दिल की बातें: शायरी और भावनाएँ (Things of the Heart: Shayari and Emotions)

दिल की बातें: शायरी और भावनाएँ

अगर मेरी बात का बुरा लगे तू बताया कर,
रूठने से अच्छा है मुझे समझाया कर।


पत्थरों के लोग, यहां वहां मिलते हैं,
हम जैसे लोग, अब कहां मिलते हैं।

तुझे वहां नहीं मिलने वाली मंज़िल,
जहां मेरे क़दमों के, निशा मिलते हैं।

उन्हें मिलते हैं सारे, इश्क़ के लायक़,
हमें तो सारे, बीमार यहां मिलते हैं।

भैरव


हम गमों के मालिक बागों में मिलते हैं,
हम कांटे हैं मगर, गुलाबों में मिलते हैं।
माना ज़्यादा बात नहीं होती है हमारी,
लेकिन हम रोज़, ख्यालों में मिलते हैं।

हम ग़ज़ल में सिर्फ़ सवाल लिखते हैं,
हमें जवाब उसकी, आंखों में मिलते हैं।
— @shayarihishayari✨


अपनी इस ख्वाहिश को,
रोकने की तमन्ना है।
तुझे ख्वाब से निकाल के,
देखने की तमन्ना है।

मेरा गलत इरादे से तुझे,
छुने का इरादा नहीं,
अपने हाथों से तेरे आंसू,
पोछने की तमन्ना है।
#भैरव


न जाने किसको पसंद आ गई मेरी आंखों की नमी,
मैं हँसना भी चाहूँ तो पलके भीग जाती है।
— @shayarihishayari✨

कब तक दूसरों को हंसाते और मनाते रहोगे,
कभी खुद से भी पूछो, हाल कैसा है।
— @shayarihishayari✨😶🥀


संजो लेता हूँ #एक,
यूँही तेरे लफ्जों को,
सुनो, तुम यूँही आते जाते,
कुछ कह दिया करो।


बातों के ज़ख़्म बड़े, गहरे होते हैं दोस्त,
क़त्ल भी हो जाते हैं, और ख़ंजर भी नहीं दिखते।

जिस्म में अभी सांस बचाकर रखी है,
तेरे मिलने की, आस बचाकर रखी है।
अब तुम मिलने, आ जाओ ना हमसे,
हमने अखरी, शाम बचाकर रखी है।
भैरव


चेहरा खास नहीं लेकिन नियत हमारी अच्छी है,
सोच हमारी ऐसी जैसे मानो कोई साफ पानी है।
वक्त बुरा चल रहा है फिलहाल फिर भी बुरे वक्त में भी बडी अदब की अच्छाई है।
@shayarihishayari✨

कोई दिक्कत नहीं है अगर तुम्हें उलझा सा लगता हूं,
मैं पहली मर्तबा मिलने में सबको ऐसा लगता हूं।

जरूरी तो नहीं हम साथ हैं तो कोई चक्कर हो,
वो मेरी दोस्त है और मैं उसे बस अच्छा लगता हूं।

वो सुनता है सबकी दुआ कर तो देखो,
तुम अपनी नसीब आजमा कर तो देखो।
सियाही गुनाहों की धुल जाए दिल से,
तुम आँखों से आँसू बता कर तो देखो!
#भैरव


लाख चाहूँ फिर भी नया नहीं हो सकता,
मुझको एक शख्स ने फेंका है पुराना करके।
#भैरव


निगाहों से ऐसे इशारा न कीजिये,
सरेआम हमको निहारा न कीजिए।
जिसे फूल जैसी नज़र कर दे घायल,
उसे ईंट - पत्थर से मारा न कीजिये।

नदिया ढूढती हैं समुंदर,
ये कैसी प्यास है,
पानी को पानी की तलास है!?

कल किसी ने मुस्कुराते हुए मुझसे मेरी उम्र पूछी,
मैंने हंसते हुए कहा जितनी गुज़री लौटा दोगे क्या!!

उम्र गुजारी जायेगी इस कथन के सहारे,
ना मिलना ही सच्ची मोहब्बत का प्रमाण है!

तुम जायदाद नहीं थे हमारी जिंदगी के,
फिर भी तुम्हें खोने के बाद हम फकीर हो गये।


निष्कर्ष

ये शायरी और विचार हमारे दिल की गहराइयों को छूते हैं। हर एक शब्द में एक एहसास है, एक कहानी है। इन भावनाओं को आप अपने जीवन में महसूस करें और दूसरों के साथ साझा करें।

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