर गुस्सा दिखाया नहीं करते,
वही गुस्से में रो दिया करते हैं।
4.
जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं,
मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है।
5.
गुस्से का अपना अलग अंदाज़ है,
ये उसी पे फिदा है जो बेहद खास है।
6.
ज़िन्दगी को कुछ ऐसे जीना है,
धोखा खाना और गुस्सा पीना है।
7.
वैसे तो बहुत अच्छा हूँ मैं,
पर सिर्फ गुस्सा न आने तक।
8.
वो शांत होकर भी सुनाई देती है,
चुप है वो फिर भी क्यों सुनाई देती है।
9.
दिन गुजर गया, रात भी बीत गई,
हमारे के आगे उनकी नाराजगी जीत गई।
10.
तुम्हे गुस्सा करने का हक़ है,
मुझ पर नाराजगी में,
ये मत भूल जाना कि हम,
बहुत प्यार करते हैं तुमसे।
11.
ये जो मेरे गुस्से को भी मुस्कुराहट में,
बदल देते हो, बस यही वजह कि तुम,
दिल को इतना भाते हो।
12.
एक पल में खिलखिला कर हँसती है,
एक पल में गुस्से से तिलमिलाती है,
कुछ ज़िन्दगी सी है माशूका मेरी।
13.
कहने को तो अनेक शिकायतें थी उनसे,
वो ज़रा सा पास क्या आए,
सारा गुस्सा मोम सा पिघल गया।
14.
गुस्सा भी समय-समय पर,
करना ठीक होता है,
पर कहां और कब करना है,
ये समझना मुश्किल होता है।
15.
तुम पर गुस्सा आता ही नहीं,
ना जाने कितनी मुहब्बत कर बैठा हूँ तुमसे।
गुस्सा और प्यार: जब भावनाएँ मिलती हैं
गुस्सा और प्यार, ये दो अलग-अलग भावनाएँ हैं, लेकिन जब ये एक साथ आती हैं, तो एक अनोखी कहानी बनाती हैं। गुस्सा कभी-कभी हमें दूर कर सकता है, लेकिन प्यार हमें फिर से जोड़ने का काम करता है। इस ब्लॉग में हम गुस्से और प्यार को बयां करने वाली कुछ खूबसूरत शायरी प्रस्तुत कर रहे हैं।
गुस्से का अहसास
1. गुस्से की चोट
गुस्सा तुम्हारा दिल को चोट पहुंचाए,
पर कभी भी न खो दो हमारे प्यार को|
2. दूर जाने का डर
गुस्से में हो तुम, हमसे दूर न होना,
जब भी खो जाएं हम, बुला लेना हमें|
3. गुस्से की आग
गुस्से की आग में जलते हुए हों ना,
ताकत हो तुम्हारी उसे कुबूलने की|
प्यार की पहचान

4. नजरअंदाज न करना
नजरअंदाज करने से बढ़ता है गुस्सा,
चुप रहकर दिल को जताने में कमी न करो|
5. खास रिश्ता
गुस्सा तुम्हारा भी है खास, हमारा भी है,
बातों-बातों में हो जाए जब राबता तुम्हारा|
6. आदत नहीं
गुस्सा आता है जब खो देते हैं तुम्हें,
बस इतना समझ लो, आदत नहीं तुम्हारी|
एक साथ मिलना
7. फिर से मिलना
गुस्सा करने से भले हो जाएं अलग,
मिलते हैं फिर भी हम, एक दूजे के साथ|
8. साथ का अहसास
रास्ते में बिखर जाए तुम्हारा गुस्सा,
हम हैं यहां, साथ है हमारा दिल तुम्हारे साथ|
9. प्यार की बातें
गुस्से में भी प्यार की बात करो,
क्योंकि गुस्सा होता है हर किसी से|
गुस्से को समझना
10. गुस्सा भी संभालेंगे
गुस्सा करो ना, करना हो तो हमसे करो,
हम तो तुम्हारे हैं, गुस्सा भी संभालेंगे|
11. दिल के जख्म
गुस्से के आगे बेवजह रुठना नहीं,
दिल के जख्मों को सुलझा कर बात करो|
12. मुस्कान से बढ़कर
गुस्से से बढ़कर है तुम्हारी मुस्कान,
बस आँखों में छुपा लो उसे फिर तोड़ना|
प्यार की गहराई

13. गुस्सा और प्यार का अहसास
गुस्सा आए तो समझ लेना हमें,
हमसे प्यार तुम्हारे दिल में बसता है|
14. अधूरी खुशियाँ
गुस्से के बाद भी तुम्हारी हंसी हमें भाए,
क्योंकि तुम्हारे बिना हमारी खुशियाँ अधूरी हैं|
15. खो जाना
गुस्सा आता है तुम्हें देखकर,
पर हम भी तुम्हारे गुस्से में खो जाते हैं|
यह गुस्से की शायरी न केवल दिल की गहराई को समझने में मदद करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे गुस्सा और प्यार एक-दूस के साथ जुड़े हो सकते हैं। आशा है कि आपको यह शायरी पसंद आएगी और आप इसे अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ साझा करेंगे।
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