हम झूठा प्यार और झूठा इजहार के दर्द झेल पर सबसे बेहतरीन फेक लव कोट्स लेकर आए हैं खास आपके लिए। प्यार में बेवफाई पर बेस्ट शायरियां और झूठा प्यार शायरी का ये कलेक्शन एक दम नया है।
खतरनाक बेवफाई शायरी
रातों को चुपके से जलते हैं,
अपनी ही आग में पलते हैं,
बेवफाई की आग में जलते हैं,
फिर भी किसी से न कुछ कहते हैं।
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तुम्हारी बेवफाई का यूँ सिला पाया है,
टूटकर भी हर बार मुस्कुराया है,
तुम्हें चाहा दिल से पर तुमने,
हर बार मुझे दर्द ही दिया है।
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दिल से खेलना हमें भी आता है,
मगर किस्मत से डरते हैं,
अपनी बेवफाई पर इतना गुरूर मत करो,
हमने खेल देखा है पर हार से डरते हैं।
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बेवफाई के ज़ख्म दिल पर ऐसा निशान छोड़ गये,
हँसते हुए चेहरों के पीछे दर्द छिपा गये।
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तेरे झूठे प्यार का किस्सा अब आम हो गया,
हर दिल में बेवफाई का ही नाम हो गया।
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वो बेवफाई की बातें अब याद आती हैं,
जब दिल किसी और से टकराता है।
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जिन पर विश्वास था वो ही दगा दे गये,
बेवफाई के जख्म दिल में छुपा दे गये।
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हमने सोचा था हर खुशी उनकी होगी,
पर वो तो हमें ही बेवफाई का दर्द दे गये।
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दिल तोड़कर उन्होंने हमें क्या सिला दिया,
बेवफाई का ऐसा दर्द दिल को छू गया।____________________________________________________________________________
तेरे प्यार की जो हमने चाहत पाई थी,
बेवफाई की आग में वो जलकर रह गई।
जबरदस्त मोहब्बत शायरी
जिस मुहब्बत के लिए हम कभी मरा करते थे,
ए मेरे दोस्त आज उसी मुहब्बत के मारे हैं।
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मेरे टूटे दिल का हाल जानने वो फिर लौट आए,
जख्म फिर हरे हो गए और हाल बेहाल हो गया।
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मतलब की दुनिया है यहां कोई क्या साथ देगा,
अपने ही यहां अपनों को दगा देते हैं।
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सच्ची मुहब्बत की कदर कहां है इस दुनिया को,
यहां हर कोई रिश्ता बनाता है अपना फायदा सोचकर।
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उसे एहसास जरूर हुआ होगा मेरी मुहब्बत का हमें रुलाने के बाद,
उन्हें अब हम पर प्यार आया है मीलों दूर चले जाने के बाद।
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ए-खुदा मेरे टूटे दिल की कोई दवाई तो दे देता,
उसकी बेवफाई से अच्छा उसकी जुदाई दे देता।
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ए-सनम जिक्र बेवफाई का जब भी आता है,
याद तुम्हारी आती है और आंखों से आंसू निकल जाते हैं।
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कहां से लाऊं वो चांद जिसमें तेरी खूबसूरती हो,
कहां से लाऊं वो शब्द जिसमें तेरी तारीफ हो,
ए-बेवफा कहां से लाऊं वो किस्मत जिसमें तू लिखा हो।
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हजारों आशिक इश्क की खातिर इश्क के रास्ते पर फना हो गए,
इक मेरी मुहब्बत में न जाने क्या कमी रही, वो बेवफा हो गए।
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जिन रास्तों पर चला करते थे हम उनका हाथ थामे,
आज वही रास्ते उनकी बेवफाई की यादें ताजी करते हैं।
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अब मान भी जा ए-दिल कि वो हमारा नहीं,
कब तक इक बेवफा की याद में यूं तड़पता रहेगा।
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जिस गुलजार राह पर तुम्हारे पीछे आंखें मूंदकर चल पड़ा था दिल,
आज सन्नाटे, अकेलेपन और बेवफाई की यादों से भरा पड़ा है।
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कभी कागज पर एक लाइन तक लिखने से डर लगता था,
तुम्हारी बेवफाई ने आज मुझे हजारों पन्नों का शायर बना दिया।
मोहब्बत शायरी
वो गुजरे मेरे पास से यूं की हमें जानते नहीं,
एक हम हैं कि आज भी उस बेवफा को बेवफा मानते नहीं।
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इक जमाने में हम उनकी मुहब्बत के कसीदे पढ़ा करते थे,
उनकी बेवफाई ने इस कदर तोड़ा की गीत वफा के भूल गए।
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हमें गम नहीं उनकी बेवफाई का, बस इक अरमान था
कि हम भी उन संग इक आशियाना बनाते प्यारा सा।
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क्या करूं मैं इस पागल दिल का, पहले पूरे दिल पर तुम्हारा राज था,
अब हजारों टुकड़ों में टूटकर भी ये तुम्हारा ही अक्स दिखाता है।
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सुना है हमारी वफा का वो भरी महफिल में मखौल उड़ाते हैं,
एक हमारा दिल है जो अकेले में भी उन्हें कोस नहीं पाता।
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तेरा ख्याल दिल से यूं मिटता नहीं,
ये दिल है कि तुझे भूलता नहीं,
दुनिया लाख बेवफा कहे तुझको,
पर मुहब्बत तेरी मैं यूं ही भूल सकता नहीं।
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मुझे आज भी तुझसे ज्यादा कोई अजीज नहीं,
बस अब तेरी मुहब्बत के तकाजे बदल गए।
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कैसे भरोसा करें तेरी इस मुहब्बत पर,
जब बाजार में तेरे नाम की बेवफाई बिकती है।
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मुहब्बत का नतीजा जमाने में हमने बुरा ही देखा,
दावा जो करते थे वफा का, उन्हीं को बेवफा होते देखा।
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न इतना नाज करो तुम अपनी मुहब्बत पर ए-दुनिया वालों,
जब बेवफाई होती है तो जिंदा आदमी भी लाश बनकर रह जाता है।
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न लगे जब तक ठोकर बेवफाई की,
हर किसी को अपनी मुहब्बत पर नाज होता है।
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बहुत सोचा था उसकी बेवफाई के सामने घुटने नहीं टेकेंगे,
लेकिन उसके सामने आते ही आंखों ने अपना पाला बदल लिया।
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चला जिक्र जब बेवफाई का इस महफिल में
हमने नाम तुम्हारा लिया ओर सन्नाटा छा गया।
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तेरी तो फितरत ही थी सब से दिल लगाने की,
हम खुद को यूं ही खुशनसीब समझते रहे।
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हम कैसे उन्हें बेवफा कह दें,
मुहब्बत हमने की थी उसने नहीं।
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हमें क्या मालूम था उनसे दिल्लगी का ये अंजाम होगा,
करके बेवफाई हमसे यूं मंजर बर्बादी का सरेआम होगा।
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शिकवा नहीं है मुझे तेरी बेवफाई का,
गिला तो तब होता गर तूने वफा किसी से निभाई होती।
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उसने हद से ज्यादा बढ़कर चाहा था हमें,
फिर हुआ यूं कि उसका जी भर गया।
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उसकी बेवफाई पर भी जां निसार है अपनी,
अगर वफा की होती तो खुदा जाने क्या होता।
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इश्क का अंजाम किसे मालूम होता है,
वफा हो तो सब सही होता है,
बेवफाई हो तो हाल-ए बर्बादी होता है।
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मुहब्बत का आखिरी अंजाम यही होता है,
बेवफाई का मारा सच्चा आशिक उम्र भर रोता है।
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उनकी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया,
हम नहीं रोते हैं, हमें देखकर पूरा जमाना रोता है।
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कभी गम, कभी तन्हाई तो कभी जुदाई मार गई,
जिसे चाहा बड़ी शिद्दत से हमने, उसकी बेवफाई मार गई।
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कुछ करना ही है तो वफा करो ए-मेरे-दोस्त,
बेवफाई तो सबने की है मजबूरी के नाम पर।
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बेवफाई ने उनकी हमें इस कदर तोड़ा कि फिर जुड़ न सके,
चोट इतनी गहरी थी कि मुहब्बत की राह पर दोबारा मुड़ न सके।
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फिर से निकलेंगे जिंदगी की तलाश में इक बार,
बस दुआ करना की अबकी बार कोई तुम जैसा हमसफर न मिले।
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न मैं शायर था न शायरी से मेरा कोई वास्ता,
आज हर महफिल में किस्से उसकी बेवफाई के सुनाता हूं।
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अच्छा होता अगर उनसे हमें प्यार न हुआ होता,
पहुंच चुके होते मंजिल पर अपनी अब तक,
अगर इक बेवफा पर हमें एतबार न हुआ होता।
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झूठे प्यार ने हंसते हुए इंसानों की दुनिया उजाड़ दी,
अगर पता होता कि अंजाम-ए-इश्क इस कदर तड़पाएगा, तो दिल्लगी न करते।
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प्यार की राह में इतने जख्म खाए कि अब किसी पर ऐतबार नहीं होता,
इतना तो जान ही गए हैं कि हम इस बेवफा दुनिया में सच्चा प्यार नहीं होता।
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जिसके खातिर हमने पूरी दुनिया से रिश्ता तोड़ दिया,
उस बेवफा ने इक नए रिश्ते के लिए हमसे ही नाता तोड़ लिया।
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मैं हर रोज लफ्जों में उनकी बेवफाई के किस्से सुनाता हूं,
ये जमाना है कि मेरे दर्द पर भी वाह-वाह करके चल देता है।
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इश्क मुहब्बत क्या है अब न रहा मुझे मालूम,
बस तुम्हारी याद आती है तो आंसू नहीं रुकते।
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चला जिक्र जब बेवफाई का इस महफिल में
हमने नाम तुम्हारा लिया ओर सन्नाटा छा गया।
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तेरी तो फितरत ही थी सब से दिल लगाने की,
हम खुद को यूं ही खुशनसीब समझते रहे।
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हम कैसे उन्हें बेवफा कह दें,
मुहब्बत हमने की थी उसने नहीं।
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हमें क्या मालूम था उनसे दिल्लगी का ये अंजाम होगा,
करके बेवफाई हमसे यूं मंजर बर्बादी का सरेआम होगा।
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शिकवा नहीं है मुझे तेरी बेवफाई का,
गिला तो तब होता गर तूने वफा किसी से निभाई होती।
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उसने हद से ज्यादा बढ़कर चाहा था हमें,
फिर हुआ यूं कि उसका जी भर गया।
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उसकी बेवफाई पर भी जां निसार है अपनी,
अगर वफा की होती तो खुदा जाने क्या होता।
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इश्क का अंजाम किसे मालूम होता है,
वफा हो तो सब सही होता है,
बेवफाई हो तो हाल-ए बर्बादी होता है।
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मुहब्बत का आखिरी अंजाम यही होता है,
बेवफाई का मारा सच्चा आशिक उम्र भर रोता है।
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उनकी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया,
हम नहीं रोते हैं, हमें देखकर पूरा जमाना रोता है।
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कभी गम, कभी तन्हाई तो कभी जुदाई मार गई,
जिसे चाहा बड़ी शिद्दत से हमने, उसकी बेवफाई मार गई।
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कुछ करना ही है तो वफा करो ए-मेरे-दोस्त,
बेवफाई तो सबने की है मजबूरी के नाम पर।
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बेवफाई ने उनकी हमें इस कदर तोड़ा कि फिर जुड़ न सके,
चोट इतनी गहरी थी कि मुहब्बत की राह पर दोबारा मुड़ न सके।
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फिर से निकलेंगे जिंदगी की तलाश में इक बार,
बस दुआ करना की अबकी बार कोई तुम जैसा हमसफर न मिले।
दर्द भरी बेवफा शायरी इन हिंदी
वो रो-रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे,
मगर एक सवाल आज भी परेशान किए हुए है,
कि अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों?
मुझसे बिछड़ कर खुश रहते हो,
लगता है तुझसे सही से मोहब्बत भी न हुई थी।
तेरी बेवफाई का गम इस कदर सता रहा है,
कि दिल रोने को भी अब बहाना ढूंढता है।
तेरी बेवफाई के जख्म दिल से निकाले नहीं जाते,
वरना हमसे भी मुस्कुराए नहीं जाते।
तेरी यादें मेरी तन्हाई में मुझे अक्सर रुला जाती हैं,
तेरी बेवफाई की वो बातें हर रात मुझे सता जाती हैं।
दिल टूटा है मगर अब भी तुझसे प्यार करते हैं,
हर दर्द को सहकर भी तुझे हर रोज याद करते हैं।
तेरी बेवफाई ने मेरा दिल तोड़ दिया,
फिर भी तुझसे प्यार करने का इरादा न छोड़ दिया।
वो मिले तो सही, मगर मिलने का फायदा क्या,
बेवफाई का दाग दिल से मिटता नहीं।
दिल के जख्मों का एहसास सिर्फ वही कर सकता है,
जिसने कभी किसी बेवफा से प्यार किया हो।
बेवफाई के दर्द को बयां कैसे करूं,
ये तो वही समझ सकता है जिसने इसे सहा हो।
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