दिल के जज़्बात: एक शायरी संग्रह
इस संग्रह में प्रस्तुत शायरी प्रेम, दर्द, और जीवन के विभिन्न पहलुओं को बयां करती है। यहाँ हर एक शायरी में गहरे जज़्बात और भावनाएँ छिपी हैं, जो पाठकों को सोचने पर मजबूर कर देंगी। यह संग्रह आपके दिल के हर कोने को छू जाएगा और आपको एक नई सोच देने का कार्य करेगा।
शायरी संग्रह:
ज़िन्दगी है चार दिन की कुछ भी न गिला कीजिये!
दवा - ज़हर - जाम - इश्क जो मिले मज़ा लीजिये!!एक झूठ सौ झूठ बुलवाएगा,
परंतु तुम सच बोलना क्योंकि
समझने वाला समझ ही जाएगा...ताल्लुक़ात बढ़ाने हैं तो कुछ बुरी आदतें भी सीख लें,
ऐब न हों तो लोग महफ़िलों में नहीं बुलाते।मुझे पूरा तोड़ देता था...
उसका वो आधे मन से बात करना!!वो प्यार जो हकीकत में प्यार होता है,
जिन्दगी में सिर्फ एक बार होता है,
निगाहों के मिलते मिलते दिल मिल जाये,
ऐसा इतेफाक सिर्फ एक बार होता है..!!बहुत बुरे हैं हम.....
कुछ अपनो से सुना है मैंने!!वो कहते है ना कि कुछ बेहतर सोचो
तो बेहतर ही होगा,
मैंने सोचा की तुम्हे ही सोचु तुमसे
बेहतर क्या होगा..🥀फितरत उनकी नवाबी सी है,
ठाठ में रहते हैं मिआ दिल चुराने के बाद।ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे हैं न
पढ़ना कभी गौर से चीख़ते कमाल हैं!!मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा है,
वो तारों में तन्हा है और मैं हजारों में तन्हा।😣
ज़ख़्म भर गए सब हादसों के
इश्क़ की चोट लेकिन गहरी है..!नफरत है तो बता कर दिखा
इश्क़ हैं तो जता कर दिखा
अगर मन नहीं तो मुझसे बात
तक मत किया करो
अच्छे से जानते है तम्हे
फिकर करने का नाटक
मत किया करो...आग लगाने वालों को कहाँ खबर,
रुख हवाओं ने बदला तो ख़ाक वो भी होंगे...हम भी फूलों की तरह कितने बेबस हैं,
कभी किस्मत से टूट जाते हैं तो कभी लोग तोड़ जाते हैं...रात की मुट्ठी में एक सुबह भी है,
शर्त ये है कि पहले जी भर के अँधेरा तो देख लो...दुआ कहूं, अर्जी कहूं या ख़्वाहिश कहूं इसे..
रब साँसे उतनी ही दे जितना साथ तुम्हारा दे...पैगाम तो एक बहाना था इरादा तो आपको
याद दिलाना था आप याद करे या ना करे कोई
बात नही पर आपकी याद आती है बस इतना
ही हमे आपको बताना था.🥀आज तो नही..... पर
एक दिन "एहसास" जरूर होगा!मैं बोलता हूं तो इल्ज़ाम है बग़ावत का,
मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है!!जा मैंने ले लिए अपने कदम पीछे
तेरे झूठे साथ की जरूरत नहीं है मुझे...!!मैं तेरे प्यार से बचकर जाऊँ तो कहाँ जाऊँ..
तू "मेरी सोच के हर दहलीज़ पे नज़र आता है!!एक तुम्हें ही देखने की चाह,
तन्हा रखती है ख्यालों की भीड़ में भी....🥀🥀पहले लोग मरते थे रूह भटकती थी,
अब रूह मर चुकी है लोग भटकते हैं...मिसाल ए आतिश है ये रोग ए मोहब्बत,
रोशन तो जरूर करती है मगर जला जला कर।जाने क्या हादसा है होने को,
जी बहुत चाहता है रोने को।😔वक्त रोक नही पाया एक पल को
वो दूर जा रहे थे हम मुस्कुरा रहे थे।गलत समझे की मैं खुश बहुत था खलनायक
अरे जनाब वो दिल किसी गैर से लगा रहे थे।ना हक दो इतना की तकलीफ हो तुम्हें
ना वक्त दो इतना की गुरुर हो उन्हें..!!इश्क़ उन्हें ही गुनाह लगता है,
जिनके इरादों में मिलावट होता है।एक तरफ़ा ही सही प्यार तो प्यार ही है...!!
उसे हो ना हो हमें तो बेशुमार ही है...!!!
ये...मोहब्बत भी आग जैसी है...
लग जाये तो बुझती नहीं और बुझ जाए तो जलन होती है!!खुली किताब थे हम....☹️
अफ़सोस अनपढ़ के हाथ मे थे हम!!मोहब्बत करना गुनाह तो नहीं
फिर मोहब्बत के बदले सजा क्योंमोहब्बत करना गुनाह तो नहीं
फिर मरहम की जगह जख्म क्योंमोहब्बत करना गुनाह तो नहीं
फिर खुशी के बदले दर्द क्योंअपने किरदार पर डालकर परदा,
हर कोई कह रहा है ज़माना खराब है..तूफान में किश्तियां डूब जाती है,
अहंकार में हस्तियां डूब जाती है!लोगों को मिल रहे हैं शरीक-ए-हयात
हमें मिल रहें हैं, लोग वाहियात......!!शहर भर में मजदूर जैसा कोई दर-बदर न था,
जिसने सबका घर बनाया उसका कोई घर न था...इस दुनियां को देख तुम हैरान हो गए🙄
अरे - यहाँ सिर्फ लोग है "इंसान" खो गए!!तुम्हें क्या पता किस दर्द में हूं मैं...
जो कभी लिया ही नहीं उस 'कर्ज' मे हूं मैंना करो जुर्रत किसी के वक़्त पे हँसने की कभी..
ये वक़्त है ज़नाब हर चेहरा याद रखता है...एक नज़र देख के सौ नुक्स निकाले मुझमें,
फिर भी मैं खुश हूं मुझे गौर से देखा तूने!!सुनो,
आप मेरे आत्म सम्मान की रक्षा करना,
मैं आपका गुरूर सलामत रखूंगी...!!❤️तुम हमसे पहले कैसे सो सकती हो
पता है न मुझे नींद नहीं आती अकेले रातों में 😒ना होने का एहसास सबको है,
मौजूदगी की खबर किसी को नहीं...तमाशा ज़िन्दगी का हुआ,
कलाकार सब अपने निकले!कब तलक तेरे इश्क में रोऊं..
मेरे घर के भी हजार मसले हैं...!!दिल तोड़ के जाने वाले सुन
मुझे तुझ से मोहब्बत आज भी है
तुझे मेरी जरूरत नही तो क्या
मुझे तेरी जरूरत आज भी हैं 🎶ज़माने से सुना था कि मोहब्बत हार जाती है,
जो चाहत एक तरफ हो वो चाहत हार जाती है।कहीं दुआ का एक लफ्ज़ असर कर जाता हैं,
और कभी बरसों की इबादत भी हार जाती है।ये मरना, ये कफ़न, ये क़बर तो रस्म-ए-शरीयत है,
मर तो तब गए थे जब हसरत-ए-इश्क़ दिल में जागी थी!!कर के बेचैन मुझे फिर मेरा हाल ना पूछा,
उसने नजरे फेर ली मैंने भी सवाल ना पूछा!!“आज-कल के रिश्तें बहुत अटेंशन चाहतें हैं
इसलिए रिश्तें से जुड़े दोनों ही टेंशन में रहते हैं”थे धूप से परेशान अब तकलीफ है ठंड से..
साहब,शिकायतें बेसुमार हैं इंसान की आदत में!!रेत की तरह सरकता हुआ वक्त भी संभाल लेंगे,
जब हाथ उनका अपने हाथों में थाम लेंगे...!!बंजारो सी हो गई है जिंदगी,
तू मिले तो कहीं पड़ाव डाले!!इतनी सी ज़िन्दगी में ख्वाब बहुत हैं,
ज़ुल्म का पता नहीं पर इल्ज़ाम बहुत हैं...परख से कब ज़ाहिर हुई सख्शियत किसी की,
हम तो बस उन्हीं के हैं जिनको हमपे यकीन है..कैसे तुम भूल गए हो मुझे आसानी से,
इश्क़ में कुछ भी तो आसान नहीं होता!ना ढूंढती हूं खुद को,
बस खुद से मिलना चाहती हूं,
हसीन सपनों में खो जाऊं,
फिर सब कुछ भूला दूं!तेरा होना अजब होता है...
तुझसे दूर रहना वाकई अजब होता है!!मेरे सपनों में कोई आता है,
इसको मेरा हक बनाता है...दिल के रिश्ते कुछ इस तरह होते हैं,
खामोश रहकर भी बातें कर जाते हैं...तुम्हारी हँसी मेरे दिल की धड़कन है,
तुम्हारा दर्द मेरी आँखों का पानी है!!क्या बताऊँ तुझे तुमसे पहले मैं था,
फिर मेरे अल्फाज़ों ने "तुम" को "मैं" बना दिया!!मोहब्बत में अब कोई नहीं "अपना"
सब वो खुदा को खुदा से "बड़ा" समझते हैं!!यूँ तो लोगों ने कहा बहुत शौक है तुझसे बातें करने का,
पर तुझे बात करते सुनकर पता चला की "किससे" करना था...!!तुझे याद है जब मैंने तुझे कहा था,
तेरे बिना जी नहीं पाऊँगी...
तूने मुझसे कहा था कि हाँ,
तब मैं मान जाऊँगी...!
यह भी पढ़े
- इश्क़, ज़िंदगी और तन्हाई की अनकही बातें - दिल को छूने वाली शायरी
- बेहतरीन रोमांटिक शायरी: दिल को छू जाने वाले प्यार के अल्फाज़
- दिल से छूने वाली शायरी और विचार
- 🔥 दमदार और एटीट्यूड शायरी |
- मोहब्बत के अल्फाज़: दिल को छू लेने वाली शायरी
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें