Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

(1) 
हादसों की गर्द से... ख़ुद को बचाने के लिए, 
माँ हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे।
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ 
आई मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आयी।
ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया,
 माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया।

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है,
 माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है।

मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ, 
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ।

ख़ुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे,
 माँ ! तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे।
(1) 
Hairan Ho Jata Hun 

हैरान हो जाता हूँ मैं अक़्सर, देखकर खुदाओं के दर पे हुजूम,
माँ, तेरी गोद में मुझे, जन्नत का एहसास होता है।
 रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये, 
चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ, 
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें, 
जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।

सब कुछ मिल जाता है दुनिया में मगर,
याद रखना कि माँ-बाप नहीं मिलते, 
मुरझा कर जो गिर जाये एक बार डाली से, 
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते।

(3) 
किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं, 
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है।

 Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

कदम जब चूमले मंज़िल तो जज़्बा मुस्कुराता है,
 दुआ लेकर चलो माँ की तो रस्ता मुस्कुराता है। 

एक मुद्दत से मेरी माँ नहीं सोई...
 मैंने इक बार कहा था मुझे डर लगता है। 

शायद यूँही सिमट सकें घर की ज़रूरतें, 
‘तनवीर’ माँ के हाथ में अपनी कमाई दे।

दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ आरिफ़, 
कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए। 

इसलिए चल न सका कोई भी ख़ंजर मुझ पर, 
मेरी शह-रग पे मेरी माँ की दुआ रखी थी।
(4) 
माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल मे सुलाओ,
उंगलियाँ अपनी फेर कर बालो में मेरे,
एक बार फिर से बचपन कि लोरियां सुनाओ।

 Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

(5) 
दिन की रौशनी ख्वाबो को बनाने मे गुजर गयी,
रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गयी,
जिस मकान मे तेरे नाम की तख्ती भी नहीं है,
सारी उम्र उस मकान को बनाने मे गुजर गयी।
(6) 
ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,
तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,
मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं।
(7) 
जन्नत का हर लम्हा, दीदार किया था,
 गोद में उठाकर जब माँ ने प्यार किया था।

(8) 
दिल तोड़ना कभी नहीं आया मुझे,
 प्यार करना जो सीखा है माँ से।

(9) 
खूबसूरती की इंतहा बेपनाह देखी, 
जब मैंने मुस्कुराती हुई माँ देखी।

 Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

(10) 
जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ, 
मेरे रब के बाद मैं बस अपनी माँ को जानता हूँ।

(11) 
खाने की चीज़ें माँ ने जो भेजी हैं गाँव से, 
बासी भी हो गई हैं, तो लज़्ज़त वही रही।

(12) 

Maa ki Mamta Par Shayari


जब भी कोई खतरा मेरी जान पर आता है
माँ का नाम ही जुबा पर आता है
बिना कुछ कहे वो सब कुछ कह लेती है
हमारी ख़ुशी के खातिर वह सब सह लेती है।

(13) 
ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले आज, 
दिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है। 

ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
 मैं जब तक घर न लौटूं, मेरी माँ सज़दे में रहती है।

 Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

 चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है, 
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है। 

पहले ये काम बड़े प्यार से माँ करती थी, 
अब हमें धूप जगाती है तो दुःख होता है। 

मुझे बस इस लिए अच्छी बहार लगती है, 
कि ये भी माँ की तरह ख़ुशगवार लगती है। 

भेजे गए फ़रिश्ते हमारे बचाव को, 
जब हुआ हादसात माँ की दुआ से उलझ पड़े।

(14) 
मैं रात भर #जन्नत की सैर करता रहा दोस्तों, 
आँख खुली तो देखा मेरा सर माँ के गोद में था।

माँ शायरी 2 लाइन


कहते है की पहला प्यार कभी भुलाया नहीं जाता,
फिर पता नहीं लोग क्यों अपने माँ बाप का प्यार भूल जाते है!
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थके होते हुए थककर सोते नहीं देखा,
पिता को मैंने कभी रोते नहीं देखा!
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 Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

अगर माँ बाप तुम्हारी वजह से खुश है,
तो अपनी जिंदगी के बादशाह हो तुम!
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इस दुनिया में बिना स्वार्थ के,
सिर्फ माता पिता ही प्यार कर सकते है!
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जो औलाद अपने माता पिता को खुश ना रख सके,
उन बच्चो की हर इबादत बेकार है!
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जिस माँ ने तुम्हे बोलना सिखाया है,
अपनी जुबां की कलाएं उनके आगे मत चलाओ!
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अपनी आँखे बंद होने तक जो प्रेम करे वो माँ है,
परंतु आँखों में प्रेम न जताते हुए भी जो प्रेम करे वो पिता है!
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माँ की दुआए और पिता का प्यार,
याद रखो दोस्तों कभी जाता नहीं बेकार!
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ज़माना बनावटी है हर तरफ से मतलब के सलाम आएँगे,
और किसी का कितना भी कर लेना आखिर में माँ बाप ही काम आएँगे!
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मुझे छाओं में रखा खुद जलता रहा धुप में,
मैंने देखा है एक फ़रिश्ता मेरे पिता के रूप में!
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पिता की मौजूदगी सूरज की तरह होती है,
सूरज गर्म जरुर होता है लेकिन अगर न हो तो अंधेरा छा जाता है!

माँ शायरी 2 लाइन

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माता पिता की नसीहत सब को बुरी लगाती है लेकिन,
माता पिता की वसीहत सबको अच्छी लगती है!
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तुम्हारे हर सुख दुःख में साथ रहूंगा,
जितना मुझे आपने दिया उससे कई गुना में आपको दूंगा!
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 Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

खुशियाँ जहां की सारी मिल जाती है,
जब पापा की गोद में झपकी मिल जाती है!
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पापा पल पल प्यार देते है,
अपनी जिंदगी हम पर वार देते है!
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बिना बताए मेरे मन की हर बात पढ़ लेते है,
मेरे पापा मेरी हर बात मान लेते है!
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पापा मुझको भूल न जाना, गलतियाँ मेरी दिल पर मत लेना,
भूल हो जाती है मुझ नादान से, अपने बेटी को हमेशा गले लगाना!

माँ शायरी 2 लाइन

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बच्चे वसीयत पूछते है, रिश्ते हैसियत पूछते है,
वह मेरी माता-पिता ही है जो मेरी खैरियत पूछते है!
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मंजिल दूर और सफ़र बहुत है, छोटी सी जिंदगी की फ़िक्र बहुत है,
मार डालती ये दुनिया कब की हमें, लेकिन पाप के प्यार में असर बहुत है!
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 Maa ki Mamta Par Shayari (माँ की ममता पर शायरी)

मुझसे मोहब्बत है अपने हाथों की सब उँगलियों से,
ना जाने पापा ने कौन से उंगली को पकड़कर चलना सिखाया था!
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मेरी रब से गुजारिश है छोटी सी लगानी एक सिफारिश है,
रहे जीवन भर खुश मेरे पापा, बस इतनी सी मेरी ख्वाहिश है!
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कभी है धरती तो कभी आसमान है पिता,
मेरी आन भी है और मेरी जिंदगी की शान भी है पिता!

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