शकील बदायुनी सुपरहिट गजल हिंदी (Shakeel Badayuni superhit ghazal Hindi)
ग़ज़ल एक उर्दू काव्य विधा है, जिसे कविता और गीत का मिश्रण कहा जा सकता है। यह आमतौर पर प्रेम, दर्द, जुदाई और जीवन के विभिन्न पहलुओं को अभिव्यक्त करने के लिए लिखी जाती है। ग़ज़ल में कई शेर (दोहरे) होते हैं, और प्रत्येक शेर एक स्वतंत्र विचार या भावना को प्रस्तुत करता है।
ग़ज़ल की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
शेर (दोहरे): ग़ज़ल कई शेरों से मिलकर बनती है। हर शेर दो पंक्तियों का होता है और दोनों पंक्तियों में एक ही विचार या भावना व्यक्त होती है।
रदीफ़: ग़ज़ल के हर शेर की दूसरी पंक्ति का अंतिम शब्द या शब्द समूह समान होता है। इसे रदीफ़ कहते हैं।
क़ाफिया: ग़ज़ल के हर शेर की दूसरी पंक्ति में रदीफ़ से पहले का शब्द या शब्द समूह क़ाफिया होता है, जो तुकबंदी का काम करता है।
मतला: ग़ज़ल का पहला शेर मतला कहलाता है, जिसमें दोनों पंक्तियों में क़ाफिया और रदीफ़ का प्रयोग होता है।
मक़ता: ग़ज़ल का आखिरी शेर मक़ता कहलाता है, जिसमें शायर अपना तख़ल्लुस (उपनाम) प्रयोग करता है।
बह्र: ग़ज़ल के हर शेर में एक समान छंद या मीटर (बह्र) का प्रयोग होता है। यह ग़ज़ल की लय और संगीत को बनाए रखता है।
शकील बदायूंनी |
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है
चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है,
ये मुलाकात बड़ी देर के बाद आई है।
हमसे करते थे वफ़ा का जो वादा, वो भी,
बेक़रार बड़ी देर के बाद आई है।
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,कहीं ज़मीन, कहीं आसमान नहीं मिलता।
बुझा सका है भला कौन वक्त के शोले,
ये ऐसी आग है जिसमें धुआँ नहीं मिलता।
"दिल चीज़ क्या है, आप मेरी जान लीजिए"
शकील बदायूंनीदिल चीज़ क्या है, आप मेरी जान लीजिए,
बस एक बार मेरा कहा मान लीजिए।
दुनिया में रहिएगा तो सदाएँ बहुत मिलेंगी,
लेकिन मेरे दिल की आवाज़ पहचान लीजिए।
"आप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं"
शकील बदायूंनीआप की आँखों में कुछ महके हुए से राज़ हैं,
आप से भी खूबसूरत आप के अंदाज़ हैं।
बुझते हुए चिराग़ हूँ, लेकिन ये ग़म नहीं,
मेरे सवालों के जवाब आप के पास हैं।
"हम लबों से कह न पाए उनसे हाल-ए-दिल कभी"
शकील बदायूंनीहम लबों से कह न पाए उनसे हाल-ए-दिल कभी,
और वो समझे नहीं ये खामोशी क्या चीज़ है।
रूह में घुलता चला जाता है दिल का दर्द-ए-हाल,
अपनी हालत हमने की खुद साज़िशी क्या चीज़ है।
"कभी रुख्सत हो तो वापस भी आ सकते हो"
शकील बदायूंनीकभी रुख्सत हो तो वापस भी आ सकते हो,
जाते-जाते मुझसे ये बात कह गए।
रहगुज़र मैं खड़ा था अकेला मगर,
वो कह गए, ये ही जुदाई की रस्म है।
उनसे नज़रें क्या मिलीं रौशन फ़िज़ाएं हो गईं
शकील बदायूंनीउनसे नज़रें क्या मिलीं रौशन फ़िज़ाएं हो गईं,
आज जाना प्यार की जादूगरियां क्या चीज़ हैं।
कुछ हमें भी फ़ख़्र था अपने जुनूँ पर दोस्तों,
अब समझ में आ रहा है वहशतें क्या चीज़ हैं।
जब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग
शकील बदायूंनीजब भी जी चाहे नई दुनिया बसा लेते हैं लोग,
एक चेहरे पर कई चेहरे सजा लेते हैं लोग।
है कोई भी शख्स अब कैसे किसी का हो सका,
सब मिटा कर दिल से यादें फिर बना लेते हैं लोग।
इक नए दर्द का होना भी तवक़्क़ो है लाज़िम
शकील बदायूंनीइक नए दर्द का होना भी तवक़्क़ो है लाज़िम,
पहले इक ज़ख़्म का दर होना ज़रूरी है अभी।
कुछ न कुछ सुबह-ओ-शाम होना ही चाहिए,
अश्क के शोलों का ठर होना ज़रूरी है अभी।
दिल में हर लम्हा हर इक बात याद रखते हैं
शकील बदायूंनीदिल में हर लम्हा हर इक बात याद रखते हैं,
उन से बिछड़ कर उनकी हर बात याद रखते हैं।
चाहतों की हमें हर बार सजा मिलती है,
फिर भी उम्मीदों के हर जज़्बात याद रखते हैं।
शकील बदायूनी की कुछ और बेहतरीन ग़ज़लें
तुम्हें पाया है तो हम ने ग़म-ए-दौराँ पाया
शकील बदायूंनीतुम्हें पाया है तो हम ने ग़म-ए-दौराँ पाया,
किससे शिकवा करें हमने किसे अपना पाया।
जो भी चाहा था वही ज़ख़्म नसीबों में मिला,
जिसके दामन में हंसी थी उसी से रोना पाया।
दिल के ख़िलाफ़ आज कहाँ जाऊँ छोड़ कर
शकील बदायूंनीदिल के ख़िलाफ़ आज कहाँ जाऊँ छोड़ कर,
ये भी मेरा दिल है इसे कैसे छोड़ दूँ।
आ देख तो सही मेरे दिल का आलम क्या है,
तुझसे जुदा हूँ फिर भी तेरा पासबाँ हूँ।
हम से कहो न चुपके-चुपके ज़माना क्या कहता है
शकील बदायूंनीहम से कहो न चुपके-चुपके ज़माना क्या कहता है,
इस दौर में अब क़िस्सा-ए-दर्द-ए-दिल कौन कहता है।
बुझा दिया है ये जलता हुआ शम्मा हमने,
अब कोई भी महफ़िल में रोशनाई नहीं कहता है।
इश्क़ की गलियों में मेरा दिल खो गया
शकील बदायूंनीइश्क़ की गलियों में मेरा दिल खो गया,
हर तरफ़ देखता हूँ कोई चेहरा मिला नहीं।
तेरी तस्वीर निगाहों में बसी है लेकिन,
ये हक़ीक़त है कि तू मेरे पास आ नहीं।
नज़रें मिलीं तो प्यार के जज़्बात क्या कहें
शकील बदायूंनीनज़रें मिलीं तो प्यार के जज़्बात क्या कहें,
कहने लगे ये हाल-ए-दिल के बातें क्या कहें।
हर शख्स का ये आलम है यहाँ प्यार में,
दिल की बातें लबों पर कभी आ नहीं सकीं।
तेरे प्यार का हसीं अफ़साना कभी लिखूँगा
शकील बदायूंनीतेरे प्यार का हसीं अफ़साना कभी लिखूँगा,
दिल की हर धड़कन को साज़ बना दूँगा।
तेरे हुस्न की तारीफ़ में मैं शेर लिखूँगा,
हर लफ़्ज़ को ख़ूबसूरत ग़ज़ल बना दूँगा।
वो जो हम में तुम में क़रार था
शकील बदायूंनीवो जो हम में तुम में क़रार था, तुम्हें याद हो के न याद हो,
वही यानी वादा-निभाह का, तुम्हें याद हो के न याद हो।
वो नए ग़ज़ल का तबसिरा, वो तरन्नुमों की शरारतें,
वो हसीन लम्हे की दास्ताँ, तुम्हें याद हो के न याद हो।
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
शकील बदायूंनीग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो,
नशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें।
तुम आए हो न शब-ए-इंतज़ार गुज़री है,
तलाश में है सहर बार-बार गुज़री है।
कहाँ तक ये मनाएँ कि ये रातें यही हैं
शकील बदायूंनीकहाँ तक ये मनाएँ कि ये रातें यही हैं,
कहाँ तक ये सुनाएँ कि ये बातें यही हैं।
हर दिल की तमन्ना है कि तू पास रहे,
हर दिल की ये है दुआ कि वो सूरत यही है।
दिल की वादियों में कोई फूल खिलता है
शकील बदायूंनीदिल की वादियों में कोई फूल खिलता है,
जब भी तुम्हारी याद का झोंका चलता है।
यूँ तो जिंदगी में हर एक बात भुला देता हूँ,
पर तेरा ख्याल दिल से कभी नहीं निकलता है।
दिल को मैं झुका दूँगा, और तुझे अपना बना लूँगा
शकील बदायूंनीदिल को मैं झुका दूँगा, और तुझे अपना बना लूँगा,
तेरे हुस्न को अपने दिल की गहराई में बसा लूँगा।
तेरी चाहत का हर एहसास, हर दर्द अपना बना लूँगा,
तेरे बिना इस दिल का हाल, तुझसे ही मैं कह दूँगा।
उनसे मिलकर दिल की बातें छुपानी पड़ती हैं
शकील बदायूंनीउनसे मिलकर दिल की बातें छुपानी पड़ती हैं,
उनकी आँखों से नज़रे चुरानी पड़ती हैं।
मेरी उलझनों का ये ही है एक हल दोस्तों,
अपनी चाहत को दिल में ही दबानी पड़ती हैं।
तेरे बिना भी ये दिल, हर खुशी से महरूम है
शकील बदायूंनीतेरे बिना भी ये दिल, हर खुशी से महरूम है,
मेरी चाहत की ये कहानी भी अधूरी है।
जब भी याद करता हूँ तुझे, ये दिल रो पड़ता है,
तेरे बिना भी ये जिंदगी कितनी बेमानी है।
प्यार के सफर में हमसफर कोई नहीं होता
शकील बदायूंनीप्यार के सफर में हमसफर कोई नहीं होता,
हर किसी को अपनी राह खुद बनानी पड़ती है।
तेरी यादों का सहारा लेकर जी रहा हूँ मैं,
तेरे बिना ये जिंदगी, एक अधूरी कहानी है।
तेरी तस्वीर को दिल से लगाए रखता हूँ
शकील बदायूंनीतेरी तस्वीर को दिल से लगाए रखता हूँ,
तेरी यादों को दिल में बसाए रखता हूँ।
जब भी तन्हा होता हूँ तेरे ख्यालों में,
खुद को फिर से तेरे पास पाता हूँ।
तेरी हर बात में एक हुस्न है, एक रूहानी बात है
शकील बदायूंनीतेरी हर बात में एक हुस्न है, एक रूहानी बात है,
तेरे बिना भी ये जिंदगी, एक बेमानी बात है।
तेरी आँखों का ये जादू, ये मोहब्बत की बातें,
हर एक लम्हा तेरे साथ बिताने की चाहत है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक सहरा सा लगता है
शकील बदायूंनीतेरे बिना भी ये दिल, एक सहरा सा लगता है,
तेरी यादों में ये दिल, एक दरिया सा लगता है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक धड़कन सा लगता है,
तेरी मोहब्बत में ये दिल, एक शायर सा लगता है।
तेरी आँखों में जो देखता हूँ, एक ख्वाब सा लगता है
शकील बदायूंनीतेरी आँखों में जो देखता हूँ, एक ख्वाब सा लगता है,
तेरी मोहब्बत में ये दिल, एक जवाब सा लगता है।
तेरी यादों में ये दिल, एक सवाल सा लगता है,
तेरे बिना भी ये दिल, एक जनाब सा लगता है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक साया सा लगता है
शकील बदायूंनीतेरे बिना भी ये दिल, एक साया सा लगता है,
तेरी मोहब्बत में ये दिल, एक माया सा लगता है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक दुआ सा लगता है,
तेरी यादों में ये दिल, एक हवा सा लगता है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक रूह सा लगता है
शकील बदायूंनीतेरे बिना भी ये दिल, एक रूह सा लगता है,
तेरी मोहब्बत में ये दिल, एक जुस्तजू सा लगता है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक फिज़ा सा लगता है,
तेरी यादों में ये दिल, एक सज़ा सा लगता है।
बिल्कुल, शकील बदायूनी की कुछ और ख़ास शायरी
तुम्हारी अंजुमन से उठ के दीवाने कहाँ जाते
तुम्हारी अंजुमन से उठ के दीवाने कहाँ जाते,जो वाबस्ता हुए तुमसे वो अफ़साने कहाँ जाते।
बहुत आगे गए बाकी जो थे हम उनके दीवाने,
कोई समझाए दिल को, अब हम दीवाने कहाँ जाते।
उम्र भर का साथ देने का वादा किया था
उम्र भर का साथ देने का वादा किया था,अब वो बातों को भूलने का इरादा किया था।
दर्द-ए-दिल ने एक नई राह दिखाई हमें,
उन्होंने एक हंसते हुए शाम का वादा किया था।
तेरे बिना भी ये दिल किसी का नहीं है
तेरे बिना भी ये दिल किसी का नहीं है,मोहब्बत में ये दिल अब किसी का नहीं है।
तेरी यादों में ये दिल तड़पता है हर पल,
तेरे बिना भी ये दिल किसी का नहीं है।
तुम्हारे हुस्न की तारीफ का भी जिक्र होता है
तुम्हारे हुस्न की तारीफ का भी जिक्र होता है,हर महफ़िल में अब तेरा ही नाम होता है।
दिल की हर धड़कन तुझसे ही शुरू होती है,
तेरी यादों में ही अब ये अंजाम होता है।
तेरी आँखों में जो देखूं, तो एक ख्वाब सा लगे
तेरी आँखों में जो देखूं, तो एक ख्वाब सा लगे,तेरी बातों में जो सुनूं, तो एक किताब सा लगे।
तेरी मोहब्बत में जो रहूं, तो एक जहाँ सा लगे,
तेरे बिना भी ये दिल, एक सहरा सा लगे।
दिल की आवाज़ में जो बात कहूं, तुझसे कहूं
दिल की आवाज़ में जो बात कहूं, तुझसे कहूं,हर एक ख्वाब में जो बात कहूं, तुझसे कहूं।
तेरी चाहत में जो दिल तड़पता है हर पल,
उस दर्द-ए-दिल की हर बात कहूं, तुझसे कहूं।
तेरे बिना भी ये दिल, एक वीराना सा लगे
तेरे बिना भी ये दिल, एक वीराना सा लगे,तेरी यादों में ये दिल, एक बहाना सा लगे।
तेरी मोहब्बत में जो दिल तड़पता है हर पल,
तेरे बिना भी ये दिल, एक अफसाना सा लगे।
- शकील बदायूंनी
तेरे बिना भी ये दिल, एक कहानी सी लगे
तेरे बिना भी ये दिल, एक कहानी सी लगे,तेरी मोहब्बत में ये दिल, एक जवानी सी लगे।
तेरे बिना भी ये दिल, एक रात सी लगे,
तेरी यादों में ये दिल, एक बात सी लगे।
तेरे बिना भी ये दिल, एक अधूरा सा ख्वाब है
तेरे बिना भी ये दिल, एक अधूरा सा ख्वाब है,तेरी मोहब्बत में ये दिल, एक पूरा सा ख्वाब है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक दर्द सा ख्वाब है,
तेरी यादों में ये दिल, एक सच्चा सा ख्वाब है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक प्यासा सा लगे
तेरे बिना भी ये दिल, एक प्यासा सा लगे,तेरी मोहब्बत में ये दिल, एक तमाशा सा लगे।
तेरे बिना भी ये दिल, एक अनजाना सा लगे,
तेरी यादों में ये दिल, एक दीवाना सा लगे।
शकील बदायुनी की गजलें
- शकील बदायूंनी
तेरी दुनिया में कोई दिल से दिलासा न दे
तेरी दुनिया में कोई दिल से दिलासा न दे,ये वो दुनिया है जो तुझको भी तमाशा न दे।
तुझसे बढ़कर कोई अफ़साना नहीं होगा कभी,
तेरे चेहरे से बढ़कर कोई इशारा न दे।
जो बात तुझमें है, तेरी तस्वीर में नहीं
जो बात तुझमें है, तेरी तस्वीर में नहीं,हर सूरत में मगर, तेरा ही अक्स है कहीं।
तुझसे बढ़कर कोई नशा नहीं, कोई खुमार नहीं,
तेरे बिना कोई महफ़िल नहीं, कोई प्यार नहीं।
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,कहीं ज़मीन, कहीं आसमान नहीं मिलता।
बुझा सका है भला कौन वक्त के शोले,
ये ऐसी आग है जिसमें धुआँ नहीं मिलता।
मेरे दिल की ये ज़मीं, और तेरा आसमान
मेरे दिल की ये ज़मीं, और तेरा आसमान,इस मोहब्बत की कहानी में, कहाँ कोई पहचान।
हर ख्वाब में तू है, हर याद में तू है,
तेरे बिना ये दिल, एक वीराना सा लगे।
तेरे बिना भी ये दिल, किसी का नहीं है
तेरे बिना भी ये दिल, किसी का नहीं है,मोहब्बत में ये दिल अब किसी का नहीं है।
तेरी यादों में ये दिल तड़पता है हर पल,
तेरे बिना भी ये दिल किसी का नहीं है।
दिल की आवाज़ में जो बात कहूं, तुझसे कहूं
दिल की आवाज़ में जो बात कहूं, तुझसे कहूं,हर एक ख्वाब में जो बात कहूं, तुझसे कहूं।
तेरी चाहत में जो दिल तड़पता है हर पल,
उस दर्द-ए-दिल की हर बात कहूं, तुझसे कहूं।
तेरे बिना भी ये दिल, एक अधूरा सा ख्वाब है
शकील बदायूंनीतेरे बिना भी ये दिल, एक अधूरा सा ख्वाब है,
तेरी मोहब्बत में ये दिल, एक पूरा सा ख्वाब है।
तेरे बिना भी ये दिल, एक दर्द सा ख्वाब है,
तेरी यादों में ये दिल, एक सच्चा सा ख्वाब है।
तेरी आँखों में जो देखूं, तो एक ख्वाब सा लगे
शकील बदायूंनीतेरी आँखों में जो देखूं, तो एक ख्वाब सा लगे,
तेरी बातों में जो सुनूं, तो एक किताब सा लगे।
तेरी मोहब्बत में जो रहूं, तो एक जहाँ सा लगे,
तेरे बिना भी ये दिल, एक सहरा सा लगे।
तेरे बिना भी ये दिल, एक वीराना सा लगे
शकील बदायूंनीतेरे बिना भी ये दिल, एक वीराना सा लगे,
तेरी यादों में ये दिल, एक बहाना सा लगे।
तेरी मोहब्बत में जो दिल तड़पता है हर पल,
तेरे बिना भी ये दिल, एक अफसाना सा लगे।
उम्र भर का साथ देने का वादा किया था
शकील बदायूंनीउम्र भर का साथ देने का वादा किया था,
अब वो बातों को भूलने का इरादा किया था।
दर्द-ए-दिल ने एक नई राह दिखाई हमें,
उन्होंने एक हंसते हुए शाम का वादा किया था।
तेरी चाहत में दिल कभी फना नहीं होता
शकील बदायूंनीतेरी चाहत में दिल कभी फना नहीं होता,
हर लम्हा तेरा एहसास जुदा नहीं होता।
तेरे बिना भी ये दिल वीराना सा लगता है,
तेरी यादों में दिल कभी तन्हा नहीं होता।
दिल में हर लम्हा हर इक बात याद रखते हैं
शकील बदायूंनीदिल में हर लम्हा हर इक बात याद रखते हैं,
उन से बिछड़ कर उनकी हर बात याद रखते हैं।
चाहतों की हमें हर बार सजा मिलती है,
फिर भी उम्मीदों के हर जज़्बात याद रखते हैं।
दिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है
शकील बदायूंनीदिल-ए-नादान तुझे हुआ क्या है,
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है।
हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद,
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है।
इक नए दर्द का होना भी तवक़्क़ो है लाज़िम
शकील बदायूंनीइक नए दर्द का होना भी तवक़्क़ो है लाज़िम,
पहले इक ज़ख़्म का दर होना ज़रूरी है अभी।
कुछ न कुछ सुबह-ओ-शाम होना ही चाहिए,
अश्क के शोलों का ठर होना ज़रूरी है अभी।
ये दिल और उनकी निगाहों के साये
शकील बदायूंनीये दिल और उनकी निगाहों के साये,
मुझे घेर लेते हैं बाहों के साये।
अभी ख़्वाब-घर से चला भी नहीं था,
कि आ गए लौट के राहों के साये।
तेरी याद दिल से मिटाने चले हैं
शकील बदायूंनीतेरी याद दिल से मिटाने चले हैं,
मेरे साथ मेरे ज़माने चले हैं।
मगर ये पता है कि राहें जुदा हैं,
कि मिलने चले हैं, न जाने चले हैं।
तुम्हारे बाद किसी और को चाहा ही नहीं
शकील बदायूंनीतुम्हारे बाद किसी और को चाहा ही नहीं,
कोई भी दर मेरे दिल का तब खुला ही नहीं।
तुम्हारी याद में दिल धड़कता है हर लम्हा,
तुम्हारे बिना किसी और को सोचा ही नहीं।
किसी का यूं तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी
शकील बदायूंनीकिसी का यूं तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी,
ये हुस्न-ओ-इश्क़ सदा थे सदा हैं, सदा रहेंगे।
ये दाग़-ए-हिज्र के सदमे, ये विसाल की खुशी,
ये सब उसी के हैं जिसने वफ़ा की है कभी।
तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं
शकील बदायूंनीतुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैं,
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं।
हवाओं में भी अजीब सी बेचैनी है,
बिना बात के ही दिल धड़कने लगते हैं।
जाने कब तुम्हारे दिल से मेरा प्यार जाएगा
शकील बदायूंनीजाने कब तुम्हारे दिल से मेरा प्यार जाएगा,
तुमको क्या पता ये दिल कितनी बार रोएगा।
मोहब्बत का ये सफर यूं ही चलता रहेगा,
तेरे बिना भी ये दिल तुझसे ही जुड़ा रहेगा।
वो जो हम में तुम में क़रार था
शकील बदायूंनीवो जो हम में तुम में क़रार था, तुम्हें याद हो के न याद हो,
वही यानी वादा-निभाह का, तुम्हें याद हो के न याद हो।
वो नए ग़ज़ल का तबसिरा, वो तरन्नुमों की शरारतें,
वो हसीन लम्हे की दास्ताँ, तुम्हें याद हो के न याद हो।
वो जो हमसे छुपा कर रखते थे
वो जो हमसे छुपा कर रखते थे,दिल में अरमान वफ़ा कर रखते थे।
अब जो हमने किया है इज़हार-ए-मोहब्बत,
वो भी अपने दिल का हाल बता कर रखते थे।
वो भी बहुत हसीन था, उसने भी हम से प्यार किया
वो भी बहुत हसीन था, उसने भी हम से प्यार किया,हमने भी जी जान से, उसे मोहब्बत का इज़हार किया।
हम भी बेक़रार थे, वो भी तड़पता था हमारे लिए,
उसने भी अपने दिल का हाल हमें बार-बार किया।
वो जो तुमसे एक बार हो जाए, तो फिर कहीं न जाए
वो जो तुमसे एक बार हो जाए, तो फिर कहीं न जाए,इस मोहब्बत में दिल को कोई शिकायत नहीं सहे।
तुम्हारे बिना ये दिल तन्हा सा लगता है हर पल,
तुम्हारे बिना ये दिल किसी का नहीं रह पाए।
वो जो हम में तुम में है रंजिशें, ये भी तमाशा है ज़िन्दगी
वो जो हम में तुम में है रंजिशें, ये भी तमाशा है ज़िन्दगी,ये जो तुमसे वाबस्ता है, यही तो वास्ता है ज़िन्दगी।
दिल में हर लम्हा हर इक बात याद रखते हैं,
उन से बिछड़ कर उनकी हर बात याद रखते हैं।
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