❤️😘 Love Shayari Hindi Shayari: दिल को छू लेने वाली शायरी Heart-touching poetry

❤️😘 Love Shayari Hindi Shayari: दिल को छू लेने वाली शायरी


by [Shayarigroup.com]

थोडा लिखा और ज़्यादा छोड़ दिया

आने वालों के लिए रास्ता छोड़ दिया।

लड़कियाँ इश्क़ में कितनी पागल होती हैं फ़ोन बजा और चूल्हा जलता छोड़ दिया।

तुम क्या जानो उस दरिया पे क्या गुजरी तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया।

बस कानों पर हाथ रख लेते थोड़ी देर और फिर उस आवाज़ ने पीछा छोड़ दिया।


बहुत कुछ देखना है आगे आगे

अभी दिल ने मिरे देखा ही क्या है


प्यार में प्यार को आज़माया नहीं जाता

आज़मा कर प्यार कभी पाया नहीं जाता प्यार पाने के लिए विश्वास की जरुरत है बिना विश्वास प्यार कभी निभाया नहीं जाता ||


मेरे अल्फाजों के दायरे में सिमटा हुआ है बहुत कुछ,

इज़हार है इक़रार है और बिखरा हुआ है बहुत कुछ.


एक ही मुज़्दा सुब्ह लाती है

धूप आँगन में फैल जाती है

क्या सितम है कि अब तिरी सूरत ग़ौर करने पे याद आती है

कौन इस घर की देख-भाल करे रोज़ इक चीज़ टूट जाती है

  • जौन एलिया

हमें पता है तुम कहीं और के मुसाफ़िर हो,

जरा ठहर जाओ बस फिर चले जाना।


इससे पहले के हवा शोर मचाने लग जाए...!

मेरे अल्लाह मेरी खाक ठिकाने लग जाए...!!

घेरे रहते हैं कई ख़्वाब मेरी आंखों को...! काश कुछ देर मुझे नींद भी आने लग जाए...!!

तो ज़रूरी है कि मैं मिस्र से हिजरत कर जाऊं...! जब जुलेखा ही मेरे दाम घटाने लग जाए...!!

साल भर ईद का रस्ता नहीं देखा जाता...! वह गले मुझसे किसी और बहाने लग जाए...!!

मेरी कोशिश है कि हर शाम ये ढलता सूरज...! शब की दहलीज़ पे एक शमा जलाने लग जाए...!!


तुम्हारे क़द से क़द तो कम है मेरा,

तुम्हारी सोच से लेकिन बड़ा हूँ.


मोहब्बत की हर बात पे आँसू बहा क्यों

तेरा ज़िक्र तेरा चर्चा हर वक़्त रहा क्यों?

उम्मीद यूँ तो मुझको कुछ ज़्यादा ना थी जब तूने सुनना नहीं था मैंने कहा क्यों?

तूने तो मेरी बाबत सोचा ना होगा कभी आख़िर तेरा ही इंतज़ार मुझे रहा क्यों?

दिल पर माना किसी का इख़्तियार नहीं ग़म देना तेरी आदत सही मैंने सहा क्यों?

आज नहीं तो कल शायद तू मिल जाये यह रौशन ख़्याल मेरे दिल में रहा क्यों?


मैं उसका हूं यह राज तो वह जान चुकी है,

वो किसकी है यह सवाल मुझे सोने नहीं देता

🥀


फकत एक शक्स पे जान निकलती है

जिंदगी उसकी बातों से संभलती है

नदामत भरे दिन गुजरते नही मेरे झूठे सपनों की रात देर से ढलती है

अंजुमन में पता चला है मुझे की उसकी और मेरी सोच ज़रा नही मिलती है

लोगों का गुमान है चांद ज़मीन पर है असल में वो शाम को छत पे टहलती है

(अंजुमन - महफिल , गुमान - अनुमान)


फलसफ़ा कोई नहीं है, और न मकसद कोई

लोग कुछ आते जहाँ में, हिनहिनाने के लिए

ज़िंदगी में ग़म बहुत हैं, हर कदम पर हादसे रोज

कुछ समय तो निकालो, मुस्कुराने के लिए

  • हुल्लड़ मुरादाबादी

"लोग कहते है की इतनी दोस्ती मत करो

की दोस्त दिल पर सवार हो जाए. हम कहते हैं दोस्ती इतनी करो की दुश्मन को भी तुमसे प्यार हो जाए...."

💖


कल हवा में बिखर गया था मैं,

फिर न जाने किधर गया था मैं,

वो था इक ख़त्म होते रस्ते सा, उसपे चलकर ठहर गया था मैं,

देर तक उसका इन्तेज़ार किया, फिर अकेला ही घर गया था मैं,

उसकी आंखों में एक दरिया था, जिसमें इक दिन उतर गया था मैं।

  • शकील आज़मी

मेरी कब्र की मचान पर शीशे लगा देना,

उसे देखने की आखरी मुराद बाकी है😭💔


मुस्कुराना मेरे दुखों पर छोड़ दे ऐ ज़माने,

मैं बुजदिल नहीं हूँ जो तूफानों से डर जाऊं, मौत लिखी है किस्मत में तो लड़कर मरूंगा, इतना कायर नहीं कि बातों से ही मर जाऊं।


काग़ज़ की एक नाव पार हो गईं,

इसमें कहाँ समुद्रों की हार हो गई, समुद्र को इतनी सी बात खल गई, ये काग़ज़ की नाँव कैसे पार हो गई ....🌻


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