गम-इ-मोहब्बत की शायरी 💔!! सच्ची मोहब्बत शायरी !! (Poetry of 💔 Gam-e-Mohabbat!! True Love Shayari!!)

गम-इ-मोहब्बत की शायरी  💔!! सच्ची मोहब्बत शायरी !!


वक़्त की तरह निकल गए वो,
नजदीक से भी तक़दीर से भी!
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उसने नंबर Delete नही किया मेरा
उसके इस अहसान का भी सौ बार शुक्रिया।
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कहना ही पड़ा उसे यह खत पढ़कर हमारा
कमबख्त की हर बात मोहब्बत से भरी है।
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किसी की आदत हो जाना, 
मोहब्बत हो, जाने से ज्यादा खतरनाक है।
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नए साल में नई मोहब्बत करेंगे हम
किसी के हिज्र ( जुदाई ) में ये आख़िरी महीना है।
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तुझे मांगा है कितना कभी आना मेरे शहर
दरगाह के धागे बतायेंगे बेबसी हमारी..!!
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मिट्टी में मिला दे की जुदा हो नही सकता ,
अब इससे ज्यादा मैं तेरा हो नही सकता।
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हम तो दोस्ती में ही खुश थे 
तुमने ही गले लगाकर बात बिगाड़ दी।
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मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की तलाश में हूँ,
गलती कर रहा हू, लेकिन होशोहवास में हूँ ।
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तुम्हारे नाम की हर लड़की से मिला हूं मैं
तुम्हारा नाम फकत तुम्हीं पर अच्छा लगता है।
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दुनिया का सबसे बड़ा बेवकूफ़ इंसान वो है
जो एक ही पत्थर से दो बार ठोकर खाए।
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मैं तुझे एक नज़र देखना चाहता हूं
इससे पहले कि फरिस्ते मेरी जान ले जायें।
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मेरा बिगड़ा हुआ लहज़ा दिखता है सबको
मेरी बिगड़ी हुई ज़िन्दगी किसी को नज़र नही आती।
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हमने माना के हम बुरे हैं मगर
आप कहते हैं तो बुरा लगता हैं।
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ये नए शख्स तू उसके इतना नजदीक ना जा,
छोड़ देती है औरत हर शख्स पुराना करके।
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उमर तन्हा गुजार डाली साहब 
कोई आने का वादा कर गया था।
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मौत देखती रही 
ज़िन्दगी ने ही मार दिया मुझे।
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तुम्हें पंसद थी ना शायरी मेरी
लौट आओ कुछ लिखा है तुम्हारे लिए।
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जीने की दुआ भी कोई दुआ है,मुर्शिद! 
दुआ दीजिये उससे निकाह हो मेरा.!
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उस शहर में "कब्र" है मेरी!!
न जानें उस लड़की पे कितनी बार मरा हु मैं।
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मैं उस शख़्स के लिए रो रहा हुँ,
जो दुसरो के साथ हँस रहा होगा.
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क्या ख़याल करें उसकी आदतों का हम...
जब उसे ख़याल नहीं कि हम जिंदा भी हैं की नहीं।
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जो हाथ की लकीर में नहीं था
जिंदगी उसी से टकरा गई।
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आज का अखबार, कल की रद्दी है
ये बात हर हुस्न को समझना होगा।
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दाद देते है तेरी मोहब्बत की
तुझे इश्क़ हुआ हर किसी से सिवाय मेरे।
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***

गम-इ-मोहब्बत की शायरी  💔!! सच्ची मोहब्बत शायरी !!

जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी पी के गर्म अश्क
यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े
- कैफ़ी आज़मी 💔🥀

कपड़ो की तरह लोग बदलते है हमसफ़र
ओऱ हम से एक शख़्श पुराना नही हुआ।
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- शरीक़ कैफ़ी 💔

मेरी क़िस्मत में ग़म गर इतना था
दिल भी या-रब कई दिए होते
- मिर्ज़ा ग़ालिब 💔🥀

घर से बाहर निकला नही जाता
रोशनी याद दिलाती है तेरी।
- फ़ुजैल जाफ़री 💔🥀

तेरे पास आने में आधी उम्र गुज़री
आधी उम्र गुज़रेगी तुझसे ऊब जाने में।
- आलम ख़ुर्शीद 💔🥀

रोया हूँ तो अपने दोस्तों में
पर तुझ से तो हँस के ही मिला हूँ।
- जॉन एलिया साहब 💔🥀

याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है
- जमाल एहसानी 💔🥀

इस क़दर रोया हूँ तेरी याद में
आईने आँखों के धुँदले हो गए।
- नासिर काज़मी 💔🥀

देखने के लिए इक चेहरा बहुत होता है
आँख जब तक है तुझे सिर्फ़ तुझे देखूँगा
- शहरयार 💔🥀

वो न आएगा हमें मालूम था इस शाम भी
इंतिज़ार उस का मगर कुछ सोच कर
करते रहे।
- परवीन शाक़िर 💔🥀

जब तुझे याद कर लिया सुब्ह महक महक उठी
जब तिरा ग़म जगा लिया रात मचल मचल गई
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ 💔🥀

यूँही दिल ने चाहा था रोना-रुलाना
तिरी याद तो बन गई इक बहाना
- साहिर लुधियानवी 💔🥀

उस लड़की से बस इतना रिश्ता है
मिल जाए तो बात वगैरा करती है।
-तहज़ीब हाफ़ि 💔🥀

ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं
- अब्बास ताबिश 💔🥀

तेरी मज़बूरियां दुरुस्त मग़र
तू ने वादा किया था याद तो कर।
- नासिर काज़मी 💔🥀

गँवाई किस की तमन्ना में ज़िंदगी मैं ने
वो कौन है जिसे देखा नहीं कभी मैं ने
- हज़रत जॉन एलिया 💔🥀

तेरी तस्वीर हट जाएगी
लेक़िन नज़र दीवार पर जाती रहेगी।
- तहज़ीब हाफ़ी 💔🥀

ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
- शक़ील बदायुनी 💔🥀

दिल वो नगर नहीं कि फिर आबाद हो सके
पछताओगे सुनो ये बस्ती उजाड़ कर
- मीर तक़ि मीर 💔🥀

तेरे आने की क्या उमीद मगर
कैसे कह दूँ कि इंतिज़ार नहीं
- फ़िराक गोरखपुरी 💔🥀

जब उसे कोई दूसरा पसन्द आया
हम में लाखों बुराइयां निकली ।💔🥀
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तेरी खुशबू से जो वाकिफ़ नही
वो फूलो से गुजारा कर रहे है।
- फ़हीम बदायुनी साहब 💔🥀

दिल ले के मुफ़्त कहते हैं कुछ काम का नहीं
उल्टी शिकायतें हुईं एहसान तो गया
- दाग़ देहलवी 💔🥀

किसी ने मुफ़्त में वो शख़्श पाया
जो हर क़ीमत पर मुझे चाहिए था।
- Uzair Hijazi 💔🥀

कोई तो पांव की जंजीर बनता
कोई तो रोकता रस्ता हमारा।
- Azhar Iqbal 💔🥀
कौनसी बात है जो उसमे नही
उसको देखे मेरी नज़र से कोई।
- शहरयार 💔🥀

उसने आंसू भी देखे थे मेरे
फिर भी उसने कहा मुझे जाना है।
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तीसरा लड़का मसला था मग़र
हमने एक दूसरे को छोड़ दिया।
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बिन सोए जो गुज़र गयी
वो राते तुम पर कर्ज़ है।
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कभी जो ख़ुश हुए तो लिखेंगे
के हम क्यों उदास रहते थे।
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हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते है
बस इसलिए हम हर शख़्श से कम मिलते है।
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वो किसी और के होकर बोलती है.
तुम्हारी जगह कोई और नही ले सकता.
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मैं इतनी छोटी कहानी भी न था
बस तुम्हे जल्दी थी किताब बदलने की।
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कुछ उसे भी दूरियां पसंद आने लगी थी
कुछ मैने भी वक्त मांगना छोड़ दिया।
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किंतु, परंतु, लेकिन, अगर, मगर, काश नहीं करते
निभाने वाले कभी बहाने को तलाश नहीं करते!!
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उधर उनकी चल रही है औरों से गुफ़्तगू,
इधर मेरी खुद से भी बोल चाल बंद है..
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दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा,
न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा।
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आज देखा है तुझे कई दिनों के बाद
आज का ये दिन कहीं गुज़र ना जाये।
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रिश्तों की दर्द भरी शायरी
कोई होता ही नही मेरा
तुम अपनी ही मिसाल ले लो।
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बात ही नही हुई सुबह से
सुबह ही नही हुई सुबह से।
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दिल तो उदास होना ही था,
मोहब्बत के सफर में वापसी थी मेरी ।
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गुज़र जाती है मेरे दर से तेज़ कदमों में,
ज़िन्दगी दरवाज़े पे दस्तक नहीं देती।
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लोग तोल देते है चंद बातो पर किरदार,
बारी अपनी हो तो तराजू नहीं मिलता।
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किस ज़ुर्म में छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी
मेने तो किसी का दिल भी नही दुखाया।
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दोस्तो ने हंसा दिया आकर
अच्छा ख़ासा उदास बैठे थे।
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नींद आए तो सो जाया करो
रात में जागने से मोहब्बत नहीं मिलती!
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तुमने भी उस वक्त बेवफाई की
जब यकीन आखिरी मुकाम पर था !!
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डरने लगे है माँ बाप भी कुछ कहने से,
ये नई नस्ल पंखे से जल्दी लटक जाती है!!
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निकाल कर वक़्त इस ज़माने से
चल मिलते है ना किसी बहाने से।
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सच्ची मोहब्बत शायरी
नसीब ने पूछा बोल क्या चाहिए,
मेने ख़ुशी क्या मांग ली, खामोश हो गया।
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आवाज़ लगाने पर तो जमाना सुन लेता है
जो खामोशी सुने उसे मोहब्बत कहते है
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जुदाई की दर्द भरी शायरी

सिर्फ़ एक इंसान से ही उम्र भर प्यार
करना ही मोहब्बत की असल खूबसूरती है।
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मेरी कब्र के कीड़े भी भूखे रहेंगे
कुछ इस तरह से खा गया है इश्क़ उसका।
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प्यार में भरोसा होना चाहिए
शक़ तो पूरी दुनियां करती है।
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दुरियां भी क्या क्या करा देती हैं,
कोई याद बन गया, कोई ख्वाब बन गया।
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हम फ़ालतू लोग है ज़नाब
हम मर भी गए तो किसी को याद नही आएंगे।
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मुझे वो पुराने वाले तुम बहुत याद आते हो..
जो मेरी बातों की कद्र किया करते थे..!
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माना तेरे फैसले बेहतर है ऐ रब
लेकिन मेरा दिल उसे पाने को तरस जाता है।
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अपना वो है जो किसी ओर के लिए
आपको नज़रंदाज़ ना करे।
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मेरी आँखों मे अब एक चुभते है
तूने जो ख़्वाब तोड़ डाले है।
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चांद की क़ीमत वो क्या जाने
जो सूरज ढलते ही सो गया।
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रास्ते कोई और बदल लेता है ओर
मंज़िल किसी ओर की बदल जाती है।
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हार गया में
तुझे पाने में भी,भुलाने में भी।
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डर है फ़िर से मोहब्बत ना हो जाये
फिर से वही बिता दौर वापस ना आ जाये।
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खुदा करे वह कभी भुल ना सके मुझे
खुदा करे उमर उसकी लंबी हो।
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मोहब्बत की गम भरी शायरी

अपनी हालत का भी अंदाजा नहीं मुझ को
औरों से सुना है बहुत उजड़ गए हैं हम।
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तुम हसीन हो तुम्हारी फिक्र हर किसी को होगी,
हम आशिक हैं अपना ख्याल खुद ही रखते हैं।.
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टकरा गया वो मुझसे किताबें लिए हुए,
फिर मेरा दिल और उसकी किताबें बिखर गयीं।।
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एक लाल गुलाब मेरी "मां" के लिए जो
बिना मतलब के मुझे प्यार करती है।
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कुछ ख्वाब तुमने तोड़ दिए
बाकी मैनें देखने छोड़ दिए...!!
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उसको पता था हम जी नहीं पाएंगे उसके बिना ,
फिर उसने हमें जीने लायक छोड़ा ही नहीं।
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खुदकुशी भी हराम है
ए मोहब्बत ये कहा पे लाकर छोड़ा तूने।
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सुकून गिरवीं है उसके पास
मोहब्बत कर्ज़ ली थी उससे।
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सच्ची मोहब्बत शायरी
एक उम्र वो थी, जब जादू पर भी यकीन था,
एक उम्र ये है, हकीकत पर भी शक है..!!
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लोग आपके साथ तबतक ही रहते हैं,
जब तक उन्हें आपसे बेहतर नहीं मिल जाता..
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वो कब्रे खोदती फ़िरेगी साहब
में अपनी कब्र पर तख़्ती भी ना लगाऊंगा।
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खेलते बच्चो को देख खौफ आता है
इन्हे भी यार मोहब्बत ने घेर लेना है।
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जिस तरह से मैने तुम्हे चाहा
कोई और चाहे तो भूल जाना मुझे।
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वह समझती है कि हर शख्स बदल जाता है
उसे लगता है जमाना उसके जैसा है।
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जिंदगी की दर्द भरी शायरी

आवाज़ देकर तो बुला लू उसे,
लेकिन में चाहता हूँ वो ढूंढे मुझे!
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दौलत तो ले के निकले हो तुम जेब में मगर..
मुमकिन नहीं किसी का मुक़द्दर ख़रीद लो।
💔💯

काश कभी समझ पाओ तुम
में बदल नही रहा ख़त्म हो रहा हूं।
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एक तेरा खयाल हमे सोने नही देता
वरना बहुत गहरी नींद हैं इन आंखों मैं।
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सच्ची मोहब्बत शायरी
मैं अपने आप को इतना समेट सकता हूँ,
कहीं भी कब्र बनाओ मैं लेट सकता हूँ।
💔🥀

कभी खामोशियाँ भी निशानिया छोड़ देती है !! 😌



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