शायरी और कविताएं - एक अनमोल संग्रह (शायरी और प्रेम 💕)
शायरी और प्रेम 💕
आरजू क्यों करूं, कि तुम मुझे चाहोगे उम्र भर…
इतना ऐतबार ही काफी है, कि मुझे भूल नहीं पाओगे उम्र भर।
कितना ठीक करूं जिंदगी को
फिर भी कुछ ना कुछ बिगड़ ही जाता है...!!
क्या कहें दिल को मेरे किस कदर भाते हो
आंख खुलती है तो बस तुम ही नजर आते हो
तुमसे मिलने का जी करता रहता है मेरा सारा दिन
मैं आंख भी बंद करती हूं अगर
तो तुम ख़्वाब बनकर नज़र आते हो।
आंधी का दुख भी समझ सकते हो
कश्ती का रुख भी समझ सकते हो
फक़त मुझे अपना, समझने वालों
तुम मेरा दुख भी, समझ सकते हो
अब मुझे कोई, कुछ नहीं समझता
तुम मुझे, कुछ भी समझ सकते हो
पढ़ो ये एल्बम, मेरे सुख का दुख है
तुम इसे बुक भी, समझ सकते हो
तुमने मेरी चीख में, सुना है ख़ुद को
तुम मेरा चुप भी, समझ सकते हो।
अब जो बाज़ार में रखे हो तो हैरत क्या है
जो भी देखेगा वो पूछेगा की कीमत क्या है
एक ही बर्थ पे दो साये सफर करते रहे
मैंने कल रात यह जाना है कि जन्नत क्या है।
उसपे कैसे भरोसा करूं
जिसका कोई भरोसा नही
मेरे जैसा वो लगता तो है
वो मगर मेरे जैसा नही
सच कहूँ जानता हूं मैं सब
पर कभी उससे कहता नही।
कितना सुंदर लिखा है किसी ने.....
प्यास लगी थी गजब की, मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते !!
बस यही दो मसले, जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए !!
वक़्त ने कहा... काश थोड़ा और सब्र होता,
सब्र ने कहा... काश थोड़ा और वक़्त होता !!
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता..😥😒😒
उन बद्दुआओं से बचना
जो बोलकर नहीं दी जाती...
सज़ा बन जाती है गुज़रे वक़्त की यादें
ना जाने क्यूँ लोग मतलब के लिए मोहब्बत करते है...
ये इश्क मे हँसते मुस्कुराते लोग
कब बिछड़ जाए कौन जानता है...
हमारे शहर में उतरा है कमाल का मौसम
बारिश ठंडी हवा और चाय का मौसम...
खुबसूरती ना सुरत में है ना लिबास में है...
निगाहें जिसे चाहें उसे खुबसूरत बना दें...!!
शरारत पर जो तुम उतर आते हो
ये कैसी चाहत पर उतर आते हो
कुछ लम्हे मुझे देने से कतराते हो
अपने मुताबिक तुम नजर आते हो
गलती तुम्हारी नाराजगी जताते हो
कभी कभी रातों को तड़पाते हो
दिल क्या दे दिया मैंने अपना
तुम तो हुकूमत पर उतर आते हो।
बिन बुलाए आजाता है ख्याल नहीं करता
तुम्हारा ख्याल क्यों मेरा ख्याल नहीं रखता...
इक अजनबी मुलाक़ात थी वो...
दो लम्हों की बात थी वो…
ना सावन था न बदली थी…
बिन बादल बरसात थी वो....
कुछ तुमने कहाँ कुछ हमनें...
कुछ अनकहे जज़्बात थे वो....
दिख रहा था मंज़िल का रास्ता...
कितना हसीन साथ था वो....
शुरू हुआ सफ़र अरमानों का...
ज़िंदगी की नई शुरुआत थी वो....
गुफ़्तगू शायराना थी दोनों की…
शायर शायरा की मुलाक़ात थी वो .....
राज़ कभी हमसे हमारे भी कह दो,
सुना है वो ज़माने से कहता है हम में कमियाँ बहुत है !!
एक परिंदे को अब,रिहा किया जाए
पिज़रे से इश्क़ के, जुदा किया जाए
इसे यकीन होता ही नहीं,किसी पर
ये ज़ख्मी दिल का, क्या किया जाए
हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो,
हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो❤️
लोग इन्सान देखकर मोहब्बत करते हैं....!!
मैने मोहब्बत करके इन्सानों को देख लिया
नौकरी थका रही है मुर्शिद ये उम्र घटा रही है
अमीरी मुमकिन नही है तनख्वाह बता रही है...
छोड़कर जाने की धमकी उसको देना
डार्लिंग जिसके पास चाहने वाले एक हो उसे नही जिसके पास अनेक हो🤩
She : 👩🏻
चलो कुछ तो बयान करो ना
अपनी जिंदगी की दास्तान
Me : 🧔🏻
वो मंजिलें भी खो गई
वो रास्ते भी खो गए...
जो आशना से लोग थे
वो अजनबी से हो गए...!!
में शहर भी आया तो कर्ज लेकर
अपनी हर जिम्मेदारी का फर्ज लेकर
किसने सोचा था बिक जाऊंगा
चंद पैसों में हजारों का दर्द ले कर
© आदिल खान...✍🏻
इंतजार में गुजरे थे मौसम
अब वो महीना वो साल नही है
जाना है जादू मेरे इश्क में था
तू इतना भी बे मिसाल नहीं है
ना कही चेन है,और ना कही क़रार है
बड़ा बुरा रोग ये,जिसका नाम प्यार है
लगी है किसी अपने की नजर फकीर
इस बार जिस्म नहीं, ये रूह बीमार है
खुदा नवाजे तुझे मुझसे भी बेहतर
मगर हमेशा तू मेरे लिए तरसे...
न साथ है किसी का,
न सहारा है कोई,
न हम हैं किसी के,
न हमारा है कोई....😌✨
एक अदा से शुरू एक अंदाज पे खत्म होती है
नजर से शुरू हुई मोहब्बत नजर अंदाज पे खत्म होती हैं...
अगर तुम सुनो तो मैं कहूं
मेरी एक फ़रियाद बाकी है
किसी रोज़ वक्त मिले तो आना
मेरे पास तेरी एक याद बाकी है
ये सभी शायरी और कविताएं प्रेम और जीवन के विभिन्न रंगों को बयां करती हैं। इन्हें पढ़कर आप अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां कर सकते हैं। अगर आपको यह पसंद आया, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें और हमारे ब्लॉग पर अधिक शायरी और कविताओं के लिए आते रहें।
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शायरी और कविताएं - एक अनमोल संग्रह
1. भैरव की शायरी:
हम जैसे आम चेहरों को कौन पूछता है...
यहां आवारगी की कीमत है...
सादगी की नहीं...
मैं पूरे शहर की हमदर्दी का क्या करता... मुझे किसी की जरूरत है...
हर किसी की नहीं...
2. खामोशी और तस्वीर:
कभी ख़ामोश पड़ा रहता हूं
कभी तेरी तस्वीर तकता रहता हूं
कुछ छीन गया है मेरा
मैं उस चोर को निहारता रहता हूं
चोरी जैसे......कायनात ने की है मेरी
कभी ख़ामोश रहता हूं
कभी तेरी तस्वीर पर तेरी जुल्फें संवारता रहता हूं
3. आम सी लड़की:
वो आम सी लड़की मेरे लिये खाश सी बन गई है,
उसकी बातों की खुमारी ज़हन में उतर चुकी है,
और शायद इस खुमारी से मैं कभी उठ ना पाऊँगा,
पर डर ये है की वो कभी मुझसे खफ़ा ना हो जाये,
अगर खफ़ा हो भी जाये तो मनालूँगा,
बस उसके दिल में बिछड़ने का खयाल ना आये...
4. दर्द भरी बातें:
वो कहते है कत्ल करना है तो खंजर से बार ना कर
मेरे मरने के लिए तेरा औरों से प्यार करना बहुत हैं...
5. ज़िन्दगी और प्रेम:
नदी के दो किनारे हम तुम उस पार मैं इस पार,
मिलने को तड़पते हैं दोनों,
लेकिन बीच है नदी तेज धार,
अरमान तो है बहुत सारे दिलों में,
सारे डूब जाते हैं नदी में मझधार।
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